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'जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल बाद भी हम अंग्रेजों की माफी के मोहताज क्यों' - जलियांवाला बाग नरसंहार

ब्रिटेन की सरकार ने आज तक जलियांवाला बाग नरसंहार पर माफी नहीं मांगी है. 100 साल पहले हुए इस कृत्य में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 379 लोगों की मौत हुई थी. भारत लगातार इस मुद्दे पर माफी मांगे जाने की बात कहता रहा है.

सच्चिदानंद जोशी का संबोधन
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Published : Apr 17, 2019, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने सवाल किया कि हम अंग्रेजों की माफी के मोहताज क्यों हैं.

सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि हमारे देश के लोग यह कह रहे हैं कि अंग्रेज सरकार ने आज भी इसके लिए सिर्फ खेद प्रकट किया, और कहा कि यह एक शर्मनाक हादसा था, लेकिन इसके लिए माफी क्यों नहीं मांगी?

सच्चिदानंद जोशी का संबोधन

जोशी ने कहा कि अंग्रेजों का हमारे जीवन में क्या महत्व है? अगर उन्हें अपने किए पर शर्म नहीं है तो हमें क्या परवाह है कि वह अपने किए पर माफी मांगें.

उन्होंने कहा कि भारत और माफ़ीनामे में से अब कहीं आगे बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि अब जरूरत यह है कि हम जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गए उन शहीदों की याद करें.

बकौल जोशी जलियांवाला बाग हत्याकांड जहां हमें शहादत की याद दिलाता है तो वहीं हमें हमारी एकता का भी याद दिलाता है.

सच्चिदानंद जोशी आईजीएनसीए में जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे होने पर आयोजित 'याद करो कुर्बानी' कार्यक्रम के दौरान कही.

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने सवाल किया कि हम अंग्रेजों की माफी के मोहताज क्यों हैं.

सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि हमारे देश के लोग यह कह रहे हैं कि अंग्रेज सरकार ने आज भी इसके लिए सिर्फ खेद प्रकट किया, और कहा कि यह एक शर्मनाक हादसा था, लेकिन इसके लिए माफी क्यों नहीं मांगी?

सच्चिदानंद जोशी का संबोधन

जोशी ने कहा कि अंग्रेजों का हमारे जीवन में क्या महत्व है? अगर उन्हें अपने किए पर शर्म नहीं है तो हमें क्या परवाह है कि वह अपने किए पर माफी मांगें.

उन्होंने कहा कि भारत और माफ़ीनामे में से अब कहीं आगे बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि अब जरूरत यह है कि हम जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गए उन शहीदों की याद करें.

बकौल जोशी जलियांवाला बाग हत्याकांड जहां हमें शहादत की याद दिलाता है तो वहीं हमें हमारी एकता का भी याद दिलाता है.

सच्चिदानंद जोशी आईजीएनसीए में जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे होने पर आयोजित 'याद करो कुर्बानी' कार्यक्रम के दौरान कही.

Intro:नई दिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए)  के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि जालियांवाला बाग हत्याकांड के 100 साल पूरे होने पर हमारे देश के लोग यह कह रहे हैं कि अंग्रेज सरकार ने आज भी इसके लिए सिर्फ खेद प्रकट किया और कहा कि यह एक शर्मनाक हादसा था लेकिन इसके लिए माफी क्यों नहीं मांगी। सच्चिदानंद जोशी ने कहा मेरा प्रश्न तो यह है की हम अंग्रेजो की माफी के मोहताज क्यों है।





Body:आईजीएनसीए के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने कहा कि अंग्रेजों का हमारे जीवन में क्या महत्व है। अगर उन्हें अपने किए पर शर्म नहीं है तो हमें क्या परवाह है कि वह अपने किए पर माफी मांगे। उन्होंने कहा कि भारत और माफ़ीनामे में से अब कहीं आगे बढ़ गया है।


उन्होंने यह बात आईजीएनसीए में जलियांवाला बाग हत्याकांड के सौ साल पूरे होने पर आयोजित की जा रही 'याद करो कुर्बानी' कार्यक्रम के दौरान कही।


Conclusion:सच्चिदानंद जोशी ने कहा की अब जरूरत यह है कि हम जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गए उन शहीदों की याद करें। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड  जहां हमें शहादत की याद दिलाता है तो वहीं हमें हमारी एकता का भी याद दिलाता है। 
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