अमरावती : रूस से भ्रमण के लिए भारत आई मां-बेटी, ओलिविया और एस्तेर लॉकडाउन के कारण आंध्र प्रदेश के तिरुपति में फंस गई हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से वापस घर जाने के लिए मदद की गुहार लगाई है.
दरअसल मंदिरों में दर्शन के उद्देश्य से ओलिविया और उनकी बेटी एस्तेर गत छह फरवरी को भारत आई थीं. लेकिन लॉकडाउन के बाद वे पश्चिम बंगाल में फंस गईं. अनलॉक की प्रक्रिया की शुरुआत के साथ एस्तेर तिरुमाला पहुंचीं. कोरोना महामारी के कारण अब तक विदेशियों को दर्शन करने की अनुमति नहीं मिली. जिसके कारण वह कुछ पैसों के साथ तिरुपति में समय बिता रहे हैं.
अधिक से अधिक रूसी उत्तर भारत में वृंदावन आते हैं, जहां एस्तेर की मां ओलिविया लॉकडाउन के कारण फंस गई और उनकी बेटी एस्तेर तिरुपति में फंस गई. अनजान देश में मां-बेटी हजारों किलोमीटर की दूरी पर फंस गई हैं.
एस्तेर ने रोते हुए बताया कि उनके पास केवल हजार रुपये ही बचे हैं. वह मुश्किल में हैं. अभी एक छात्रावास प्रबंधक ने उसे कपिलतीर्थम में शरण दी है. वह जीवन यापन करने के लिए फिजियोथेरेपी, पेंटिंग और मेकअप कर महीनों से कुछ पैसे कमा रही है. कोरोना काल में कोई उनकी मदद करने को तैयार नहीं हो रहा है. ऐसे में एस्तेर ने ईटीवी भारत को अपनी आप बीती सुनाई.
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एस्तेर ने बताया कि उन्हें वहां फंसे हुए छह महीने बीत गए. वह जैसे-तैसे कर अपना पेट पाल रही है. विदेशों से कई समाजसेवियों ने उन्हें वापस बुलाने का आश्वासन दिया है. रूस की हवाई यात्रा के लिए पैसे देने के लिए ट्रेवल कंपनी तैयार है. मैराम इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 25,000 रुपये देने की घोषणा की है.
इस बीच स्थानीय विधायक ने कहा कि वह रूसी लड़की को तत्काल मदद के रूप में 10 हजार रुपये प्रदान करेगा. तिरुपति शहरी विकास प्राधिकरण (टीयूजीए) के एक अधिकारी के परिवार ने एस्तर की मदद की है. एक दूसरे अन्य सरकारी अधिकारी ने उसे 10 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की है.