ETV Bharat / bharat

गगनयान मिशन : अंतरिक्ष यात्रियों के लिए रूस में सूट का निर्माण

रूसी अनुसंधान और विकास उद्यम 'वेजदा' ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष सूट का निर्माण शुरू कर दिया है.ग्लेवकोसमोस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिमित्री लॉस्कुतोव ने कहा कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अंतरिक्ष यात्री तीन सितंबर को वेजदा आए और अंतरिक्ष सूट के लिए उनकी नाप ली गई है.

Mission Gaganyaan
मिशन गगनयान
author img

By

Published : Sep 8, 2020, 7:34 AM IST

Updated : Sep 8, 2020, 7:49 AM IST

बेंगलुरु: रूसी अनुसंधान और विकास उद्यम 'वेजदा' ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष सूट का निर्माण शुरू कर दिया है.

अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ का हिस्सा हो सकते हैं. रूस की एक संस्था ने सोमवार को यह जानकारी दी. ग्लेवकोसमोस ने कहा कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए व्यक्तिगत उड़ान उपकरण का निर्माण शुरू कर दिया गया है.

ग्लेवकोसमोस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिमित्री लॉस्कुतोव ने कहा कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अंतरिक्ष यात्री तीन सितंबर को वेजदा आए और अंतरिक्ष सूट के लिए उनकी नाप ली गई.

पढ़ें : कोरोना : गगनयान के पहले मानव रहित मिशन में हो सकती है देरी

गगनयान मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के चार पायलटों और संभावित अंतरिक्ष यात्रियों का वर्तमान में रूस में प्रशिक्षण चल रहा है. सीएनईएस के साथ भागीदारी में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा आयोजित स्पर्धा के बाद पेसक्वेट के नए मिशन के तौर पर अल्फा का नाम चुना गया. इसके लिए 27,000 से ज्यादा प्रविष्टियां आई थी. पेसक्वेट 2016 और जून 2017 के बीच आईएसएस पर छह महीना रह चुके हैं . वर्तमान में मिशन अल्फा के लिए वह प्रशिक्षण ले रहे हैं.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने बताया कोरोना वायरस से पैदा हालात के ठीक होने पर भारतीय अंतरिक्ष सर्जन अगले साल फ्रांस जाएंगे. गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को उपकरण की आपूर्ति के लिए विशेष तालमेल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की.

बेंगलुरु: रूसी अनुसंधान और विकास उद्यम 'वेजदा' ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष सूट का निर्माण शुरू कर दिया है.

अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ का हिस्सा हो सकते हैं. रूस की एक संस्था ने सोमवार को यह जानकारी दी. ग्लेवकोसमोस ने कहा कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए व्यक्तिगत उड़ान उपकरण का निर्माण शुरू कर दिया गया है.

ग्लेवकोसमोस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिमित्री लॉस्कुतोव ने कहा कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अंतरिक्ष यात्री तीन सितंबर को वेजदा आए और अंतरिक्ष सूट के लिए उनकी नाप ली गई.

पढ़ें : कोरोना : गगनयान के पहले मानव रहित मिशन में हो सकती है देरी

गगनयान मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के चार पायलटों और संभावित अंतरिक्ष यात्रियों का वर्तमान में रूस में प्रशिक्षण चल रहा है. सीएनईएस के साथ भागीदारी में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा आयोजित स्पर्धा के बाद पेसक्वेट के नए मिशन के तौर पर अल्फा का नाम चुना गया. इसके लिए 27,000 से ज्यादा प्रविष्टियां आई थी. पेसक्वेट 2016 और जून 2017 के बीच आईएसएस पर छह महीना रह चुके हैं . वर्तमान में मिशन अल्फा के लिए वह प्रशिक्षण ले रहे हैं.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने बताया कोरोना वायरस से पैदा हालात के ठीक होने पर भारतीय अंतरिक्ष सर्जन अगले साल फ्रांस जाएंगे. गगनयान के अंतरिक्ष यात्रियों को उपकरण की आपूर्ति के लिए विशेष तालमेल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की.

Last Updated : Sep 8, 2020, 7:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.