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जाने-माने आरएसएस प्रचारक पी. परमेश्वरन का निधन

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के जाने माने प्रचारक पी परमेश्वरन का निधन हो गया है. बता दें कि वह 91 वर्ष के थे. पढ़ें विस्तार से...

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पी. परमेश्वरन
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Published : Feb 9, 2020, 11:41 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 5:42 PM IST

कोच्चि : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठतम प्रचारकों में से एक और पूर्ववर्ती भारतीय जन संघ के नेता रहे पी. परमेश्वरन का शनिवार देर रात निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे.

संघ परिवार के सूत्रों ने बताया कि भारतीय विचार केंद्रम् के संस्थापक निदेशक का केरल के पलक्कड़ जिले के ओट्टाप्पलम में आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था और वहीं उन्होंने देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली.

जन संघ के दिनों में दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और एल. के. आडवाणी जैसे नेताओं के साथ काम कर चुके परमेश्वरन को देश के दूसरे सबसे बड़े असैन्य सम्मान पद्म विभूषण से 2018 में और पद्म श्री से 2004 में नवाजा गया था.

परमेश्वरन एक बेहतरीन लेखक, कवि, अनुसंधानकर्ता और सम्मानित आरएसएस विचारक थे. उन्होंने भारतीय जन संघ के सचिव (1967-1971) और उपाध्यक्ष (1971-1977) के अलावा नयी दिल्ली स्थित दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के निदेशक (1977-1982) के तौर पर भी सेवाएं दीं.

परमेश्वरन का जन्म 1927 में अलप्पुझा जिले के मुहम्मा में हुआ था. वह आरएसएस के साथ तभी जुड़ गए थे, जब वह छात्र थे.

ये भी पढ़ें- कोरोना : केरल के छात्र लौटे, राजस्थान के 45 छात्र अब भी चीन में फंसे हैं

परमेश्वरन ने आपातकाल के दौरान इसके खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया था और इसी कारण वह 16 महीने जेल में भी रहे थे. उन्होंने ‘‘केरलवासियों में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए 1982 में भारतीय विचार केंद्रम् की स्थापना की थी.

सूत्रों ने बताया कि उनके पार्थिव देह को रविवार सुबह कोच्चि में आरएसएस मुख्यालय लाया जाएगा जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे. उनका अंतिम संस्कार शाम को मुहम्मा में किया जाएगा.

कोच्चि : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठतम प्रचारकों में से एक और पूर्ववर्ती भारतीय जन संघ के नेता रहे पी. परमेश्वरन का शनिवार देर रात निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे.

संघ परिवार के सूत्रों ने बताया कि भारतीय विचार केंद्रम् के संस्थापक निदेशक का केरल के पलक्कड़ जिले के ओट्टाप्पलम में आयुर्वेदिक उपचार चल रहा था और वहीं उन्होंने देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली.

जन संघ के दिनों में दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और एल. के. आडवाणी जैसे नेताओं के साथ काम कर चुके परमेश्वरन को देश के दूसरे सबसे बड़े असैन्य सम्मान पद्म विभूषण से 2018 में और पद्म श्री से 2004 में नवाजा गया था.

परमेश्वरन एक बेहतरीन लेखक, कवि, अनुसंधानकर्ता और सम्मानित आरएसएस विचारक थे. उन्होंने भारतीय जन संघ के सचिव (1967-1971) और उपाध्यक्ष (1971-1977) के अलावा नयी दिल्ली स्थित दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के निदेशक (1977-1982) के तौर पर भी सेवाएं दीं.

परमेश्वरन का जन्म 1927 में अलप्पुझा जिले के मुहम्मा में हुआ था. वह आरएसएस के साथ तभी जुड़ गए थे, जब वह छात्र थे.

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परमेश्वरन ने आपातकाल के दौरान इसके खिलाफ सत्याग्रह में भाग लिया था और इसी कारण वह 16 महीने जेल में भी रहे थे. उन्होंने ‘‘केरलवासियों में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए 1982 में भारतीय विचार केंद्रम् की स्थापना की थी.

सूत्रों ने बताया कि उनके पार्थिव देह को रविवार सुबह कोच्चि में आरएसएस मुख्यालय लाया जाएगा जहां लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे. उनका अंतिम संस्कार शाम को मुहम्मा में किया जाएगा.

Last Updated : Feb 29, 2020, 5:42 PM IST
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