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नॉर्थवेस्टर्न टीम द्वारा विकसित किया गया जीवित प्राणियों की नकल करने वाला रोबोट - सिम्पसन क्वेरे इंस्टीट्यूट के निदेशक

सैम्यूल आई स्टुप के नेतृत्व में नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं की एक टीम ने सॉफ्ट मटैरियल का एक परिवार विकसित किया है, जिसे टीम द्वारा 'रोबोटिक नरम मैटर' नाम दिया गया है. यह जीवित प्राणियों की नकल करता है.

नकल करने वाला रोबोट
नकल करने वाला रोबोट
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Published : Jun 25, 2020, 4:04 AM IST

इवान्स्टन: सैम्यूल आई स्टुप के नेतृत्व में नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं की एक टीम ने नरम मटैरियल का एक परिवार विकसित किया है, जिसे टीम द्वारा 'रोबोटिक नरम मैटर' नाम दिया गया है. यह जीवित प्राणियों की नकल करता है.

इस पर रोशनी पड़ती है , तो फिल्म-पतली मटैरियल जीवित हो जाता है , जिससे वह सतहों पर झुकना, घूमना और रेंगना शुरू कर देता है. परिणामस्वरूप, यह ऊर्जा, पर्यावरण उपचार और उन्नत चिकित्सा में संभावित अनुप्रयोगों के साथ कई कार्यों को पूरा करने की संभावना को बढ़ाता है.

सैम्यूल का कहना है कि हम एक ऐसे युग में रहते हैं, जिसमें स्मार्ट उपकरणों को लगातार विकसित किया जा रहा है, ताकि हमें अपने रोजमर्रा के जीवन को आसान कर सकें.

स्टुप , जिन्होंने प्रयोगात्मक अध्ययनों का नेतृत्व किया का कहना है कि अगला फ्रंटियर नए विज्ञान के विकास में है जिससे जीवित प्राणियों की क्षमताओं को प्राप्त करने के लिए डिजाइन करके हमारे जीवन को लाभ पहुंचाएगा.

उन्होंने बताया कि इन मटैरियल की संरचना में नैनोस्केल पेप्टाइड असेंबली शामिल हैं, जो पानी के अणुओं में से मटैरियल को बाहर निकालती हैं.

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष और क्वेरे इंस्टीट्यूट के निदेशक सिम्पसन ने बताया कि जब प्रकाश इन मटैरियलस से टकराता है, तो मूवमेंट होता है, क्योंकि उनमें पानी निकलता है और जब प्रकाश बंद होता है तो पानी इन मटैरियल्स में वापस चला जाता है. नतीजतन, यह दिशात्मक गति को ट्रिगर करता है.

पढ़ें - फेसबुक वीआर हेडसेट ओकुलस गो को करेगा बंद

जॉर्ज शटज, वेन्सबर्ग में रसायन विज्ञान के चार्ल्स ई और एम्मा एच मॉरिसन प्रोफेसर ने मटेरियल के आजीवन व्यवहार के कंप्यूटर सिमुलेशन का नेतृत्व किया है.

इवान्स्टन: सैम्यूल आई स्टुप के नेतृत्व में नॉर्थवेस्टर्न विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं की एक टीम ने नरम मटैरियल का एक परिवार विकसित किया है, जिसे टीम द्वारा 'रोबोटिक नरम मैटर' नाम दिया गया है. यह जीवित प्राणियों की नकल करता है.

इस पर रोशनी पड़ती है , तो फिल्म-पतली मटैरियल जीवित हो जाता है , जिससे वह सतहों पर झुकना, घूमना और रेंगना शुरू कर देता है. परिणामस्वरूप, यह ऊर्जा, पर्यावरण उपचार और उन्नत चिकित्सा में संभावित अनुप्रयोगों के साथ कई कार्यों को पूरा करने की संभावना को बढ़ाता है.

सैम्यूल का कहना है कि हम एक ऐसे युग में रहते हैं, जिसमें स्मार्ट उपकरणों को लगातार विकसित किया जा रहा है, ताकि हमें अपने रोजमर्रा के जीवन को आसान कर सकें.

स्टुप , जिन्होंने प्रयोगात्मक अध्ययनों का नेतृत्व किया का कहना है कि अगला फ्रंटियर नए विज्ञान के विकास में है जिससे जीवित प्राणियों की क्षमताओं को प्राप्त करने के लिए डिजाइन करके हमारे जीवन को लाभ पहुंचाएगा.

उन्होंने बताया कि इन मटैरियल की संरचना में नैनोस्केल पेप्टाइड असेंबली शामिल हैं, जो पानी के अणुओं में से मटैरियल को बाहर निकालती हैं.

बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष और क्वेरे इंस्टीट्यूट के निदेशक सिम्पसन ने बताया कि जब प्रकाश इन मटैरियलस से टकराता है, तो मूवमेंट होता है, क्योंकि उनमें पानी निकलता है और जब प्रकाश बंद होता है तो पानी इन मटैरियल्स में वापस चला जाता है. नतीजतन, यह दिशात्मक गति को ट्रिगर करता है.

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जॉर्ज शटज, वेन्सबर्ग में रसायन विज्ञान के चार्ल्स ई और एम्मा एच मॉरिसन प्रोफेसर ने मटेरियल के आजीवन व्यवहार के कंप्यूटर सिमुलेशन का नेतृत्व किया है.

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