ETV Bharat / bharat

सड़क सुरक्षा उपायों से 2010-2018 के दौरान दुर्घटनाओं में कमी हुई

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई वर्ष 2017 में 4,64,910 के मुकाबले 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इस अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी लगभग 2.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2017 में 1,47,913 के मुकाबले 2018 में 151471 लोग मारे गए थे. सड़क दुर्घटना में घायलों की संख्‍या में 2017 की तुलना में 2018 में 0.33 प्रतिशत की कमी आई. जानें विस्तार से...

प्रतीकात्मक चित्र
author img

By

Published : Nov 20, 2019, 7:54 AM IST

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज अपनी रिपोर्ट 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं - 2018' जारी की है. यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान शाखा का वार्षिक प्रकाशन है, जिसमें राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की पुलिस से मिले आंकड़ों के आधार पर दुर्घटनाओं, इससे होने वाली मौतों एवं घायलों के बारे में वर्षवार विवरण उपलब्‍ध कराया जाता है.

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:-

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई वर्ष 2017 में 4,64,910 के मुकाबले 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इस अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी लगभग 2.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2017 में 1,47,913 के मुकाबले 2018 में 151471 लोग मारे गए थे. सड़क दुर्घटना में घायलों की संख्‍या में 2017 की तुलना में 2018 में 0.33 प्रतिशत की कमी आई.

रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2010 तक दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों की संख्‍या में वृद्धि दर्ज की गई थी. इसके बाद वर्ष दर वर्ष मामूली उतार-चढ़ाव के साथ वे कुछ हद तक स्थिर हो गए. इसके अलावा, 2010-2018 की अवधि में दुर्घटनाओं के साथ-साथ दुर्घटनाओं की वार्षिक वृद्धि दर में भारी गिरावट आई और ऑटोमोबाइल के विकास की अधिक दर के बावजूद, पिछले दशकों की तुलना में कम थी.

राष्ट्रीय राजमार्ग, जिसमें कुल सड़क नेटवर्क का 1.94 प्रतिशत शामिल है, कुल सड़क दुर्घटनाओं के 30.2 प्रतिशत और 2018 में 35.7 प्रतिशत मौतों का कारण है. राज्य के राजमार्गों में सड़क की लंबाई का 2.97 प्रतिशत हिस्सा 25.2 प्रतिशत दुर्घटनाओं और 26.8 प्रतिशत मृत्यु का कारण है. अन्य सड़कें, जो कुल सड़कों का लगभग 95.1 प्रतिशत हैं, क्रमशः 45 प्रतिशत दुर्घटनाओं और 38 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार थीं.

इसे भी पढ़ें- हमारी हवा को है गंभीर खतरा

सड़क उपयोगकर्ता की श्रेणी के द्वारा दुर्घटना संबंधी मौतों के संदर्भ में, पैदल चलने वालों की संख्या 15 प्रतिशत थी, साइकिल चालकों की हिस्सेदारी 2.4 प्रतिशत थी और दोपहिया वाहनों की संख्या 36.5 प्रतिशत थी. साथ में ये श्रेणियां दुर्घटना संबंधी मौतों का 53.9 प्रतिशत है और वैश्विक रुझानों के अनुरूप सबसे असुरक्षित श्रेणियां हैं.

2018 के दौरान, पिछले दो वर्षों की तरह, 18 से 45 वर्ष के युवा वयस्क लगभग 69.6 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के शिकार बने. कुल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 18 वर्ष से 60 वर्ष आयुवर्ग के कामकाजी आयु समूह की हिस्सेदारी 84.7 प्रतिशत थी.

2018 में हिट एंड रन के मामलों में 18.9 प्रतिशत मौतें हुई थीं, जबकि 2017 में यह 17.5 प्रतिशत थी. 2018 में लगभग 56 प्रतिशत व्यक्तियों की मौत आमने-सामने टक्कर और उसके बाद पीछे से लगी टक्‍कर के कारण हुई. इस श्रेणी में 2018 में मारे गए व्यक्तियों के संदर्भ में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई थी.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज अपनी रिपोर्ट 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं - 2018' जारी की है. यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान शाखा का वार्षिक प्रकाशन है, जिसमें राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की पुलिस से मिले आंकड़ों के आधार पर दुर्घटनाओं, इससे होने वाली मौतों एवं घायलों के बारे में वर्षवार विवरण उपलब्‍ध कराया जाता है.

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:-

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई वर्ष 2017 में 4,64,910 के मुकाबले 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इस अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी लगभग 2.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2017 में 1,47,913 के मुकाबले 2018 में 151471 लोग मारे गए थे. सड़क दुर्घटना में घायलों की संख्‍या में 2017 की तुलना में 2018 में 0.33 प्रतिशत की कमी आई.

रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2010 तक दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों की संख्‍या में वृद्धि दर्ज की गई थी. इसके बाद वर्ष दर वर्ष मामूली उतार-चढ़ाव के साथ वे कुछ हद तक स्थिर हो गए. इसके अलावा, 2010-2018 की अवधि में दुर्घटनाओं के साथ-साथ दुर्घटनाओं की वार्षिक वृद्धि दर में भारी गिरावट आई और ऑटोमोबाइल के विकास की अधिक दर के बावजूद, पिछले दशकों की तुलना में कम थी.

राष्ट्रीय राजमार्ग, जिसमें कुल सड़क नेटवर्क का 1.94 प्रतिशत शामिल है, कुल सड़क दुर्घटनाओं के 30.2 प्रतिशत और 2018 में 35.7 प्रतिशत मौतों का कारण है. राज्य के राजमार्गों में सड़क की लंबाई का 2.97 प्रतिशत हिस्सा 25.2 प्रतिशत दुर्घटनाओं और 26.8 प्रतिशत मृत्यु का कारण है. अन्य सड़कें, जो कुल सड़कों का लगभग 95.1 प्रतिशत हैं, क्रमशः 45 प्रतिशत दुर्घटनाओं और 38 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार थीं.

इसे भी पढ़ें- हमारी हवा को है गंभीर खतरा

सड़क उपयोगकर्ता की श्रेणी के द्वारा दुर्घटना संबंधी मौतों के संदर्भ में, पैदल चलने वालों की संख्या 15 प्रतिशत थी, साइकिल चालकों की हिस्सेदारी 2.4 प्रतिशत थी और दोपहिया वाहनों की संख्या 36.5 प्रतिशत थी. साथ में ये श्रेणियां दुर्घटना संबंधी मौतों का 53.9 प्रतिशत है और वैश्विक रुझानों के अनुरूप सबसे असुरक्षित श्रेणियां हैं.

2018 के दौरान, पिछले दो वर्षों की तरह, 18 से 45 वर्ष के युवा वयस्क लगभग 69.6 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के शिकार बने. कुल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 18 वर्ष से 60 वर्ष आयुवर्ग के कामकाजी आयु समूह की हिस्सेदारी 84.7 प्रतिशत थी.

2018 में हिट एंड रन के मामलों में 18.9 प्रतिशत मौतें हुई थीं, जबकि 2017 में यह 17.5 प्रतिशत थी. 2018 में लगभग 56 प्रतिशत व्यक्तियों की मौत आमने-सामने टक्कर और उसके बाद पीछे से लगी टक्‍कर के कारण हुई. इस श्रेणी में 2018 में मारे गए व्यक्तियों के संदर्भ में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई थी.

Intro:Body:

सड़क सुरक्षा उपायों से 2010-2018 के दौरान दुर्घटनाओं में कमी हुई  



सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज अपनी रिपोर्ट ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं - 2018’ जारी की है। यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान शाखा का वार्षिक प्रकाशन है, जिसमें राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों की पुलिस से मिले आंकड़ों के आधार पर दुर्घटनाओं, इससे होने वाली मौतों एवं घायलों के बारे में वर्षवार विवरण उपलब्‍ध कराया जाता है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं में 0.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2017 में 4,64,910 के मुकाबले 4,67,044 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इस अवधि के दौरान मृत्यु दर में भी लगभग 2.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2017 में 1,47,913 के मुकाबले 2018 में 151471 लोग मारे गए थे। सड़क दुर्घटना में घायलों की संख्‍या में 2017 की तुलना में 2018 में 0.33 प्रतिशत की कमी आई।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि 2010 तक दुर्घटनाओं, मौतों और घायलों की संख्‍या में वृद्धि दर्ज की गई थी। इसके बाद वर्ष दर वर्ष मामूली उतार-चढ़ाव के साथ वे कुछ हद तक स्थिर हो गए। इसके अलावा, 2010-2018 की अवधि में दुर्घटनाओं के साथ-साथ दुर्घटनाओं की वार्षिक वृद्धि दर में भारी गिरावट आई और ऑटोमोबाइल के विकास की अधिक दर के बावजूद, पिछले दशकों की तुलना में कम थी।

राष्ट्रीय राजमार्ग, जिसमें कुल सड़क नेटवर्क का 1.94 प्रतिशत शामिल है, कुल सड़क दुर्घटनाओं के 30.2 प्रतिशत और 2018 में 35.7 प्रतिशत मौतों का कारण है। राज्य के राजमार्गों में सड़क की लंबाई का 2.97 प्रतिशत हिस्सा 25.2 प्रतिशत दुर्घटनाओं और 26.8 प्रतिशत मृत्यु का कारण है। अन्य सड़कें, जो कुल सड़कों का लगभग 95.1 प्रतिशत हैं, क्रमशः 45 प्रतिशत दुर्घटनाओं और 38 प्रतिशत  मौतों के लिए जिम्मेदार थीं।

सड़क उपयोगकर्ता की श्रेणी के द्वारा दुर्घटना संबंधी मौतों के संदर्भ में, पैदल चलने वालों की संख्या 15 प्रतिशत थी, साइकिल चालकों की हिस्सेदारी 2.4 प्रतिशत थी और दोपहिया वाहनों की संख्या 36.5 प्रतिशत थी। साथ में ये श्रेणियां दुर्घटना संबंधी मौतों का 53.9 प्रतिशत है और वैश्विक रुझानों के अनुरूप सबसे असुरक्षित श्रेणियां हैं।

2018 के दौरान, पिछले दो वर्षों की तरह, 18 से 45 वर्ष के युवा वयस्क लगभग 69.6 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के शिकार बने। कुल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 18 वर्ष से 60 वर्ष आयुवर्ग के कामकाजी आयु समूह की हिस्सेदारी 84.7 प्रतिशत थी।

2018 में हिट एंड रन के मामलों में 18.9 प्रतिशत मौतें हुई थीं, जबकि 2017 में यह 17.5 प्रतिशत थी। 2018 में लगभग 56 प्रतिशत व्यक्तियों की मौत आमने-सामने टक्कर और उसके बाद पीछे से लगी टक्‍कर के कारण हुई। इस श्रेणी में 2018 में मारे गए व्यक्तियों के संदर्भ में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई थी।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.