नई दिल्ली : चीन से तनाव के बाद भारत सरकार ने 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार के इस फैसले के बाद इन एप्स की ऑनलाइन सर्चिंग में बढ़ोतरी हुई है. एसइएम रश के अध्ययन के मुताबिक 29 जून को जब चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया उसके बाद टिक टॉक की ऑनलाइन सर्चिंग में 229 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके अलावा वीचैट की ऑनलाइन सर्चिंग में 255 प्रतिशत की वृद्धि हुई. प्रतिबंध के बाद वीबो, शेयरइट और यूसी ब्राउजर जैसे एप्स की सर्चिंग में क्रमशः 57, 78 और 82 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई.
हालांकि, प्रतिबंध के अगले ही दिन चीनी एप्स की सर्चिंग में जोरदार गिरावट देखने को मिली.
30 जून को टिक टॉक की ऑनलाइन सर्चिंग 23 प्रतिशत तक गिर गई थी. वहीं शेयरइट और यूसी ब्राउजर जैसे एप्स की सर्चिंग 11 और 12 प्रतिशत तक गिर गई थी.
अध्ययन से पता चलता है कि जब इन तीन एप्स की सर्चिंग में वृद्धि हुई थी तब इनकी विकास दर गिर गई थी. जबकि टिक टॉक, शेयरिट और यूसी ब्राउजर जैसे एप की सर्चिंग मामूली दर से बढ़ी, वहीं वीचैट और वीबो सर्चिंग में गिरावट देखने को मिली.
30 जून को, वीचैट और वीबो की सर्चिंग 6 और 7 प्रतिशत गिर गई, जो संकेत था कि पिछले दिनों की तुलना में कम लोगों ने इन एप्स को सर्च किया.
प्रतिबंधित एप्स को लेकर ट्विटर पर लोगों के सेंटीमेंट्स पर भी अध्ययन किया गया.
इसमें पाया गया कि #RIPTikTok पर किए गए 18,185 ट्वीट्स में से 19 प्रतिशत उसके समर्थन में थे, 62 प्रतिशत की मिली-जुली प्रतिक्रिया थी और 19 प्रतिशत असमर्थन में थे.
वीबो पर 421 ट्वीट्स में से 14 प्रतिशत समर्थन में थे, 39 प्रतिशत की मिली-जुली प्रतिक्रिया और 47 प्रतिशत असमर्थन में थे.
#Shareit पर 2054 ट्वीट किए गए, जिनमें से 23 प्रतिशत समर्थन में, 38 प्रतिशत की मिली-जुली प्रतिक्रिया और 39 प्रतिशत असमर्थन में थे.
#UCBrowser पर 2,750 ट्वीट्स हुए, जिनमें से 18 प्रतिशत समर्थन में, 43 प्रतिशत की मिली-जुली प्रतिक्रिया और 39 प्रतिशत असमर्थन में थे.
ट्विटर पर चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत सरकार के फैसले को लेकर #DigitalAirStrike पर 18,353 ट्वीट किए गए, जिनमें से 21 प्रतिशत ट्वीट समर्थन में, 61 प्रतिशत की मिली-जुली प्रतिक्रिया और 18 प्रतिशत असमर्थन में थे.
ट्विटर पर किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि ज्यादातर भारतीय अपनी सरकार द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन करते हैं.
अध्ययन के परिणामों के बारे में बोलते हुए एसइएम रश के संचार के प्रमुख फर्नांडो एंगुलो ने कहा, 'हमारा अध्ययन भारत सरकार और फर्मों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है. सरकार देख सकती है कि प्रतिबंध के बारे में भारतीय जनता कैसा महसूस करती है. हमारा अध्ययन यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि चीनी एप्स की लोकप्रियता के बावजूद जब इन्हें प्रतिबंधिक किया गया तो अधिकतर भारतीय इन एप्स से होने वाले मनोरंजन की जगह देश के प्रति निष्ठा को वरीयता देते हैं.
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भारत सरकार ने कार्रवाई की और लोगों ने अपनी सरकार के फैसले का समर्थन किया. सबसे लोकप्रिय चीनी एप में से कुछ की सर्चिंग में कमी आई. अध्ययन सुझाव देता है कि चीन एप्स के भारतीय बाजार से बाहर जाने के बाद देशी कंपनियों के पास बढ़त बनाने का बेहतर मौका है.'