तेजपुर (असम) : भारतीय मिट्टी में राफेल विमानों के आने का बेसब्री से इंतजार है. ऐसे में ईटीवी भारत ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त), मोहंतो पैंगिंग से बात की, जिन्होंने एसयू 30 और एसयू 30 एमएमआई स्क्वाड्रन की कमान संभाली.
सेना के अनुभवी सेनानी ने मोहंतो ने राफेल के स्पर्श की कामना करते हुए विश्वास जताया कि यह वायुसेना की शक्ति को बढ़ावा देगा.
मोहंतो ने कहा कि वह उड़ान को फिर से शुरू करने के लिए तैयार है. अगर सरकार उन्हें अनुमति देती है तो वह एक चीनी विमान को मार गिराना चाहते हैं.
गौरतलब है कि पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत के लिए रवाना हो गई है. यह लड़ाकू विमान अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को पहुंचेंगे. इन विमानों को 20 अगस्त को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
विमानों में फ्रांसीसी वायु सेना के टैंकर विमान द्वारा ईंधन भरा जाएगा. इसके बाद यह विमान संयुक्त अरब अमीरात में रुकेंगे और वहां से भारत आएंगे.
विमानों के रवाना होने से पहले फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने कहा कि यह राफेल जेट बेहद तेज और बहुत घातक विमान हैं. उन्होंने फ्रांस की सरकार, वायुसेना और डसॉल्ट को धन्यवाद दिया.
वायुसेना के एयर क्रू और ग्राउंड क्रू ने फ्रांस में अत्यधिक उन्नत हथियार प्रणालियों से लैस विमान का गहन प्रशिक्षण लिया है. वायुसेना अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू विमानों के आने के बाद उनके परिचालन का फैसला लिया जाएगा.
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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर चीन के साथ गतिरोध के बीच वायुसेना के शीर्ष कमांडरों लद्दाख में बैठक की. बैठक के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों की भारत-चीन सीमा पर तैनाती की भी चर्चा की गई.
वायुसेना ने अपने आधुनिक बेड़े जैसे मिराज 2000, सुखोई -30 और मिग -29 के सभी लड़ाकू विमानों को अग्रिम चौकियों पर तैनात किया है, जिनके द्वारा सीमा पर दिन-रात निगरानी की जा रही है.