लंदन/हैदराबाद : एक शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस में मौजूद Sars Cov-II जीन में बहुत कम समय में कई बदलाव हो जाते हैं. वैज्ञानिकों ने पाया है कि इस जीन में कम से कम 198 बदलाव आए हैं.
वैज्ञानिकों ने 7500 लोगों पर एक वैज्ञानिक शोध किया और यह पाया कि जीन कई रूपों में बदलते हैं. इस शोध से उनको वायरस के लिए वैक्सीन बनाने में मदद मिलेगी.
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा इस संबंध में एक शोध पत्र 'द जर्नल इंफेक्शन' में प्रकाशित किया गया था.
वैज्ञानिकों ने इस बात पर अध्ययन किया है कि वायरस मानव शरीर में कैसे रहता है, जीन के लक्षण क्या होते हैं और इसके बारे में अन्य जानकारियां जुटाई हैं. जीन मानव शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाओं में परिवर्त के अनुसार बदलते हैं.
यह सामान्य घटना है कि जब वायरस मानव पर हमला करता है तो वायरस में कई बदलाव होते हैं. हालांकि यह साफ नहीं है कि Sars Cov-II में यह बदलाव तेजी से होते हैं या धीरे-धीरे.
यदि वायरस में बहुत तेजी से बदलाव होते हैं तो दवाएं या टीके प्रभावी रूप से काम नहीं करेंगे. इसलिए यह पता लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है.
लंदन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फ्रांसिस बेलोक्स ने कहा कि इस आधार पर यह जरूरी है कि वायरस में होने वाले बदलावों पर गौर से नजर रखी जाए.
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