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महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित चंद्रपुर जिले में बचाव अभियान जारी - जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी

महाराष्ट्र में आई बाढ़ के बाद अब पानी कम होने लगा है. हालांकि बाढ़ प्रभावित चंद्रपुर जिले में बचाव अभियान अभी जारी है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी जीतेश सुरवाड़े ने बताया कि अब तक पोमभुरणा से 150 परिवारों को बचाया गया है.

चंद्रपुर जिले में जारी है राहत और बचाव अभियान
चंद्रपुर जिले में जारी है राहत और बचाव अभियान
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Published : Sep 1, 2020, 6:19 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्वी विदर्भ इलाके में बाढ़ का पानी घटने लगा है. हालांकि, चंद्रपुर के निचले इलाकों में मंगलवार को भी बचाव अभियान जारी रहा.

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) जीतेश सुरवाड़े ने बताया कि सेना की दो टुकड़ियों को पोमभुरणा तहसील और ब्रह्मपुरी के लाजड गांव में बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है.

उन्होंने बताया कि अब तक पोमभुरणा से 150 परिवारों को बचाया गया है और अभियान मंगलवार को समाप्त होगा, क्योंकि पानी कम होने लगा है.

राहत और बचाव अभियान जारी.

अधिकारी ने बताया कि सोमवार को गोसीखुर्द बांध से 30 हजार क्यूमेक (एक क्यूमेक बराबर 35.315 क्यूसेक) पानी छोड़ा गया था, जिसमें से पांच हजार क्यूमेक पानी नीचे आया है.

उन्होंने बताया कि कुछ इलाके अब भी पानी में डूबे हैं और धीरे-धीरे संपर्क बहाल किया जा रहा है.

इस बीच, रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी बसंत कुमार पांडे ने बताया कि ऑपरेशन 'कुही' के तहत पवणी, धामनी और गोंडपिम्परी से लोगों को सफलता पूर्वक बचाने के बाद नगारिक प्रशासन ने सेना की टुकड़ी से जिले के ब्रह्मपुरी तहसील के लोगों को भी सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया था.

पढ़ें - महाराष्ट्र में बप्पा की विदाई की तैयारी, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

उन्होंने बताया कि पुणे स्थित 'उमंग सबएरिया' के अंतर्गत गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर एंड इंजीनियर टास्क फोर्स की टुकड़ी ने रात में मौके पर पहुंच बचाव कार्य शुरू किया.

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्वी विदर्भ इलाके में बाढ़ का पानी घटने लगा है. हालांकि, चंद्रपुर के निचले इलाकों में मंगलवार को भी बचाव अभियान जारी रहा.

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) जीतेश सुरवाड़े ने बताया कि सेना की दो टुकड़ियों को पोमभुरणा तहसील और ब्रह्मपुरी के लाजड गांव में बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है.

उन्होंने बताया कि अब तक पोमभुरणा से 150 परिवारों को बचाया गया है और अभियान मंगलवार को समाप्त होगा, क्योंकि पानी कम होने लगा है.

राहत और बचाव अभियान जारी.

अधिकारी ने बताया कि सोमवार को गोसीखुर्द बांध से 30 हजार क्यूमेक (एक क्यूमेक बराबर 35.315 क्यूसेक) पानी छोड़ा गया था, जिसमें से पांच हजार क्यूमेक पानी नीचे आया है.

उन्होंने बताया कि कुछ इलाके अब भी पानी में डूबे हैं और धीरे-धीरे संपर्क बहाल किया जा रहा है.

इस बीच, रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी बसंत कुमार पांडे ने बताया कि ऑपरेशन 'कुही' के तहत पवणी, धामनी और गोंडपिम्परी से लोगों को सफलता पूर्वक बचाने के बाद नगारिक प्रशासन ने सेना की टुकड़ी से जिले के ब्रह्मपुरी तहसील के लोगों को भी सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया था.

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उन्होंने बताया कि पुणे स्थित 'उमंग सबएरिया' के अंतर्गत गार्ड्स रेजिमेंटल सेंटर एंड इंजीनियर टास्क फोर्स की टुकड़ी ने रात में मौके पर पहुंच बचाव कार्य शुरू किया.

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