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मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा रोजगार और काम कराने वाला राज्य बना छत्तीसगढ़

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Published : Jun 3, 2020, 10:19 PM IST

छत्तीसगढ़ देशभर में लोगों को मनरेगा के तहत काम देने के मामले में पहले स्थान पर है. छत्तीसगढ़ ने अब तक मनरेगा के तहत 37 फीसदी कार्य पूरे कर लिए हैं. मुख्यमंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने लॉकडाउन के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और मैदानी अधिकारियों की पीठ थपथपाई है.

mgnrega works in Chhattisgarh
प्रतीकात्मक तस्वीर

रायपुर : छत्तीसगढ़ लॉकडाउन के बीच देशभर में मनरेगा के तहत कार्य कराने के मामले में पहले स्थान पर है. छत्तीसगढ़ ने अब तक मनरेगा के तहत 37 फीसदी कार्य पूरे कर लिए हैं, जिससे छत्तीसगढ़ देशभर में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार देने के मामले में पहले स्थान पर है. वहीं छत्तीसगढ़ सर्वाधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में दूसरे स्थान पर है. इस साल अब तक 25.97 लाख ग्रामीणों को काम दिया गया, जिसमें एक हजार 114 करोड़ रुपए का मजदूरी का भुगतान किया गया है. यहां 1996 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया जा चुका है.

मनरेगा-महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ ने अच्छा प्रदर्शन किया है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 25 लाख 97 हजार ग्रामीण मजदूरों को काम उपलब्ध कराया गया है, जिसमें एक हजार 114 करोड़ 27 लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान भी किया गया है. छत्तीसगढ़ कोरोना महामारी के दौर में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका रहा है. साथ ही विपरीत परिस्थितियों में कमजोर वर्गों को रोजी-रोटी की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है.

देशभर की सूची
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छत्तीसगढ़ में लाखों लोगों को रोजगार मिला
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने लॉकडाउन के दौरान मनरेगा में अच्छे कार्यों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और मैदानी अधिकारियों की पीठ थपथपाई है. उन्होंने प्रदेशभर में सक्रियता और तत्परता से किए गए कार्यों की सराहना करते हुए सरपंचों, मनरेगा की राज्य इकाईयों, जिला और जनपद पंचायतों की टीमों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की चुनौती पूर्ण परिस्थितियों के बीच यह बड़ी उपलब्धि है. उनकी कोशिशों से कोरोना से बचाव और लाखों लोगों को रोजगार मिला है.

मनरेगा के मामले में पहले स्थान पर छत्तीसगढ़
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम दो महीने अप्रैल और मई के लिए दो करोड़ 88 लाख 14 हजार मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया था. यह इस वर्ष के लिए निर्धारित कुल लेबर बजट साढ़े तेरह करोड़ मानव दिवस का 37 प्रतिशत है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1996 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. मनरेगा में प्रदेश में प्रति परिवार औसत 23 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 16 दिन है. इस मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है.

पढ़ें-सरकार द्वारा घोषित एमएसपी में 50 फीसदी वृद्धि का दावा झूठ: किसान संगठन

मजदूरों को समय पर भुगतान

  • प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल बंद होने के आठ दिनों के भीतर ही 98 प्रतिशत फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं
  • बीते अप्रैल और मई महीने के दौरान कुल 1114 करोड़ 27 लाख रुपए की मजदूरी का भुगतान श्रमिकों के खातों में किया गया है
  • कोविड-19 के चलते विपरीत परिस्थितियों में श्रमिकों के हाथों में राशि पहुंचने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ा है
  • इसने रोजगार की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीणों की क्रय-क्षमता भी बढ़ाई है
  • प्रदेशभर में काम कर रहे मजदूरों की संख्या मई महीने के आखिरी में 25 लाख 27 हजार पहुंच गई है
  • अप्रैल के आखिरी में यह संख्या 15 लाख 74 हजार तथा मार्च के आखिरी में 57 हजार 536 थी
  • प्रदेश की 10 हजार 155 ग्राम पंचायतों में कुल 44 हजार 964 कार्य चल रहे हैं
  • इनसे मौजूदा लॉकडाउन में ग्रामीण जन-जीवन में आया ठहराव दूर हो गया है

रायपुर : छत्तीसगढ़ लॉकडाउन के बीच देशभर में मनरेगा के तहत कार्य कराने के मामले में पहले स्थान पर है. छत्तीसगढ़ ने अब तक मनरेगा के तहत 37 फीसदी कार्य पूरे कर लिए हैं, जिससे छत्तीसगढ़ देशभर में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार देने के मामले में पहले स्थान पर है. वहीं छत्तीसगढ़ सर्वाधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार देने में देश में दूसरे स्थान पर है. इस साल अब तक 25.97 लाख ग्रामीणों को काम दिया गया, जिसमें एक हजार 114 करोड़ रुपए का मजदूरी का भुगतान किया गया है. यहां 1996 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार दिया जा चुका है.

मनरेगा-महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लॉकडाउन के बावजूद छत्तीसगढ़ ने अच्छा प्रदर्शन किया है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 25 लाख 97 हजार ग्रामीण मजदूरों को काम उपलब्ध कराया गया है, जिसमें एक हजार 114 करोड़ 27 लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान भी किया गया है. छत्तीसगढ़ कोरोना महामारी के दौर में भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका रहा है. साथ ही विपरीत परिस्थितियों में कमजोर वर्गों को रोजी-रोटी की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है.

देशभर की सूची
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छत्तीसगढ़ में लाखों लोगों को रोजगार मिला
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने लॉकडाउन के दौरान मनरेगा में अच्छे कार्यों के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और मैदानी अधिकारियों की पीठ थपथपाई है. उन्होंने प्रदेशभर में सक्रियता और तत्परता से किए गए कार्यों की सराहना करते हुए सरपंचों, मनरेगा की राज्य इकाईयों, जिला और जनपद पंचायतों की टीमों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की चुनौती पूर्ण परिस्थितियों के बीच यह बड़ी उपलब्धि है. उनकी कोशिशों से कोरोना से बचाव और लाखों लोगों को रोजगार मिला है.

मनरेगा के मामले में पहले स्थान पर छत्तीसगढ़
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम दो महीने अप्रैल और मई के लिए दो करोड़ 88 लाख 14 हजार मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया था. यह इस वर्ष के लिए निर्धारित कुल लेबर बजट साढ़े तेरह करोड़ मानव दिवस का 37 प्रतिशत है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1996 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है. मनरेगा में प्रदेश में प्रति परिवार औसत 23 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया है, जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 16 दिन है. इस मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर है.

पढ़ें-सरकार द्वारा घोषित एमएसपी में 50 फीसदी वृद्धि का दावा झूठ: किसान संगठन

मजदूरों को समय पर भुगतान

  • प्रदेश में मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान के लिए मस्टर रोल बंद होने के आठ दिनों के भीतर ही 98 प्रतिशत फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं
  • बीते अप्रैल और मई महीने के दौरान कुल 1114 करोड़ 27 लाख रुपए की मजदूरी का भुगतान श्रमिकों के खातों में किया गया है
  • कोविड-19 के चलते विपरीत परिस्थितियों में श्रमिकों के हाथों में राशि पहुंचने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ा है
  • इसने रोजगार की चिंता से मुक्त करने के साथ ही ग्रामीणों की क्रय-क्षमता भी बढ़ाई है
  • प्रदेशभर में काम कर रहे मजदूरों की संख्या मई महीने के आखिरी में 25 लाख 27 हजार पहुंच गई है
  • अप्रैल के आखिरी में यह संख्या 15 लाख 74 हजार तथा मार्च के आखिरी में 57 हजार 536 थी
  • प्रदेश की 10 हजार 155 ग्राम पंचायतों में कुल 44 हजार 964 कार्य चल रहे हैं
  • इनसे मौजूदा लॉकडाउन में ग्रामीण जन-जीवन में आया ठहराव दूर हो गया है
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