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542 सांसदों में से 233 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित : ADR

एडीआर रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मुकदमों से घिरे सांसदों की संख्या में 2009 के बाद से 44 प्रतिशत इजाफा हुआ है. इस लोकसभा चुनाव में जीते 159 सांसदों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : May 25, 2019, 11:34 PM IST

नई दिल्ली: सत्रहवीं लोकसभा के लिये चुनकर आये 542 सांसदों में से 233 (43 प्रतिशत) सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. इनमें से 159 (29 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं.

चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी शोध संस्था 'एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस' (एडीआर) द्वारा लोकसभा चुनाव परिणाम की शनिवार को जारी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मुकदमों से घिरे सांसदों की संख्या में 2009 के बाद से 44 प्रतिशत इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार 2009 के लोकसभा चुनाव में आपराधिक मुकदमे वाले 162 सांसद (30 प्रतिशत) चुनकर आये थे, जबकि 2014 के चुनाव में निर्वाचित ऐसे सांसदों की संख्या 185 (34 प्रतिशत) थी.

जानकारी देते संवाददाता.

एडीआर ने नवनिर्वाचित 542 सांसदों में 539 सांसदों के हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर बताया कि इनमें से 159 सांसदों (29 प्रतिशत) के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं. पिछली लोकसभा में गंभीर आपराधिक मामलों के मुकदमों में घिरे सदस्यों की संख्या 112 (21 प्रतिशत) थी, वहीं 2009 के चुनाव में निर्वाचित ऐसे सांसदों की संख्या 76 (14 प्रतिशत) थी. स्पष्ट है कि पिछले तीन चुनावों में गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसदों की संख्या में 109 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

पढ़ें-बड़बोले सांसदों को मोदी की नसीहत, अल्पसंख्यकों को कहा- छलावे से निकलें

नवनिर्वाचित सदस्यों में सबसे ज्यादा लंबित आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसद कांग्रेस के डीन कुरियाकोस हैं. केरल के इडुक्की लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आये एडवोकेट कुरियाकोस ने अपने हलफलनामे में बताया है कि उनके खिलाफ 204 आपराधिक मामले लंबित हैं. इनमें गैर इरादतन हत्या, लूट, किसी घर में जबरन घुसना और अपराध के लिये किसी को उकसाने जैसे मामले लंबित हैं.

आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सर्वाधिक सांसद भाजपा के टिकट पर चुनकर आए हैं. रिपोर्ट में भाजपा के 303 में से 301 सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण में पाया गया कि साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित 116 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के 52 में से 29 सांसद आपराधिक मामलों में घिरे हैं.

इनके अलावा सत्तारूढ़ राजद के घटक दल लोजपा के सभी छह निर्वाचित सदस्यों, बसपा के आधे (10 में से पांच), जदयू के 16 में से 13, तृणमूल कांग्रेस के 22 में से नौ और माकपा के तीन में से दो सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इस मामले में बीजद के 12 निर्वाचित सांसदों में सिर्फ एक सदस्य ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की हलफनामे में घोषणा की है.

नई दिल्ली: सत्रहवीं लोकसभा के लिये चुनकर आये 542 सांसदों में से 233 (43 प्रतिशत) सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. इनमें से 159 (29 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं.

चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी शोध संस्था 'एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक अलायंस' (एडीआर) द्वारा लोकसभा चुनाव परिणाम की शनिवार को जारी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मुकदमों से घिरे सांसदों की संख्या में 2009 के बाद से 44 प्रतिशत इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार 2009 के लोकसभा चुनाव में आपराधिक मुकदमे वाले 162 सांसद (30 प्रतिशत) चुनकर आये थे, जबकि 2014 के चुनाव में निर्वाचित ऐसे सांसदों की संख्या 185 (34 प्रतिशत) थी.

जानकारी देते संवाददाता.

एडीआर ने नवनिर्वाचित 542 सांसदों में 539 सांसदों के हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर बताया कि इनमें से 159 सांसदों (29 प्रतिशत) के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले लंबित हैं. पिछली लोकसभा में गंभीर आपराधिक मामलों के मुकदमों में घिरे सदस्यों की संख्या 112 (21 प्रतिशत) थी, वहीं 2009 के चुनाव में निर्वाचित ऐसे सांसदों की संख्या 76 (14 प्रतिशत) थी. स्पष्ट है कि पिछले तीन चुनावों में गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसदों की संख्या में 109 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.

पढ़ें-बड़बोले सांसदों को मोदी की नसीहत, अल्पसंख्यकों को कहा- छलावे से निकलें

नवनिर्वाचित सदस्यों में सबसे ज्यादा लंबित आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसद कांग्रेस के डीन कुरियाकोस हैं. केरल के इडुक्की लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आये एडवोकेट कुरियाकोस ने अपने हलफलनामे में बताया है कि उनके खिलाफ 204 आपराधिक मामले लंबित हैं. इनमें गैर इरादतन हत्या, लूट, किसी घर में जबरन घुसना और अपराध के लिये किसी को उकसाने जैसे मामले लंबित हैं.

आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सर्वाधिक सांसद भाजपा के टिकट पर चुनकर आए हैं. रिपोर्ट में भाजपा के 303 में से 301 सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण में पाया गया कि साध्वी प्रज्ञा सिंह सहित 116 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के 52 में से 29 सांसद आपराधिक मामलों में घिरे हैं.

इनके अलावा सत्तारूढ़ राजद के घटक दल लोजपा के सभी छह निर्वाचित सदस्यों, बसपा के आधे (10 में से पांच), जदयू के 16 में से 13, तृणमूल कांग्रेस के 22 में से नौ और माकपा के तीन में से दो सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. इस मामले में बीजद के 12 निर्वाचित सांसदों में सिर्फ एक सदस्य ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की हलफनामे में घोषणा की है.

Intro:New Delhi: Out of the 539 winners analysed in Lok Sabha 2019, 233 (43%) winners have declared criminal cases against themselves, according to a report by election watchdog Association of Democratic Reforms (ADR) revealed on Saturday.

Out of 542 winners analysed during Lok Sabha elections in 2014, 185 (34%) winners had declared criminal cases against themselves while in 2009, out of 543 winner candidates 162 (30%) winners had declared criminal cases against themselves. The analysis shows that there is an increase of 44% in the number of MPs with declared criminal cases since 2009.

The report published is an analysis of self sworn affidavits of 539 out of 542 candidates, who won 2019 Lok Sabha elections.


Body:As per the report, 159 (29%) winners in Lok Sabha 2019 elections have declared serious criminal cases including cases related to rape, murder, attempt to murder, kidnapping, crimes against women, etc.

"Congress candidate Dean Kuriakose, who won from Idukki constituency has declared 204 criminal cases against himself, including cases related to committing culpable homicide, house trespass, robbery, criminal intimidation," added the ADR report.


Conclusion:Of the 78 women candidates who won 2019 Lok Sabha elections, 30 of them have declared cases of attempt to murder, said the ADR report.
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