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पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया देने से किया इनकार

प. बंगाल के बीरभूम जिले में ईटीवी भारत के एक पत्रकार के खिलाफ तीन मामले दर्ज कराए गए. इसे लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि मामला दर्ज कर पत्रकार की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है. पत्रकार ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद ईटीवी भारत ने हाईकोर्ट के अवलोकन के संदर्भ में आज छह पुलिस स्टेशनों से संपर्क किया. जानिए क्या रही पुलिसवालों की प्रतिक्रिया...

Case against journalist
पत्रकार के खिलाफ मामला
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Published : Aug 5, 2020, 8:05 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में ईटीवी भारत के रिपोर्टर के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए थे. जिसपर संवाददाता अभिषेक दत्ता रॉय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि संवाददाता की आवाज को दबाने के लिए मामला दर्ज कराया गया है. जिसके बाद ईटीवी भारत ने उन सभी पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, जहां उच्च न्यायालय के अवलोकन के बाद मामला दर्ज किया गया था. जानिए उन्होंने इस मामले पर क्या कहा?

पहले मामले पर पुलिस की प्रक्रिया
रेत ट्रक से पैसा इकट्ठा करने के लिए पुलिस की गाड़ी लापरवाही से चल रही थी. इस टक्कर में एक स्थानीय निवासी की मौत हो गई. यह खबर चलाने के बाद पत्रकार अभिषेक दत्त रॉय के खिलाफ दो जून को बोलपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी. जिसपर उच्च न्यायालय ने पत्रकार को अग्रिम जमानत दे दी और स्पष्ट कर दिया कि यह संवाददाता की आवाज को दबाने के लिए मामला दर्ज कराया गया है. जब ईटीवी भारत ने इस मामले को लेकर बोलपुर पुलिस स्टेशन के आईसी सुमंत विश्वास से संपर्क किया तक उन्होंने कहा कि 'हम मीडिया से बात नहीं कर सकते, आप उच्च अधिकारियों से बात करें.'

दूसरे मामले पर पुलिस की प्रक्रिया
पत्रकार के खिलाफ इलमबाजार पुलिस स्टेशन में एक और मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पत्रकार ने जेसीबी से नदी के बालू घाट से रेत के अवैध निकासी की खबर प्रकाशित की थी. उच्च न्यायालय ने मामले के संदर्भ में कहा कि 'एक पत्रकार का काम जनता को किसी भी अवैध गतिविधियों के प्रति ईमानदार तरीके से जागरूक करना है.' ऐसे मामलों में इलमबाजार पुलिस स्टेशन के ओसी देवव्रत सिंह को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर ईटीवी भारत ने बीरभूम के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह को उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए बुलाया. पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय का आदेश नहीं मिला है.

यह भी पढ़ें - कलकत्ता हाईकोर्ट ने की ईटीवी भारत के पत्रकार की सराहना, पुलिस पर की कड़ी टिप्पणी

तीसरे मामले पर पुलिस की प्रक्रिया
वहीं तीसरे मामले में शांतिनिकेतन के एक रिसॉर्ट में न्यूड फोटोशूट फ्री में चल रहा है. यह खबर अभिषेक दत्त रॉय ने बनाई थी. उनके खिलाफ शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी. उच्च न्यायालय के अनुसार, अभिषेक दत्त रॉय ने इस संबंध में कोई अपराध नहीं किया. इसलिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली. जिसके बाद ईटीवी भारत ने शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन ओसी कस्तूरी चटर्जी से बात की. ओसी ने कहा कि मामला अभी भी जांच के अधीन है. इसलिए जांच के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. हम जांच पूरी होने के बाद इस बारे में बात तक सकते हैं. उच्च न्यायालय के फैसले पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. क्योंकि मैं प्रवक्ता नहीं हूं, यही हमारे उच्च अधिकारी कहेंगे.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में ईटीवी भारत के रिपोर्टर के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए थे. जिसपर संवाददाता अभिषेक दत्ता रॉय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि संवाददाता की आवाज को दबाने के लिए मामला दर्ज कराया गया है. जिसके बाद ईटीवी भारत ने उन सभी पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, जहां उच्च न्यायालय के अवलोकन के बाद मामला दर्ज किया गया था. जानिए उन्होंने इस मामले पर क्या कहा?

पहले मामले पर पुलिस की प्रक्रिया
रेत ट्रक से पैसा इकट्ठा करने के लिए पुलिस की गाड़ी लापरवाही से चल रही थी. इस टक्कर में एक स्थानीय निवासी की मौत हो गई. यह खबर चलाने के बाद पत्रकार अभिषेक दत्त रॉय के खिलाफ दो जून को बोलपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी. जिसपर उच्च न्यायालय ने पत्रकार को अग्रिम जमानत दे दी और स्पष्ट कर दिया कि यह संवाददाता की आवाज को दबाने के लिए मामला दर्ज कराया गया है. जब ईटीवी भारत ने इस मामले को लेकर बोलपुर पुलिस स्टेशन के आईसी सुमंत विश्वास से संपर्क किया तक उन्होंने कहा कि 'हम मीडिया से बात नहीं कर सकते, आप उच्च अधिकारियों से बात करें.'

दूसरे मामले पर पुलिस की प्रक्रिया
पत्रकार के खिलाफ इलमबाजार पुलिस स्टेशन में एक और मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पत्रकार ने जेसीबी से नदी के बालू घाट से रेत के अवैध निकासी की खबर प्रकाशित की थी. उच्च न्यायालय ने मामले के संदर्भ में कहा कि 'एक पत्रकार का काम जनता को किसी भी अवैध गतिविधियों के प्रति ईमानदार तरीके से जागरूक करना है.' ऐसे मामलों में इलमबाजार पुलिस स्टेशन के ओसी देवव्रत सिंह को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर ईटीवी भारत ने बीरभूम के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह को उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए बुलाया. पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने कहा कि उन्हें उच्च न्यायालय का आदेश नहीं मिला है.

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तीसरे मामले पर पुलिस की प्रक्रिया
वहीं तीसरे मामले में शांतिनिकेतन के एक रिसॉर्ट में न्यूड फोटोशूट फ्री में चल रहा है. यह खबर अभिषेक दत्त रॉय ने बनाई थी. उनके खिलाफ शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई थी. उच्च न्यायालय के अनुसार, अभिषेक दत्त रॉय ने इस संबंध में कोई अपराध नहीं किया. इसलिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली. जिसके बाद ईटीवी भारत ने शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन ओसी कस्तूरी चटर्जी से बात की. ओसी ने कहा कि मामला अभी भी जांच के अधीन है. इसलिए जांच के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. हम जांच पूरी होने के बाद इस बारे में बात तक सकते हैं. उच्च न्यायालय के फैसले पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है. क्योंकि मैं प्रवक्ता नहीं हूं, यही हमारे उच्च अधिकारी कहेंगे.

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