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CAA संविधान विरोधी, NRC तो और भी खतरनाक है : पूर्व LG नजीब जंग

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Published : Jan 21, 2020, 12:00 AM IST

Updated : Feb 17, 2020, 7:52 PM IST

दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए में सुधार की जरूरत है.

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नजीब जंग

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए में सुधार की जरूरत है. बता दें कि जंग दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल रह चुके हैं.

नजीब नागरिकता कानून को संविधान विरोधी बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि या तो इसमें मुसलमानों को शामिल करें या दूसरे धर्मों का नाम हटा दें. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रगान भी गया.

'सीएए में मुस्लिम धर्म को जोड़ें या दूसरे धर्म को हटाएं'
वहीं प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि सरकार बिल्कुल सही कह रही है कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन रही है. उन्होंने कहा कि यह बात हमें भी पता है. लेकिन इसमें से मुस्लिम धर्म को जानबूझकर छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से वर्ष 2014 से पहले जो शरणार्थी आए हैं. उन्हें नागरिकता मिलेगी लेकिन मुसलमान को नहीं मिलेगी.

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सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में पहुंचे दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या वह हिंदुस्तान के बाशिंदे नहीं हैं. इसके अलावा जंग ने कहा कि इसमें श्रीलंका से आए तमिल, मांयमार से आये रोहिंग्या को छोड़ दिया और कहा कि क्या नेपाल से आने वाले हिन्दू भारत नहीं आना चाहते हैं. इन लोगों को क्यों छोड़ा गया है? सरकार को इसका जवाब तो देना ही पड़ेगा.

'सीएए से ज़्यादा खतरनाक है एनआरसी'
वहीं उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए से ज्यादा खतरनाक तो एनआरसी है. क्योंकि लोगों के पास वो कागजात नहीं है जो कि सरकार लोगों से मांगने जा रही है ऐसे में वह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगा.

'बातचीत से निकलेगा समाधान'
उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी होगी, तभी कोई समाधान निकलेगा अगर कोई बातचीत नहीं होगी तो समाधान कैसे निकलेगा. मौलानाओं और नेताओं को आंदोलन से दूर रखने की हिदायत दी. इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल जंग ने प्रदर्शनकारियों के जज्बे को सलाम किया और इस आंदोलन से राजनेताओं तो दूर रहने की हिदायत दी. इसके अलावा कहा कि मौलानाओं को भी इस आंदोलन से दूर रखिएगा. साथ ही उन्हें हिदायत दी और कहा कि आप अपने मदरसे में बैठें. इस आंदोलन की नुमाइंदगी यहां पर बैठे बच्चे कर लेंगे.

ये भी पढ़ें- राहुल का आरोप, 'गरीबों से धन लेकर पूंजीपति मित्रों को बांटते हैं मोदी'

'सीएए में बदलाव करना होगा'
नजीब जंग ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. इस मौके पर उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वादा भी लिया कि जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तब तक यह संघर्ष यूं ही जारी रहेगा. बता दें कि नजीब जंग जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के उप राज्यपाल रह चुके हैं.

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएए में सुधार की जरूरत है. बता दें कि जंग दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल रह चुके हैं.

नजीब नागरिकता कानून को संविधान विरोधी बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि या तो इसमें मुसलमानों को शामिल करें या दूसरे धर्मों का नाम हटा दें. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रगान भी गया.

'सीएए में मुस्लिम धर्म को जोड़ें या दूसरे धर्म को हटाएं'
वहीं प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि सरकार बिल्कुल सही कह रही है कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन रही है. उन्होंने कहा कि यह बात हमें भी पता है. लेकिन इसमें से मुस्लिम धर्म को जानबूझकर छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से वर्ष 2014 से पहले जो शरणार्थी आए हैं. उन्हें नागरिकता मिलेगी लेकिन मुसलमान को नहीं मिलेगी.

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सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में पहुंचे दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या वह हिंदुस्तान के बाशिंदे नहीं हैं. इसके अलावा जंग ने कहा कि इसमें श्रीलंका से आए तमिल, मांयमार से आये रोहिंग्या को छोड़ दिया और कहा कि क्या नेपाल से आने वाले हिन्दू भारत नहीं आना चाहते हैं. इन लोगों को क्यों छोड़ा गया है? सरकार को इसका जवाब तो देना ही पड़ेगा.

'सीएए से ज़्यादा खतरनाक है एनआरसी'
वहीं उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए से ज्यादा खतरनाक तो एनआरसी है. क्योंकि लोगों के पास वो कागजात नहीं है जो कि सरकार लोगों से मांगने जा रही है ऐसे में वह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगा.

'बातचीत से निकलेगा समाधान'
उन्होंने कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी होगी, तभी कोई समाधान निकलेगा अगर कोई बातचीत नहीं होगी तो समाधान कैसे निकलेगा. मौलानाओं और नेताओं को आंदोलन से दूर रखने की हिदायत दी. इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल जंग ने प्रदर्शनकारियों के जज्बे को सलाम किया और इस आंदोलन से राजनेताओं तो दूर रहने की हिदायत दी. इसके अलावा कहा कि मौलानाओं को भी इस आंदोलन से दूर रखिएगा. साथ ही उन्हें हिदायत दी और कहा कि आप अपने मदरसे में बैठें. इस आंदोलन की नुमाइंदगी यहां पर बैठे बच्चे कर लेंगे.

ये भी पढ़ें- राहुल का आरोप, 'गरीबों से धन लेकर पूंजीपति मित्रों को बांटते हैं मोदी'

'सीएए में बदलाव करना होगा'
नजीब जंग ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. इस मौके पर उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वादा भी लिया कि जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तब तक यह संघर्ष यूं ही जारी रहेगा. बता दें कि नजीब जंग जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के उप राज्यपाल रह चुके हैं.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल और जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति नजीब जंग सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट ( सीएए ) और एनआरसी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए पहुंचे इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सीएए में सुधार की जरूरत है इसके अलावा उन्होंने इस कानून को संविधान विरोधी बताया. साथ ही कहा कि या तो इसमें मुसलमानों को शामिल करें या दूसरे धर्मों नाम हटा दें. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रगान भी गया.


Body:सीएए में मुस्लिम धर्म को जोड़ें या दूसरे धर्म को हटाएं वहीं प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि सरकार बिल्कुल सही कह रही है कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन रही है. उन्होंने कहा कि यह बात हमें भी पता है. लेकिन इसमें से मुस्लिम धर्म को जानबूझकर छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से वर्ष 2014 से पहले जो शरणार्थी आए हैं. उन्हें नागरिकता मिलेगी लेकिन मुसलमान को क्योंकि नहीं मिलेगी. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या वह हिंदुस्तान के बाशिंदे नहीं है. इसके अलावा जंग ने कहा कि इसमें श्रीलंका से आए तमिल, मांयमार से आये रोहिंग्या को छोड़ दिया और कहा कि क्या नेपाल से आने वाले हिन्दू भारत नहीं आना चाहते हैं. इन लोगों को क्यों छोड़ा गया है सरकार को इसका जवाब तो देना ही पड़ेगा. सीएए से ज़्यादा खतरनाक है एनआरसी वहीं उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए से ज्यादा खतरनाक तो एनआरसी है. क्योंकि लोगों के पास वो कागजात नहीं है जोकि सरकार लोगों से मांगने जा रही है ऐसे में वह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल होगा. बातचीत से निकलेगा समाधान वहीं उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी होगी तभी कोई समाधान निकलेगा अगर कोई बातचीत नहीं होगी तो समाधान कैसे निकलेगा. मौलानाओं और नेताओं को आंदोलन से दूर रखने की हिदायत दी वहीं इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल जंग ने प्रदर्शनकारियों के जज्बे को सलाम किया और इस आंदोलन से राजनेताओं तो दूर रहने की हिदायत दी. इसके अलावा कहा कि मौलानाओं को भी इस आंदोलन से दूर रखिएगा. साथ ही उन्हें हिदायत दी और कहा कि आप अपने मदरसे में बैठें इस आंदोलन की नुमाइंदगी यहां पर बैठे बच्चे कर लेंगे.


Conclusion:सीएए में बदलाव करना होगा ,वर्ना प्रदर्शन जारी रहेगा जंग ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. इस मौके पर उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वादा भी लिया कि जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती है तब तक यह संघर्ष यूं ही जारी रहेगा. बता दें कि नजीब जंग जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के उप राज्यपाल रह चुके हैं.
Last Updated : Feb 17, 2020, 7:52 PM IST
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