ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु : भारत में पहली बार वायरो वीटो जीवाणुनाशक परिधानों का निर्माण - clothing to save from corona

तमिलनाडु में करुर जिले के अंडनकोइल क्षेत्र की एक प्राइवेट कंपनी द्वारा दोबारा उपयोग करने वाले कोरोना परिधान बनाए जा रहे हैं. जिसे 25 बार तक धो कर दोबारा उपयोग किया जा सकता है. इसके बाद इसे सामान्य पोशाक की तरह उपयोग कर सकते हैं. ये वायरो वीटो जीवाणुनाशक परिधान दूसरे जिलों, राज्यों और देशों को निर्यात किए जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Re-usable Viro Vito Clothing to save from Corona infection
वायरों वीटो जीवाणुनाशक कपड़ों का निर्माण
author img

By

Published : Jul 7, 2020, 5:17 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 7:35 PM IST

चेन्नई : भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. केंद्र और राज्य सरकारों ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं. लेकिन कोरोना इलाज में डॉक्टरों द्वारा पहने जाने वाले पीपीई केवल कुछ ही बार उपयोग किए जाते हैं. इसे देखते हुए देश-विदेश की कई गारमेंट कंपनियां दोबारा उपयोग करने वाले पोशाक बनाने में व्यस्त हैं. करूर जिले के अंडनकोइल क्षेत्र में एक प्राइवेट कंपनी दोबारा उपयोग करने वाले कोरोना परिधान बना रही है.

वायरों वीटो जीवाणुनाशक कपड़ों का निर्माण

इसके साथ ही इन कपड़ों को जीवाणुनाशक रसायन के साथ यार्न के धागे को मिलाने और संरक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. 15 साल पुरानी इस कंपनी में पुन: प्रयोज्य नैदानिक वस्त्र दूसरे जिलों, राज्यों और देशों को निर्यात किए जा रहे हैं.

इस टेक्सटाइल कंपनी के प्रोपराइटर नल्लमुत्तु बताते हैं, 'हमारे यहां बनाए गए क्लीनिकल कपड़ों का चेन्नई और मुंबई में स्वास्थ्य विभागों द्वारा परीक्षण किया गया है. उन्होंने मंजूरी दे दी है. ये कपड़े वायरस से 99.99% तक सुरक्षित हैं. इन पोशाकों को धोया और दोबारा उपयोग किया जा सकता है.'

उन्होंने कहा, 'इन कपड़ों को बनाने के लिए स्विट्जरलैंड से रसायनों का आयात किया गया है. उन्हें एचईआईक्यू वायरोब्लॉक (HEIQ Viroblock) को फेब्रिक के साथ मिलाया जाता है. इसके अलावा भारत में पहली बार हमने कोरोना वायरस के लिए वायरो वीटो वस्त्रों (Viro Vito Clothing) का निर्माण किया है.'

नल्लमुत्तु ने कहा, 'हम इस प्रकार के परिधानों को मास्क, दस्ताने और पूरे शरीर के कपड़ों के साथ बेच रहे हैं. इस पोशाक का उपयोग डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है. यह फिलहाल डॉक्टरों के लिए बिल्कुल फ्री है. हमारा अगला उद्देश्य पुलिस और आम जनता द्वारा उपयोग के लिए सुरक्षात्मक कपड़ों का निर्माण और वितरण करना है.'

नल्लमुत्तु बताते हैं- 'इस उत्पाद की खासियत एंटी वायरल फैब्रिक है. इस कपड़े को विशेष रूप से स्विस तकनीक द्वारा तैयार किया जाता है. जिसमें हमारी तकनीक के साथ एचईआईक्यू वायरोब्लॉक (HEIQ Viroblock) रासायनिक का उपयोग किया जाता है.'

पढ़ें- 'कोविड वैक्सीन का प्रारंभिक परीक्षण सफल, दिसंबर तक उपलब्ध होने के आसार'

उन्होंने कहा, 'इन कपड़ों का उपयोग सभी कोविड वार्डों, एम्बुलेंस ड्राइवरों, प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले डॉक्टरों और नर्सों द्वारा किया जा रहा है. यह कपड़ा बहुत उपयोगी है. इसे इस्तेमाल करने के बाद फिर से उपयोग किया जा सकता है. इसमें 25 बार धोने तक वायरल ब्लॉक होगा. उसके बाद एंटी-बैक्टीरिया के गुण होंगे. उसके बाद इसे एक सामान्य पोशाक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. भविष्य में हम इन सुरक्षात्मक कपड़ों को आम आदमी के उपयोग के लाने की योजना बनाएंगे.'

चेन्नई : भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. केंद्र और राज्य सरकारों ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं. लेकिन कोरोना इलाज में डॉक्टरों द्वारा पहने जाने वाले पीपीई केवल कुछ ही बार उपयोग किए जाते हैं. इसे देखते हुए देश-विदेश की कई गारमेंट कंपनियां दोबारा उपयोग करने वाले पोशाक बनाने में व्यस्त हैं. करूर जिले के अंडनकोइल क्षेत्र में एक प्राइवेट कंपनी दोबारा उपयोग करने वाले कोरोना परिधान बना रही है.

वायरों वीटो जीवाणुनाशक कपड़ों का निर्माण

इसके साथ ही इन कपड़ों को जीवाणुनाशक रसायन के साथ यार्न के धागे को मिलाने और संरक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है. 15 साल पुरानी इस कंपनी में पुन: प्रयोज्य नैदानिक वस्त्र दूसरे जिलों, राज्यों और देशों को निर्यात किए जा रहे हैं.

इस टेक्सटाइल कंपनी के प्रोपराइटर नल्लमुत्तु बताते हैं, 'हमारे यहां बनाए गए क्लीनिकल कपड़ों का चेन्नई और मुंबई में स्वास्थ्य विभागों द्वारा परीक्षण किया गया है. उन्होंने मंजूरी दे दी है. ये कपड़े वायरस से 99.99% तक सुरक्षित हैं. इन पोशाकों को धोया और दोबारा उपयोग किया जा सकता है.'

उन्होंने कहा, 'इन कपड़ों को बनाने के लिए स्विट्जरलैंड से रसायनों का आयात किया गया है. उन्हें एचईआईक्यू वायरोब्लॉक (HEIQ Viroblock) को फेब्रिक के साथ मिलाया जाता है. इसके अलावा भारत में पहली बार हमने कोरोना वायरस के लिए वायरो वीटो वस्त्रों (Viro Vito Clothing) का निर्माण किया है.'

नल्लमुत्तु ने कहा, 'हम इस प्रकार के परिधानों को मास्क, दस्ताने और पूरे शरीर के कपड़ों के साथ बेच रहे हैं. इस पोशाक का उपयोग डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है. यह फिलहाल डॉक्टरों के लिए बिल्कुल फ्री है. हमारा अगला उद्देश्य पुलिस और आम जनता द्वारा उपयोग के लिए सुरक्षात्मक कपड़ों का निर्माण और वितरण करना है.'

नल्लमुत्तु बताते हैं- 'इस उत्पाद की खासियत एंटी वायरल फैब्रिक है. इस कपड़े को विशेष रूप से स्विस तकनीक द्वारा तैयार किया जाता है. जिसमें हमारी तकनीक के साथ एचईआईक्यू वायरोब्लॉक (HEIQ Viroblock) रासायनिक का उपयोग किया जाता है.'

पढ़ें- 'कोविड वैक्सीन का प्रारंभिक परीक्षण सफल, दिसंबर तक उपलब्ध होने के आसार'

उन्होंने कहा, 'इन कपड़ों का उपयोग सभी कोविड वार्डों, एम्बुलेंस ड्राइवरों, प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले डॉक्टरों और नर्सों द्वारा किया जा रहा है. यह कपड़ा बहुत उपयोगी है. इसे इस्तेमाल करने के बाद फिर से उपयोग किया जा सकता है. इसमें 25 बार धोने तक वायरल ब्लॉक होगा. उसके बाद एंटी-बैक्टीरिया के गुण होंगे. उसके बाद इसे एक सामान्य पोशाक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. भविष्य में हम इन सुरक्षात्मक कपड़ों को आम आदमी के उपयोग के लाने की योजना बनाएंगे.'

Last Updated : Jul 7, 2020, 7:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.