नई दिल्ली: रूस में विकसित कोविड-19 टीका 'स्पूतनिक-वी' पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है. भारत में कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता के मुद्दे को एक कदम आगे बढ़ाते हुए, रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने कहा कि भारत 2021 में स्पूतनिक-वी वैक्सीन की लगभग 300 मिलियन खुराक का उत्पादन करेगा. भारत में हम चार बड़े निर्माताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं.
रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के प्रमुख किरिल दिमित्रिव ने कहा कि भारत 2021 में रूसी स्पूतनिक-वी वैक्सीन की लगभग 300 मिलियन खुराक या उससे अधिक का उत्पादन करेगा. उन्होंने बताया कि स्पूतनिक-वी का उत्पादन अन्य देशों जैसे दक्षिण कोरिया, ब्राजील और चीन में शुरू हो चुका है. दिमित्रिक ने कहा, आरडीआईएफ ने स्पूतनिक-वी के लिए 10 उत्पादन स्थलों का चयन किया है.
स्पूतनिक-वी के नैदानिक परीक्षणों के अंतिम नियंत्रण बिंदु के डेटा विश्लेषण के आधार पर पुष्टि की गई कि वैक्सीन में 91.4 प्रतिशत प्रभावकारिता है. यह गणना तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण प्रोटोकॉल के अनुसार, 78 कम मामलों के तीसरे और अंतिम नियंत्रण बिंदु पर स्पूतनिक-वी वैक्सीन या प्लेसबो की पहली और दूसरी खुराक दोनों प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों के डेटा के विश्लेषण पर आधारित थी.
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भारत में डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज और आरडीआईएफ ने अनुकूली फेज 2 और 3 नैदानिक परीक्षणों की शुरुआत की है. दिलचस्प बात यह है कि डॉ. रेड्डीज ने अपने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए भारत के दवा नियामक डीसीजीआई से भी संपर्क किया है.
दो अन्य घरेलू फार्मा दिग्गज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक ने भी अपने कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट के आपातकालीन प्राधिकरण के लिए संपर्क किया है.