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रिजर्व बैंक ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा - रिजर्व बैंक

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेपो दर को बिना बदलाव के 4% रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया. गवर्नर ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक तंत्र में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाए रखेगा.

रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा
रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा
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Published : Oct 9, 2020, 10:59 AM IST

Updated : Oct 9, 2020, 11:15 AM IST

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए यह बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख को बनाए रखेगा.

नरम रुख से कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यववस्था को गति देने के लिए जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है.

उन्होंने कहा, 'नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिश्त पर बरकरार रखा जा रहा है.' रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी.

दास ने कहा कि मैद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथावत रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख बनाए रखने के पक्ष में मतदान किया.

यह भी पढ़ें : आरबीआई की मौद्रिक नीति की समिति में तीन अहम नियुक्तियां

उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा. तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है.

दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और वृद्धि दर चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जाएगी.

चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट.

रिजर्व बैंक तंत्र में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाए रखेगा. अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे.

मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चा तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद.

तुंरत कोष अंतरण के लिए आरटीजीएस व्यवस्था दिसंबर से 24 घंटे काम करेगी.

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए यह बात कही. उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए उदार रुख को बनाए रखेगा.

नरम रुख से कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यववस्था को गति देने के लिए जरूरत पड़ने पर नीतिगत दरों में कटौती की जा सकती है.

उन्होंने कहा, 'नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिश्त पर बरकरार रखा जा रहा है.' रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी.

दास ने कहा कि मैद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथावत रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख बनाए रखने के पक्ष में मतदान किया.

यह भी पढ़ें : आरबीआई की मौद्रिक नीति की समिति में तीन अहम नियुक्तियां

उन्होंने कहा कि पहली छमाही में जो पुनरूद्धार देखने को मिला है, वह दूसरी छमाही में और मजबूत होगा. तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है.

दास ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट पर विराम लगेगा और वृद्धि दर चौथी तिमाही में यह सकारात्मक दायरे में पहुंच जाएगी.

चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट.

रिजर्व बैंक तंत्र में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाए रखेगा. अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे.

मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चा तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद.

तुंरत कोष अंतरण के लिए आरटीजीएस व्यवस्था दिसंबर से 24 घंटे काम करेगी.

Last Updated : Oct 9, 2020, 11:15 AM IST
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