नई दिल्ली : केंद्रीय संचार एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चीनी ऐप पर प्रतिबंध को 'डिजिटल हमला' करार देते हुए कहा है कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर कोई बुरी नजर डालता है तो देश मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है.
प्रसाद ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल डिजिटल जनसम्पर्क रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मजबूत' नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा, 'अगर हमारे देश ने 20 सैनिकों को खोया तो चीन में यह संख्या दुगुनी है.'
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा, 'अब आप केवल दो ‘सी’ सुन सकते हैं कोरोना वायरस और चीन. हम शांति और समस्याओं को बातचीत के जरिए हल करने में यकीन रखते हैं, लेकिन अगर कोई भारत पर बुरी नजर डालता है तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे..अगर हमारे 20 जवानों ने अपनी जान का बलिदान दिया तो चीन में यह संख्या दोगुनी है. आप सभी ने देखा होगा कि उन्होंने कोई संख्या नहीं बताई.'
हाल फिलहाल में आतंकवादी हमलों का भारत द्वारा जवाब दिए जाने को याद करते हुए प्रसाद ने कहा, 'आप सभी को याद होगा कि उरी और पुलवामा (आतंकवादी हमलों) के बाद हमने कैसे बदला लिया. जब हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा तो इसका मतलब होता है. हमारी सरकार में यह कर दिखाने की इच्छाशक्ति है.'
उन्होंने कहा कि भारत ने देशवासियों के डेटा की सुरक्षा करने के लिए 'डिजिटल हमला' किया.
प्रसाद ने यह पूछा कि टीएमसी चीनी एप्स पर प्रतिबंध का विरोध क्यों कर रही है. उन्होंने कहा, 'हम बंगाल में अजीब प्रवृत्ति देख रहे हैं. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पहले पूछा था कि हम एप्स पर पाबंदी क्यों नहीं लगा रहे और अब वे जानना चाहते हैं कि हम एप्स पर प्रतिबंध क्यों लगा रहे हैं. यह अजीब है, वे संकट के समय सरकार के साथ क्यों नहीं खड़े हो सकते.'
उन्होंने चीन-भारत सीमा पर झड़प को लेकर माकपा की 'चुप्पी' पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'मैं हैरान हूं कि माकपा ने चीन की आलोचना क्यों नहीं की. क्या यह वही माकपा है, जो 1962 में थी.'