नई दिल्ली : राम मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास के खास मौके पर रामलला के लंबे समय से वकील रहे केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को संविधान की मूल प्रति में मौजूद भगवान राम की एक तस्वीर साझा की.
प्रसाद ने ट्वीट में लिखा, 'भारत के संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय के आरम्भ में एक स्केच है जो मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापसी का है. आज संविधान की इस मूल भावना को आप सभी से शेयर करने का मन हुआ.'
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भारत के संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय के आरम्भ में एक स्केच है जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापसी का है।
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— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 5, 2020
आज संविधान की इस मूल भावना को आप सभी से शेयर करने का मन हुआ। #जयश्रीराम pic.twitter.com/wFICxcAqQSभारत के संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय के आरम्भ में एक स्केच है जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या वापसी का है।
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 5, 2020
आज संविधान की इस मूल भावना को आप सभी से शेयर करने का मन हुआ। #जयश्रीराम pic.twitter.com/wFICxcAqQS
केंद्रीय मंत्री ने इस दिन को भारत के स्वाभिमान का दिन भी कहा. प्रसाद ने अयोध्या भूमि विवाद मामले से संबंधित मुकदमे में याचिकाकर्ता रामलला का प्रतिनिधित्व किया था, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2010 में फैसला सुनाया था. न्यायालय ने विवादित स्थल को दावेदारों के बीच समान रूप से वितरित करने का आदेश दिया था.
न्यूज टेलीविजन पर सार्थक डिबेट करने वाले प्रसाद को भगवान राम के वकील के रूप में जाना जाने लगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले, जहां वकील के. परासरन ने रामलला की पैरवी की थी, को प्रसाद ने 'ऐतिहासिक फैसला' बताया था.