नई दिल्ली : देशभर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया. हालांकि अब 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ छूट दी जाएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था विशेष कर खेती-किसानी से जुड़े कार्य पूर्णतः शुरू हो सकेंगे. इसी क्रम में कोरोना संकट से निबटने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य कई गैर सरकारी संगठन मैदान में उतर आए हैं.
मौजूदा स्थिति में सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के सामने है, जो गांव से आ कर शहरों में बसे हुए हैं और मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करते हैं. देश के तमाम बड़े शहरों में ऐसे मजदूरों और अलगअलग उद्योग या सेवा श्रेणी में काम करने वाले लोगों के सामने लॉकडाउन के दौरान रोजगार के साथ-साथ भोजन का संकट भी खड़ा हो गया है.
इस संकट के समय में सरकार के साथ-साथ कई गैर सरकारी संगठनों ने भी राहत कार्य शुरू किया है. शहरों में जगह- जगह भोजन,राशन और सुरक्षा सामग्री वितरण का काम लोग करते हुए देखे जा रहे हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में भी ऐसे सेवा कार्यों में लोगों की बड़ी सहभागिता देखी जा रही है.
जरूरतमंदों के लिए चलाये जा रहे सेवा कार्यों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उनसे जुड़े संगठनों की भी व्यापक स्तर पर सक्रिय भूमिका देखी जा रही है. इसके लिए संघ के सूचना विभाग इन्द्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र की तरफ से सेवा कार्यों से सम्बंधित जानकारी भी लगातार प्रेषित की जाती रही है.
लॉकडाउन के पहले चरण की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली में ही संघ और उसकी इकाई सेवा भारती ने अब तक लगभग 14 लाख लोगों तक मदद पहुंचाने का काम किया है जिसमें भोजन, सुरक्षा सामग्री से ले कर रक्त दान तक शामिल है.
दिल्ली में आरएसएस और सेवा भारती की ओर से मौजूदा समय चार हेल्पलाइन चलाई जा रही हैं, जिनमें सेवा भारती की हेल्पलाइन, छात्रों, नॉर्थ ईस्ट के लोगों और दिव्यांगों के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन चलाई जा रही है.
इसके अलवा 'उत्कर्ष' मोबाइल एप के माध्यम से डिजिटल हेल्पलाइन भी सेवा भारती 'युवा' द्वारा तैयार की गई है . इन सभी हेल्पलाइन के माध्यम से सेवा भारती के पास अब तक 50 हजार से ज्यादा सहायता निवेदन पहुंचे हैं.
प्रेषित जानकारी के अनुसार संघ के लगभग 10 हजार कार्यकर्ता देश की राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में जरूरतमंदों तक लगातार मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
दिल्ली में कुल 179 स्थानों पर रसोई बनाई गई है, जहां खाने के पैकेट्स तैयार कर 910 अलग-अलग जगहों पर बांटने का काम किया जाता है. इसके अलावा 8900 से ज्यादा स्वयंसेवक प्रतिदिन अपने घरों से खाने के पैकेट्स बना कर दे रहे हैं. इस तरह से अब तक संघ कार्यकर्ता केवल दिल्ली में ही लगभग 29 लाख तैयार भोजन के पैकेट्स बांट चुके हैं.
जो परिवार खुद भोजन तैयार कर सकते हैं, उनके लिए स्वयंसेवक राशन की व्यवस्था भी कर रहे हैं. अब तक आरएसएस द्वारा सवा लाख राशन किट बांटे गए हैं, जिनमें जरूरतमंदों को पूरा राशन दिया गया है.
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भोजन के साथ-साथ आमजन को सुरक्षित रहने के लिए भी स्वयंसेवक जागरूक करते हैं और सुरक्षा सामग्री भी उनके बीच बांटने का काम कर रहे हैं.
सुरक्षा सामग्री में अब तक संघ कार्यकर्ताओं द्वारा 2 लाख 25 हजार से ज्यादा सुरक्षा सामानों का वितरण किया गया है, जिसमें साबुन, मास्क, ग्लव्स और हैंड सेनिटाइजर शामिल है.
लॉकडाउन की स्थिति में दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर पशु-पक्षियों के सामने भी भुखमरी की स्थिति आ गई थी और इसका ध्यान रखते हुए 500 से ज्यादा जगहों पर संघ कार्यकर्ता पशु पक्षियों के लिए भी भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर RSS के दो लाख से ज्यादा स्वयंसेवक 26000 जगहों पर लोगों की मदद में जुटे हुए हैं और संघ द्वारा प्रेषित जानकारी के अनुसार अब तक 40 लाख से ज्यादा परिवारों तक मदद पहुंचाने का काम किया जा चुका है.