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राष्ट्रीय किसान महासंघ का प्रतिनिधिमंडल जाएगा कश्मीर, किसानों से होगी मुलाकात

राष्ट्रीय किसान महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल 21 नवम्बर से पांच दिवसीय कश्मीर के दौरे पर जा रहा है. इस दौरान वह कश्मीर में हजारों किसानों संग संवाद करने के साथ ही सेब के बगीचों और केसर के खेतों का मुआयना भी करेगा.

शिव कुमार कक्का जी, किसान नेता.
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Published : Nov 20, 2019, 9:05 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय किसान महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल किसान नेता शिव कुमार कक्का जी के नेतृत्व में 21 नवम्बर को पांच दिवसीय दौरे पर कश्मीर जा रहा है. इस दौरे में प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के हजारों किसानों के साथ संवाद करने के अलावा सेब के बगीचों और केसर के खेतों का मुआयना भी करेगा.

गौरतलब है कि कश्मीर से अगस्त माह में धारा 370 हटाये जाने के बाद तनाव की स्थिति होने की वजह से टेलीफोन लाइन और ट्रांसपोर्ट सेवा दोनों ही ठप पड़ गयी थी, जिसका किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

सेब के किसानों के लिए ये फसल निकालने और बेचने का मौसम था, लेकिन कई टन सेब की खेप बाहर नहीं निकल सकी और उनको भारी नुकसान झेलना पड़ा है. इतना ही नहीं, असमय बर्फबारी की वजह से भी किसानों को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा है.

इसी विषय में देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान संगठनों के संयुक्त संगठन -अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का एक प्रतिनिधिमंडल भी हाल में कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर गया था .

दौरे से लौटने के बाद कश्मीर के किसानों की हालत बयान करते हुए समन्वय समिति ने सरकार से मांग की थी कि इसे एक राष्ट्रीय आपदा घोषित कर किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए.

अब देश के सबसे बड़े किसान संगठनों में शुमार राष्ट्रीय किसान महासंघ का प्रतिनिधिमंडल भी कश्मीर जा रहा है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आगे सरकार के सामने किस तरह की मांग रखी जाती है.

हालांकि अब तक कृषि मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मामले में कोई खास पहल सामने नहीं आयी है. नाफेड के माध्यम से सेब की खरीद की बात जरूर हुई थी, लेकिन AIKSCC का कहना है कि नाफेड ने किसानों से कुल उत्पाद का एक प्रतिशत भी नहीं खरीदा है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय किसान महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल किसान नेता शिव कुमार कक्का जी के नेतृत्व में 21 नवम्बर को पांच दिवसीय दौरे पर कश्मीर जा रहा है. इस दौरे में प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के हजारों किसानों के साथ संवाद करने के अलावा सेब के बगीचों और केसर के खेतों का मुआयना भी करेगा.

गौरतलब है कि कश्मीर से अगस्त माह में धारा 370 हटाये जाने के बाद तनाव की स्थिति होने की वजह से टेलीफोन लाइन और ट्रांसपोर्ट सेवा दोनों ही ठप पड़ गयी थी, जिसका किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

सेब के किसानों के लिए ये फसल निकालने और बेचने का मौसम था, लेकिन कई टन सेब की खेप बाहर नहीं निकल सकी और उनको भारी नुकसान झेलना पड़ा है. इतना ही नहीं, असमय बर्फबारी की वजह से भी किसानों को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा है.

इसी विषय में देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान संगठनों के संयुक्त संगठन -अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का एक प्रतिनिधिमंडल भी हाल में कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर गया था .

दौरे से लौटने के बाद कश्मीर के किसानों की हालत बयान करते हुए समन्वय समिति ने सरकार से मांग की थी कि इसे एक राष्ट्रीय आपदा घोषित कर किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए.

अब देश के सबसे बड़े किसान संगठनों में शुमार राष्ट्रीय किसान महासंघ का प्रतिनिधिमंडल भी कश्मीर जा रहा है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आगे सरकार के सामने किस तरह की मांग रखी जाती है.

हालांकि अब तक कृषि मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मामले में कोई खास पहल सामने नहीं आयी है. नाफेड के माध्यम से सेब की खरीद की बात जरूर हुई थी, लेकिन AIKSCC का कहना है कि नाफेड ने किसानों से कुल उत्पाद का एक प्रतिशत भी नहीं खरीदा है.

Intro:राष्ट्रीय किसान महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल किसान नेता शिव कुमार कक्का जी के नेतृत्व में 21 नवंबर को पांच दिवसीय दौरे पर कश्मीर जा रहा है । इस दौरे में किसान संगठन का कहना है कि वो कश्मीर के हजारों किसानों के साथ संवाद करेगा और साथ ही सेब के बगीचों और केसर के खेतों का मुआयना भी करेगा ।
गौरतलब है कि कश्मीर से अगस्त महीने में धारा 370 हटाये जाने के बाद तनाव की स्थिति होने की वजह से टेलीफोन लाइन और ट्रांसपोर्ट सेवा दोनों ही ठप्प पड़ गई थी जिसका किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा । सेब के किसानों के लिये ये फसल निकालने और बेचने का मौसम था लेकिन कई टन सेब की खेप बाहर नहीं निकल सकी और उनको भारी नुक्सान झेलना पड़ा है । इतना ही नहीं असमय बर्फबारी की वजह से भी किसानों को बहुत नुक्सान का सामना करना पड़ा है ।


Body:इसी विषय में देश भर की दो सौ से ज्यादा किसान संगठनों की संयुक्त संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का एक प्रतिनिधिमंडल भी हाल में कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर गया था । दौरे से लौटने के बाद कश्मीर के।किसानों की हालात बयान करते हुए समन्वय समिति ने सरकार से मांग की थी कि इसे एक राष्ट्रीय आपदा घोषित कर किसानों को पर्याप्त मुआबजा दिया जाना चाहिये ।
अब देश के सबसे बड़े किसान संगठनों में शुमार राष्ट्रीय किसान महासंघ का प्रतिनिधिमंडल भी कश्मीर जा रहा है । ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आगे सरकार के सामने किस तरह की मांग रखी जाती है ।
हालांकि अभी तक कृषि मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मामले।में कोई खास पहल सामने नहीं आई है । नाफेड के माध्यम से सेब के खरीद की बात जरूर हुई थी लेकिन AIKSCC का कहना है कि नाफेड ने किसानों से कुल उत्पाद का एक प्रतिशत भी नहीं खरीदा है ।


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