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राष्ट्रीय किसान महासंघ ने मंदसौर में मारे गए किसानों को दी श्रद्धांजलि - किसानों को श्रद्धांजली

राष्ट्रीय किसान किसान महासंघ ने मंदसौर में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक दिन का उपवास रखा. साथ ही उन्होंने सरकार के आध्यादेश तरफ से जानकारी दी गई.

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सांकेतिक चित्र
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Published : Jun 7, 2020, 2:31 AM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय किसान महासंघ के तरफ से जानकारी दी गई है कि जल्द ही उनके शीर्ष नेताओं की एक बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होगी, जिसमें वो केंद्र सरकार के द्वारा हाल में लाये गए अध्यादेशों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे.

तीन साल पहले आज के ही दिन मध्यप्रदेश के मंदसौर में कर्ज माफी और फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस फायरिंग के दौरान छह किसानों की मौत हो गई थी.

आज देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय किसान महासंघ से सम्बद्ध किसानों ने एक दिन का उपवास रखा, हवन किया और मृत किसानों को शहीद के रूप में याद किया.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों के लिए एक दिन का उपवास

कोरोना वायरस के कारण रेड जोन में सभी किसानों ने अपने घरों में ही उपवास किया व ग्रीन जोन में किसानों ने सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखते हुए गांवों में सामूहिक उपवास किया. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने आज प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है.

गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने भी किसान शहीद दिवस पर उपवास किया और किसानों व मजदूरों के नाम जारी वीडियो संदेश में कहा कि केंद्र सरकार किसानों को उनकी फसलों का स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP नहीं दे रही है.

उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को लागत के ऊपर 50% जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों की स्थिति में सुधार संभव नहीं है.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों को श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश से किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने सन्देश जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कारण लागू किये गए लॉकडाउन का फायदा उठाकर किसान-विरोधी अध्यादेश पारित कर रही है.

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने C2+50% के फार्मूले के अनुसार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया है और निकट भविष्य में राष्ट्रीय किसान महासंघ विभिन्न राज्यों से आंकड़े इकठ्ठा कर C2 लागत के असली आंकड़ों को कृषि मंत्रालय के साथ साझा करेगा और C2 लागत के सरकारी आंकड़ों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि अध्यादेश के जरिये कानून बनाना अलोकतांत्रिक है और किसानों के विषय में कोई भी कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार को किसानों से चर्चा करनी चाहिए.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों को श्रद्धांजलि

पंजाब से किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार विश्व व्यापार संगठन व अन्य वैश्विक संस्थानों के दबाव में कृषि उपज मण्डी अधिनियम में बदलाव कर के किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ा रही है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अपनी जवाबदेही से बचना चाहती है. उन्होंने कहा आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन से सिर्फ बड़े पूंजीपतियों को फायदा होगा.

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उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने की कोशिश की गई तो सरकार गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों को श्रद्धांजलि

कर्नाटक से के. शांताकुमार ने कहा कि केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2020 के जरिये किसानों को सस्ती दरों पर मिलने वाली बिजली बंद करना चाहती है.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को विद्युत अधिनियम 2020 से बाहर रखे अन्यथा केंद्र सरकार को किसानों के देशव्यापी आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 'वन नेशन, वन बाजार' से व्यापारियों को फायदा होगा और किसानों का शोषण बढ़ेगा.

उत्तर प्रदेश से हरपाल चौधरी ने कहा कि गन्ना किसानों के हजारों करोड़ों रुपये गन्ना मिलों पर बकाया हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठा रही.

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उन्होंने कहा कि गन्ना मिलों द्वारा गांवों में लगे हुए तौल-कांटें उखाड़े जा रहे हैं, जिस से किसानों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय किसान महासंघ के तरफ से जानकारी दी गई है कि जल्द ही उनके शीर्ष नेताओं की एक बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होगी, जिसमें वो केंद्र सरकार के द्वारा हाल में लाये गए अध्यादेशों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे.

तीन साल पहले आज के ही दिन मध्यप्रदेश के मंदसौर में कर्ज माफी और फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस फायरिंग के दौरान छह किसानों की मौत हो गई थी.

आज देश के कई राज्यों में राष्ट्रीय किसान महासंघ से सम्बद्ध किसानों ने एक दिन का उपवास रखा, हवन किया और मृत किसानों को शहीद के रूप में याद किया.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों के लिए एक दिन का उपवास

कोरोना वायरस के कारण रेड जोन में सभी किसानों ने अपने घरों में ही उपवास किया व ग्रीन जोन में किसानों ने सोशल डिस्टेन्सिंग का ध्यान रखते हुए गांवों में सामूहिक उपवास किया. राष्ट्रीय किसान महासंघ ने आज प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है.

गांधीवादी नेता अन्ना हजारे ने भी किसान शहीद दिवस पर उपवास किया और किसानों व मजदूरों के नाम जारी वीडियो संदेश में कहा कि केंद्र सरकार किसानों को उनकी फसलों का स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP नहीं दे रही है.

उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को लागत के ऊपर 50% जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों की स्थिति में सुधार संभव नहीं है.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों को श्रद्धांजलि

मध्यप्रदेश से किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने सन्देश जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कारण लागू किये गए लॉकडाउन का फायदा उठाकर किसान-विरोधी अध्यादेश पारित कर रही है.

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने C2+50% के फार्मूले के अनुसार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया है और निकट भविष्य में राष्ट्रीय किसान महासंघ विभिन्न राज्यों से आंकड़े इकठ्ठा कर C2 लागत के असली आंकड़ों को कृषि मंत्रालय के साथ साझा करेगा और C2 लागत के सरकारी आंकड़ों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि अध्यादेश के जरिये कानून बनाना अलोकतांत्रिक है और किसानों के विषय में कोई भी कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार को किसानों से चर्चा करनी चाहिए.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों को श्रद्धांजलि

पंजाब से किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार विश्व व्यापार संगठन व अन्य वैश्विक संस्थानों के दबाव में कृषि उपज मण्डी अधिनियम में बदलाव कर के किसानों को मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ा रही है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अपनी जवाबदेही से बचना चाहती है. उन्होंने कहा आवश्यक वस्तु कानून में संशोधन से सिर्फ बड़े पूंजीपतियों को फायदा होगा.

वार्ता से ही चीन-भारत के बीच के विवाद को हल किया जा सकता है : कोंचाक स्टैनजिन

उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने की कोशिश की गई तो सरकार गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.

rashtriya kisan mahasangh
किसानों को श्रद्धांजलि

कर्नाटक से के. शांताकुमार ने कहा कि केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2020 के जरिये किसानों को सस्ती दरों पर मिलने वाली बिजली बंद करना चाहती है.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को विद्युत अधिनियम 2020 से बाहर रखे अन्यथा केंद्र सरकार को किसानों के देशव्यापी आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 'वन नेशन, वन बाजार' से व्यापारियों को फायदा होगा और किसानों का शोषण बढ़ेगा.

उत्तर प्रदेश से हरपाल चौधरी ने कहा कि गन्ना किसानों के हजारों करोड़ों रुपये गन्ना मिलों पर बकाया हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठा रही.

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उन्होंने कहा कि गन्ना मिलों द्वारा गांवों में लगे हुए तौल-कांटें उखाड़े जा रहे हैं, जिस से किसानों को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

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