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जल्द होगा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन : पासवान - उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ राजधानी में बैठक की. बैठक के दौरान हुई चर्चा पर उन्होंने मीडिया से बातचीत की. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस अधिनियम से उपभोक्ताओं के अधिकारों के और अधिक संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए गए हैं तथा मौजूदा नियमों को सुदृढ़ बनाया गया है.

Central consumer protection authority
प्रेस से बात करते केंद्रीय मंत्री
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Published : Feb 19, 2020, 7:20 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 9:09 PM IST

नई दिल्ली : उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ आज दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बैठक की. पासवान ने मीडिया से बात करते हुए बैठक के बार में जानकारी साझा की.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस अधिनियम से उपभोक्ता आयोग में उपभोक्ता विवादों के त्वरित निपटान के लिए नियम सरल हो गए हैं.

जल्द होगा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन

पासवान ने कहा कि अनावश्यक रूप से लंबे समय तक चलने वाले मुकदमों को रोकने के लिए सभी आयोगों में मध्यस्थता आरंभ की गई है. लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे को रोकने के लिए अधिनियम में अपीलों की संख्या को सीमित किया गया है.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 को हाल ही में संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया है. इस नए अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों के और अधिक संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए गए हैं तथा मौजूदा नियमों को सुदृढ़ बनाया गया है. इसमें एक केंद्रीय विनियामक की स्थापना, भ्रामक विज्ञापनों के लिए जुर्माने और ई-कॉमर्स एवं प्रत्यक्ष बिक्री के लिए नियम बनाने के प्रावधान भी किया गए हैं.

रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण उपभोक्ता अधिकारों, अनुचित व्यापार व्यवहारो, भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों का निपटान करेगा और नकली व मिलावटी उत्पाद बेचने के लिए जुर्माना भी लगाएगा.

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के तत्वाधान में जिला कलेक्टर को उपभोक्ताओं को एक श्रेणी के रूप में प्रभावित करने वाले मामलों में जांच करने के अधिकार दिए गए हैं. केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना और श्रेणी के रूप में कार्रवाई आरंभ करने के परिणाम स्वरूप उपभोक्ता को राहत प्रदान करने की एक अतिरिक्त पद्धति का सृजन होगा, जिसका उपयोग किसी उपभोक्ता को उसकी समस्या के समाधान के लिए शिकायत दर्ज करते हुए किया जा सकेगा. इससे उपभोक्ता को एक साथ दो समानांतर कार्यवाहियो की सुविधा मिलेगी.

रामविलास पासवान ने कहा कि उन्होंने ई-कॉमर्स और प्रत्यक्ष बिक्री को विनियमित करने की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि वर्तमान में इन सेक्टरों के लिए कोई विनियामक निकाय नहीं है और ऑनलाइन खरीदारों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है.

पासवान ने विशेष रूप से उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइंनो और जोनल हेल्पलाइनों द्वारा शिकायत निवारण की प्रक्रिया के बारे में उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि शिकायतें दर्ज कराने के लिए उपभोक्ता ऐप का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और यह काफी सरल रहा है, इस ऐप की निगरानी मंत्रालय द्वारा की जा रही है.

पढ़ें-प्याज के दाम स्थिर होते ही निर्यात के बारे में करेंगे विचार : पासवान

रामविलास पासवान ने कहा कि बैठक के अंत में उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में अनुचित व्यापार व्यवहारों को रोकने के लिए व्यापार और उद्योग जगत, सिविल सोसायटी संगठनों और सबसे अधिक सभी उपभोक्ताओं के स्वयं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

बैठक में उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिनिधियों ने एक स्वर से नए उपभोक्ता संरक्षण कानून का स्वागत किया और अनेक महत्वपूर्ण सुझाव भी आए हैं, जिन पर विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है.

नई दिल्ली : उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ आज दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बैठक की. पासवान ने मीडिया से बात करते हुए बैठक के बार में जानकारी साझा की.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस अधिनियम से उपभोक्ता आयोग में उपभोक्ता विवादों के त्वरित निपटान के लिए नियम सरल हो गए हैं.

जल्द होगा केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का गठन

पासवान ने कहा कि अनावश्यक रूप से लंबे समय तक चलने वाले मुकदमों को रोकने के लिए सभी आयोगों में मध्यस्थता आरंभ की गई है. लंबे समय तक चलने वाले मुकदमे को रोकने के लिए अधिनियम में अपीलों की संख्या को सीमित किया गया है.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 को हाल ही में संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया है. इस नए अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारों के और अधिक संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए गए हैं तथा मौजूदा नियमों को सुदृढ़ बनाया गया है. इसमें एक केंद्रीय विनियामक की स्थापना, भ्रामक विज्ञापनों के लिए जुर्माने और ई-कॉमर्स एवं प्रत्यक्ष बिक्री के लिए नियम बनाने के प्रावधान भी किया गए हैं.

रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण उपभोक्ता अधिकारों, अनुचित व्यापार व्यवहारो, भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों का निपटान करेगा और नकली व मिलावटी उत्पाद बेचने के लिए जुर्माना भी लगाएगा.

उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के तत्वाधान में जिला कलेक्टर को उपभोक्ताओं को एक श्रेणी के रूप में प्रभावित करने वाले मामलों में जांच करने के अधिकार दिए गए हैं. केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना और श्रेणी के रूप में कार्रवाई आरंभ करने के परिणाम स्वरूप उपभोक्ता को राहत प्रदान करने की एक अतिरिक्त पद्धति का सृजन होगा, जिसका उपयोग किसी उपभोक्ता को उसकी समस्या के समाधान के लिए शिकायत दर्ज करते हुए किया जा सकेगा. इससे उपभोक्ता को एक साथ दो समानांतर कार्यवाहियो की सुविधा मिलेगी.

रामविलास पासवान ने कहा कि उन्होंने ई-कॉमर्स और प्रत्यक्ष बिक्री को विनियमित करने की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि वर्तमान में इन सेक्टरों के लिए कोई विनियामक निकाय नहीं है और ऑनलाइन खरीदारों की संख्या में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है.

पासवान ने विशेष रूप से उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइंनो और जोनल हेल्पलाइनों द्वारा शिकायत निवारण की प्रक्रिया के बारे में उल्लेख किया.

उन्होंने कहा कि शिकायतें दर्ज कराने के लिए उपभोक्ता ऐप का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और यह काफी सरल रहा है, इस ऐप की निगरानी मंत्रालय द्वारा की जा रही है.

पढ़ें-प्याज के दाम स्थिर होते ही निर्यात के बारे में करेंगे विचार : पासवान

रामविलास पासवान ने कहा कि बैठक के अंत में उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में अनुचित व्यापार व्यवहारों को रोकने के लिए व्यापार और उद्योग जगत, सिविल सोसायटी संगठनों और सबसे अधिक सभी उपभोक्ताओं के स्वयं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

बैठक में उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिनिधियों ने एक स्वर से नए उपभोक्ता संरक्षण कानून का स्वागत किया और अनेक महत्वपूर्ण सुझाव भी आए हैं, जिन पर विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 9:09 PM IST
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