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पासवान बोले - दिल्ली के पानी की दोबारा जांच में सहयोग नहीं कर रहे केजरीवाल

केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय मानक ब्यूरो की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि दिल्ली में पीने का पानी बहुत दूषित है. इस रिपोर्ट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल खड़े किए थे और इसे राजनीति से प्रेरित बताया था. अब केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि पानी की गुणवत्ता की दोबारा जांच में केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने अब तक अधिकारियों के नाम नहीं दिए. जानें विस्तार से क्या है मामला...

union minister ramvilas paswan
रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
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Published : Nov 27, 2019, 8:02 PM IST

Updated : Nov 27, 2019, 10:43 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय मानक ब्यूरो ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि दिल्ली में पीने का पानी बहुत दूषित है. इस रिपोर्ट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल खड़े किए थे और इसे राजनीति से प्रेरित बताया था.

दरअसल केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) आता है.

केजरीवाल की आपत्ति के बाद केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने उन्हें पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि मंत्रालय पानी की गुणवत्ता की दोबारा जांच कराने को तैयार है. उसके लिए दिल्ली सरकार अपने अधिकारियों की एक टीम बनाए और मंत्रालय भी अपने अधिकारियों की एक टीम बनाएगा और दोनों टीमों के अधिकारी मिलकर पानी की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट जनता के सामने पेश करेंगे.

दिल्ली के पानी की गुणवत्ता की जांच को लेकर मीडिया से बात करते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान.

इसे भी पढ़ें- पानी पर आर-पार: दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट में भी पानी का एक सैंपल फेल

रामविलास पासवान ने दिया जवाब
पासवान ने बुधवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, '16 नवंबर को बीआईएस (BIS) द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से एकत्र किए गए पानी के निर्धारित मानकों के अनुसार शुद्धता की रैंकिंग जारी की गयी थी. 18 नवंबर को मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह अनुरोध करते हुए पत्र लिखा कि संयुक्त टीम के लिए केंद्र की ओर से बीआईएस के डीजी और डीडीजी (लैब) का नाम भेजा जा रहा है और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी अपनी ओर से सक्षम वरिष्ठ अधिकारियों का नाम मुझे दें.'

दिल्ली के पानी की गुणवत्ता की जांच को लेकर मीडिया से बात करते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान.
पासवान ने कहा, '20 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मुझे पत्र के माध्यम से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य सलभ कुमार के नाम भेजे. इस पत्र के जवाब में मैंने अरविंद केजरीवाल को उसी दिन पुनः लिखा कि आपके पत्र में दिए गए दो नामों से एक दिनेश मोहनिया संगम विहार से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. निष्पक्ष जांच के लिए यह आवश्यक यह है कि टीम में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों/ विशेषज्ञ का नाम होना जरूरी है. साथ ही मैंने यह अभी अनुरोध किया कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाई जा रही 32 टीमों के लिए बीआईएस की ओर से आज ही 32 नाम आपको भेज दिए जाएंगे.'
दिल्ली के पानी की गुणवत्ता की जांच को लेकर मीडिया से बात करते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान.
बकौल पासवान, '20 नवंबर को ही बीआईएस के डीजी के द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया कि पानी के नमूने लेने हेतु उनकी ओर से 32 टीमों के लिए 32 सदस्यों के नाम भेजे जा रहे हैं और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से भी सभी 32 टीमों के लिए 32 सदस्यों के नाम दिए जाएं.'

इसे भी पढ़ें- दिल्ली के पानी को लेकर रामविलास-केजरीवाल आमने-सामने

बैठक में दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से किसी ने भी भाग नहीं लिया
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि इसके बाद दिनेश मोहनिया ने बीआईएस के महानिदेशक को एक पत्र लिखा, जिसमें पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दो नामों के अनुसार बैठक हेतु समय निर्धारित करने की मांग की गई. 21 नवंबर को बीआईएस द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखा गया, जिसमें 22 नवंबर को पूर्वाह्न दस बजे एक मीटिंग रखे जाने की सूचना दी गई.

रामविलास के अनुसार, '22 नवंबर को आयोजित बैठक में दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से किसी ने भी भाग नहीं लिया. इसके बाद बीआईएस के डीजी ने दिनेश मोहनिया को पत्र लिख अनुरोध किया कि माननीय मंत्री जी द्वारा 20 नवंबर को लिखे गए पत्र के आलोक में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों/ विशेषज्ञ का नाम दिया जाए.'

बता दें कि 25 नवंबर को रामविलास ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पुनः पत्र लिखकर अवगत कराया कि अब तक उनकी ओर से पानी की गुणवत्ता की जांच हेतु 32 अधिकारियों के नाम प्राप्त नहीं हुए हैं. यह भी अनुरोध किया गया कि पानी की जांच एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब से ही होनी चाहिए. बीआईएस द्वारा 9 दिसंबर को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में जलापूर्ति से जुड़े अधिकारियों से भाग लेने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है.

नई दिल्ली : भारतीय मानक ब्यूरो ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि दिल्ली में पीने का पानी बहुत दूषित है. इस रिपोर्ट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल खड़े किए थे और इसे राजनीति से प्रेरित बताया था.

दरअसल केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) आता है.

केजरीवाल की आपत्ति के बाद केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने उन्हें पत्र लिखकर जानकारी दी थी कि मंत्रालय पानी की गुणवत्ता की दोबारा जांच कराने को तैयार है. उसके लिए दिल्ली सरकार अपने अधिकारियों की एक टीम बनाए और मंत्रालय भी अपने अधिकारियों की एक टीम बनाएगा और दोनों टीमों के अधिकारी मिलकर पानी की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट जनता के सामने पेश करेंगे.

दिल्ली के पानी की गुणवत्ता की जांच को लेकर मीडिया से बात करते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान.

इसे भी पढ़ें- पानी पर आर-पार: दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट में भी पानी का एक सैंपल फेल

रामविलास पासवान ने दिया जवाब
पासवान ने बुधवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, '16 नवंबर को बीआईएस (BIS) द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से एकत्र किए गए पानी के निर्धारित मानकों के अनुसार शुद्धता की रैंकिंग जारी की गयी थी. 18 नवंबर को मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह अनुरोध करते हुए पत्र लिखा कि संयुक्त टीम के लिए केंद्र की ओर से बीआईएस के डीजी और डीडीजी (लैब) का नाम भेजा जा रहा है और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी अपनी ओर से सक्षम वरिष्ठ अधिकारियों का नाम मुझे दें.'

दिल्ली के पानी की गुणवत्ता की जांच को लेकर मीडिया से बात करते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान.
पासवान ने कहा, '20 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मुझे पत्र के माध्यम से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य सलभ कुमार के नाम भेजे. इस पत्र के जवाब में मैंने अरविंद केजरीवाल को उसी दिन पुनः लिखा कि आपके पत्र में दिए गए दो नामों से एक दिनेश मोहनिया संगम विहार से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं. निष्पक्ष जांच के लिए यह आवश्यक यह है कि टीम में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों/ विशेषज्ञ का नाम होना जरूरी है. साथ ही मैंने यह अभी अनुरोध किया कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाई जा रही 32 टीमों के लिए बीआईएस की ओर से आज ही 32 नाम आपको भेज दिए जाएंगे.'
दिल्ली के पानी की गुणवत्ता की जांच को लेकर मीडिया से बात करते केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान.
बकौल पासवान, '20 नवंबर को ही बीआईएस के डीजी के द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया कि पानी के नमूने लेने हेतु उनकी ओर से 32 टीमों के लिए 32 सदस्यों के नाम भेजे जा रहे हैं और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से भी सभी 32 टीमों के लिए 32 सदस्यों के नाम दिए जाएं.'

इसे भी पढ़ें- दिल्ली के पानी को लेकर रामविलास-केजरीवाल आमने-सामने

बैठक में दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से किसी ने भी भाग नहीं लिया
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि इसके बाद दिनेश मोहनिया ने बीआईएस के महानिदेशक को एक पत्र लिखा, जिसमें पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए दो नामों के अनुसार बैठक हेतु समय निर्धारित करने की मांग की गई. 21 नवंबर को बीआईएस द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखा गया, जिसमें 22 नवंबर को पूर्वाह्न दस बजे एक मीटिंग रखे जाने की सूचना दी गई.

रामविलास के अनुसार, '22 नवंबर को आयोजित बैठक में दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से किसी ने भी भाग नहीं लिया. इसके बाद बीआईएस के डीजी ने दिनेश मोहनिया को पत्र लिख अनुरोध किया कि माननीय मंत्री जी द्वारा 20 नवंबर को लिखे गए पत्र के आलोक में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों/ विशेषज्ञ का नाम दिया जाए.'

बता दें कि 25 नवंबर को रामविलास ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पुनः पत्र लिखकर अवगत कराया कि अब तक उनकी ओर से पानी की गुणवत्ता की जांच हेतु 32 अधिकारियों के नाम प्राप्त नहीं हुए हैं. यह भी अनुरोध किया गया कि पानी की जांच एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब से ही होनी चाहिए. बीआईएस द्वारा 9 दिसंबर को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में जलापूर्ति से जुड़े अधिकारियों से भाग लेने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है.

Intro:दिल्ली में पानी की दोबारा जांच के लिए केजरीवाल ने अब तक 32 अधिकारियों के नाम नहीं दिए- रामविलास पासवान

नयी दिल्ली- केंद्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के under में ही भारतीय मानक ब्यूरो आता है, भारतीय मानक ब्यूरो ने एक रिपोर्ट जारी किया था जिसमें बताया गया था कि दिल्ली में पीने का पानी बहुत दूषित है, इस रिपोर्ट पर अरविंद केजरीवाल ने सवाल खड़े किए थे और इसको राजनीति से प्रेरित बताया था. उसके बाद रामविलास पासवान ने अरविंद केजरीवाल से कहा था कि हम पानी की जांच दोबारा कराने को तैयार हैं, दिल्ली सरकार अपने अधिकारियों की एक टीम बनाये और हम भी अपने अधिकारियों की एक अपनी टीम बनाएंगे और दोनों टीमों के अधिकारी मिलकर पानी की जांच कराएंगे और रिपोर्ट जनता के सामने पेश करेंगे


Body:रामविलास पासवान ने आज कहा कि 16 नवंबर को बीआईएस द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से एकत्र किए गए पानी के निर्धारित मानकों के अनुसार शुद्धता की रैंकिंग जारी की गयी थी, 18 नवंबर को मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह अनुरोध करते हुए पत्र लिखा कि संयुक्त टीम के लिए केंद्र की ओर से बीआईएस के डीजी और डीडीजी (लैब) का नाम भेजा जा रहा है और दिल्ली के मुख्यमंत्री भी अपनी ओर से सक्षम वरिष्ठ अधिकारियों का नाम मुझे दें

रामविलास पासवान ने कहा कि 20 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मुझे पत्र के माध्यम से दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य सलभ कुमार का नाम दिया, इस पत्र के जवाब में मैंने अरविंद केजरीवाल को उसी दिन पुनः लिखा कि आपके पत्र में दिए गए 2 नामों से एक दिनेश मोहनिया संगम विहार से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं, निष्पक्ष जांच के लिए यह जरूरी है कि टीम में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों/ विशेषज्ञ का नाम होना जरूरी है, साथ ही मैंने यह अभी अनुरोध किया कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाई जा रही 32 टीमों के लिए बीआईएस की ओर से आज ही 32 नाम आपको भेज दिए जाएंगे

रामविलास पासवान ने कहा कि 20 नवंबर को ही बीआईएस के डीजी के द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया कि पानी के नमूने लेने हेतु उनकी ओर से 32 टीमों के लिए 32 सदस्यों के नाम भेजे जा रहे हैं और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से भी सभी 32 टीमों के लिए 32 सदस्यों का नाम दिया जाए

रामविलास पासवान ने कहा कि इसके बाद ही दिनेश मोहनिया ने बीआईएस के महानिदेशक को एक पत्र लिखा जिसमें पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए 2 नामों के अनुसार बैठक हेतु समय निर्धारित की मांग की गई, 21 नवंबर को बीआईएस द्वारा दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखा गया जिसमें 22 नवंबर को सुबह 10:00 बजे एक मीटिंग रखे जाने की सूचना दी गई


Conclusion:रामविलास पासवान ने कहा कि 22 नवंबर को आयोजित बैठक में दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से किसी ने भी भाग नहीं लिया, इसके बाद बीआईएस के डीजी ने दिनेश मोहनिया को पत्र लिख अनुरोध किया कि माननीय मंत्री जी द्वारा 20 नवंबर को लिखे गए पत्र के आलोक में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों/ विशेषज्ञ का नाम दिया जाए

बता दें 25 नवंबर को रामविलास पासवान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पुनः पत्र लिखकर अवगत कराया कि अभी तक उनकी ओर से पानी की जांच हेतु 32 अधिकारियों के नाम प्राप्त नहीं हुए हैं, यह भी अनुरोध किया गया कि पानी की जांच एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब से ही होनी चाहिए, बीआईएस द्वारा 9 दिसंबर को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में जलापूर्ति से जुड़े अधिकारियों से भाग लेने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है
Last Updated : Nov 27, 2019, 10:43 PM IST
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