अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई. बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र सहित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज के अलावा मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी एल एंड टी और सहयोगी टाटा कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे.
शुक्रवार की बैठक में मंदिर निर्माण के लिए एल एंड टी के इंजीनियर ने बुनियाद के डिजाइन का प्रजेंटेशन दिया. बैठक में मौजूद समिति और ट्रस्ट के सदस्यों ने इस डिजाइन पर अंतिम निर्णय लिया है.
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ शुरू हुआ मलबा हटाने का काम
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि गुरुवार को ही मलबा हटाने का काम हम सभी ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के बाद शुरू करा दिया था. बुनियाद के लिए 40 फीट मलबा हटाया जाना है, जिसके बाद तय की गई डिजाइन के अनुसार बुनियाद डालने का काम शुरू होगा.
उन्होंने कहा कि मलबा हटाने का काम शुरू होने पर जिस स्थान पर ठोस मिट्टी मिल जाएगी, वहां से बुनियाद का कार्य शुरू होगा.
15 फरवरी तक अयोध्या पहुंचेगा डिजाइन
श्रीराज जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज ने बताया कि टाटा और एल एंड टी कंपनी के इंजीनियरों ने नींव की डिजाइन को प्रस्तुत किया था, जिसे देखने के बाद हम सभी ने डिजाइन को फाइनल मान लिया है. नींव की डिजाइन फरवरी तक अयोध्या पहुंच जाएगी.
उन्होंने बताया कि मुंबई के लैब में डिजाइन बन रही है. जैसे ही डिजाइन आ जाएगी, बुनियाद डालने का काम शुरू हो जाएगा.
दो दिवसीय बैठक में राम जन्मभूमि की सुरक्षा को लेकर भी कई अहम निर्णय लिए गए हैं. राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में भी कुछ परिवर्तन संभव है, जिससे मंदिर का निर्माण कार्य सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके.
भुरभुरी मिट्टी मिलने से रुका था बुनियाद डालने का काम
बता दें कि मंदिर निर्माण से पूर्व बुनियाद डालने का एक बार पहले भी प्रयास हो चुका है. लेकिन निर्माण स्थल के नीचे भुरभुरी मिट्टी मिलने के कारण यह योजना सफल नहीं हुई, जिसके बाद अब नए सिरे से मंदिर की बुनियाद डालने पर अंतिम निर्णय लिया गया है.
ट्रस्ट और समिति के सदस्यों ने यह विश्वास जताया है कि जब तक मलबा हटाने का काम संपन्न होगा, तब तक मुंबई के लैब से बुनियाद की डिजाइन का नक्शा भी आ जाएगा, जिसके बाद तेज रफ्तार से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकेगा.
शुक्रवार को हुई निर्णायक बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और ट्रस्ट के सदस्यों के अलावा मंडलायुक्त अयोध्या एमपी अग्रवाल सहित जिला प्रशासन के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.