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शहीद तेनजिन की अंतिम यात्रा में शामिल हुए राम माधव

चीनी सेना के नापाक इरादों पर पानी फेरने वाले स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के कमांडो नइमा तेनजिन का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ लेह में किया गया. तेनजिन के अंतिम संस्कार में भाजपा नेता राम माधव ने हिस्सा लिया और श्रद्धांजलि अर्पित की. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

- Ram Madhav attends funeral of martyr Tibetan jawan
शहीद तेनजिन की अंतिम यात्रा
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Published : Sep 7, 2020, 8:16 PM IST

लेह : वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पार्टी की पहली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के सूबेदार नइमा तेनजिन की अंत्येष्टि में भाग लिया, लेकिन उन्होंने बाद में उस ट्वीट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने शहीद जवान को बहादुर बताते हुए उनकी सराहना की थी. डिलीट किए जा चुके अपने ट्वीट में, उन्होंने 'भारत-चीन' सीमा के बजाय 'भारत-तिब्बत' सीमा लिखा था. दरअसल, चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है.

शहीद की अंत्येष्टि में उनकी उपस्थिति को चीन के लिए एक मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है. सूबेदार तेनजिन पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर एक अभियान के दौरान शहीद हो गए थे और सोमवार को लेह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई. तेनजिन खुद तिब्बती थे. यहां तक कि, उनकी अंतिम यात्रा के दौरान 'भारत माता की जय', 'जय तिब्बत' और 'विकास रेजिमेंट जिंदाबाद' के नारे लग रह थे और तिब्बती झंडे लहरा रहे थे. माधव ने शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की.

हालांकि, संबंधित ट्वीट को उन्होंने नया पोस्ट किए बिना हटा दिया. माधव ने ट्वीट किया था, 'एसएफएफ जवान नइमा तेनजिन के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, एक तिब्बती, जिन्होंने लद्दाख में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए जीवन बलिदान कर दिया. ऐसे बहादुर सैनिकों के बलिदानों को भारत-तिब्बत सीमा पर शांति लाने दें. यह सभी शहीदों को असल श्रद्धांजलि होगी.' उन्होंने अंत्येष्टि में खुद के भाग लेने की चार तस्वीरें भी पोस्ट की थीं.

हालांकि, इस तरह के मजबूत शब्दों में किए गए ट्वीट और उससे भी अधिक प्रभावशाली हावभाव व संकेत देने के बाद, ट्वीट को डिलीट करने के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया है.

यह भी पढ़ें- शहादत को सलाम : शहीद तेनजिन के अंतिम यात्रा में उमड़ा लद्दाख

तेनजिन पिछले सप्ताह पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी घुसपैठ को विफल करने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान लैंडमाइन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे. अभियान के दौरान, एक अन्य जवान 24 वर्षीय तेनजिन लोडेन, उसी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसका इलाज लद्दाख के सैन्य अस्पताल में चल रहा है.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब चार महीनों से गतिरोध है.

लेह : वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पार्टी की पहली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के सूबेदार नइमा तेनजिन की अंत्येष्टि में भाग लिया, लेकिन उन्होंने बाद में उस ट्वीट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने शहीद जवान को बहादुर बताते हुए उनकी सराहना की थी. डिलीट किए जा चुके अपने ट्वीट में, उन्होंने 'भारत-चीन' सीमा के बजाय 'भारत-तिब्बत' सीमा लिखा था. दरअसल, चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है.

शहीद की अंत्येष्टि में उनकी उपस्थिति को चीन के लिए एक मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है. सूबेदार तेनजिन पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर एक अभियान के दौरान शहीद हो गए थे और सोमवार को लेह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई. तेनजिन खुद तिब्बती थे. यहां तक कि, उनकी अंतिम यात्रा के दौरान 'भारत माता की जय', 'जय तिब्बत' और 'विकास रेजिमेंट जिंदाबाद' के नारे लग रह थे और तिब्बती झंडे लहरा रहे थे. माधव ने शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की.

हालांकि, संबंधित ट्वीट को उन्होंने नया पोस्ट किए बिना हटा दिया. माधव ने ट्वीट किया था, 'एसएफएफ जवान नइमा तेनजिन के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, एक तिब्बती, जिन्होंने लद्दाख में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए जीवन बलिदान कर दिया. ऐसे बहादुर सैनिकों के बलिदानों को भारत-तिब्बत सीमा पर शांति लाने दें. यह सभी शहीदों को असल श्रद्धांजलि होगी.' उन्होंने अंत्येष्टि में खुद के भाग लेने की चार तस्वीरें भी पोस्ट की थीं.

हालांकि, इस तरह के मजबूत शब्दों में किए गए ट्वीट और उससे भी अधिक प्रभावशाली हावभाव व संकेत देने के बाद, ट्वीट को डिलीट करने के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया है.

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तेनजिन पिछले सप्ताह पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी घुसपैठ को विफल करने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान लैंडमाइन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे. अभियान के दौरान, एक अन्य जवान 24 वर्षीय तेनजिन लोडेन, उसी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसका इलाज लद्दाख के सैन्य अस्पताल में चल रहा है.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब चार महीनों से गतिरोध है.

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