ETV Bharat / bharat

चुनावी रैली में बोले प्रधानमंत्री- शाहीन बाग प्रदर्शन संयोग नहीं, सौहार्द बिगाड़ने वाला प्रयोग

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी मैदान में जनसभा को संबोधित किया.

etvbharat
दिल्ली में पीएम मोदी
author img

By

Published : Feb 3, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 12:44 AM IST

नई दिल्ली : आठ फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले रानजीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी मैदान में जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान पीएम ने आम आदमी पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा.

केजरीवाल का नकाब उतर गया
कुछ लोग राजनीति बदलने आए थे, उनका नकाब अब उतर चुका है. उनका असली रंग, रूप, और मकसद, उजागर हो गया है, लेकिन आपको याद होगा जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, तब इसी दिल्ली में देश की सेना, हमारे वीर जवानों को कठघरे में खड़ा कर दिया गया था.

शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन संयोग नहीं
सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सिजिटनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर प्रदर्शन हुए हैं. क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं. इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजायन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है. ये सिर्फ एक कानून का विरोध होता, तो सरकार के तमाम आश्वासनों के बाद समाप्त हो जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लोगों को भड़का रहे हैं. संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बांटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है.

जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी

टुकड़े-टुकड़े गैंग को बचाया
याद करिए, जब आतंकी हमलों के गुनहगारों को दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में मार गिराया, तो उसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया था. यही वो लोग हैं, जिन्होंने बाटला हाउस में आतंकियों को मारने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. यही वो लोग हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों को आज तक बचा रहे हैं.

राजनीति मानवता से बड़ी हो गई
अफसोस है कि दिल्ली के लोगों के साथ स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय में भी राजनीति की गई है. दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू ही नहीं होने दिया जा रहा. दिल्ली के गरीब और मध्यम वर्ग से ऐसी क्या दिक्कत है? क्या राजनीति, मानवता से भी बड़ी हो गई है?

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने कैसे-कैसे देश को उलझाकर रखा था. ये फैसले पहले भी लिए जा सकते थे, ये समस्याएं पहले भी सुलझाई जा सकती थीं, लेकिन जब स्वार्थ नीति ही राजनीति का आधार हो, तो फैसले टलते भी हैं और अटकते भी हैं.

बजट दशक को दिशा देने वाला
शनिवार को जो बजट आया है, वो इस साल के लिए ही नहीं बल्कि इस पूरे दशक को दिशा देने वाला है. इस बजट का लाभ दिल्ली के नौजवानों, व्यापारियों, मध्यम वर्ग, निम्म मध्यम वर्ग, गरीबों और यहां की महिलाओं, सभी को होगा.

मध्यम वर्ग के हाथ में बचेगा पैसा
इस बजट में, ये भी ध्यान रखा गया है कि मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर के हाथ में ज्यादा पैसे बचे. सरकार ने अब टैक्स की एक नई स्लैब का विकल्प दिया है. ये सरल भी है और इसमें टैक्स बचाने के लिए कुछ खास योजनाओं में ही निवेश करने का दबाव भी नहीं है.

लोकपाल का क्या हुआ?
पहली बार, देश को लोकपाल भी मिला. देश के लोगों को तो लोकपाल मिल गया, लेकिन दिल्ली के लोग आज भी इंतजार कर रहे हैं. इतना बड़ा आंदोलन और इतनी बड़ी-बड़ी बातें की गई थी, उन सबका क्या हुआ.

जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी

70 साल बाद
CAA से हिंदुओं, सिखों और ईसाईयों को नागरिकता का अधिकार कितने साल बाद मिला? -70 साल बाद. शहीद जवानों के लिए देश में नेशनल वॉर मेमोरियल कितने साल बाद बना? - 50-60 साल बाद के बाद बना. शहीद पुलिसकर्मियों के लिए नेशनल पुलिस मेमोरियल कितने साल बाद बना?- 50-60 साल के बाद बना. 84 के सिख नरसंहार में दोषियों को सज़ा कितने साल बाद मिली? 34 साल बाद. वायुसेना को नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान कितने साल बाद मिला? 35 साल बाद. बेनामी संपत्ति कानून कितने साल बाद लागू हुआ? 28 साल बाद. शत्रु संपत्ति कानून कितने साल बाद लागू हुआ? 50 साल के बाद. बोडो आंदोलन के समाधान वाला समझौता कितने साल बाद हुआ? 50 साल के बाद. पूर्व सैनिकों को OROP का लाभ कितने साल बाद मिला? 40 साल के बाद.

पीएम के संबोधन के प्रमुख अंश :

  • 20 साल आपने बहुत कुछ देख लिया है, बहुत बर्बादी आप देख चुके हैं, अब एक ही रास्ता बचा है.
  • जब तक ये लोग बैठे रहेंगे, तब तक ये दिल्ली के लोगों की भलाई के कामों में रोड़े अटकाते ही रहेंगे, रुकावट डालते रहेंगे, क्योंकि वो सिवाय राजनीति के कुछ जानते ही नहीं हैं.
  • 5 साल में 2 करोड़ घर केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए देशभर में बनाए. इसमें से एक भी घर दिल्ली सरकार की वजह से यहां नहीं बन पाया.
  • भारतीय जनता पार्टी, जो अपने हर संकल्प को पूरा करती है, जो कहती है, वो करती है. भाजपा, जिसके लिए देश का हित, देश के लोगों का हित सबसे ऊपर है. भाजपा, जो नकारात्मकता में नहीं बल्कि सकारात्मकता में भरोसा रखती है.
  • दिल्ली सिर्फ एक शहर नहीं हैं, बल्कि ये हमारे हिंदुस्तान की धरोहर है.
  • लोकसभा चुनाव में दिल्ली के लोगों ने एक-एक वोट से भाजपा की ताकत बढ़ाई. सातों सीटें देकर दिल्ली के लोगों ने बता दिया था कि वो किस दिशा में सोच रहे हैं.
    जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी
  • दिल्ली के लोगों के मन में क्या है, ये बताने की जरूरत नहीं, ये आज साफ-साफ दिख रहा है.

ऐसे में जबकि दिल्ली विधान चुनाव में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं, और विधानसभा चुनाव के प्रचार में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में पीएम मोदी की रैली पर सबकी नजरें हैं.

नई दिल्ली : आठ फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले रानजीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़कड़डूमा स्थित सीबीडी मैदान में जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान पीएम ने आम आदमी पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा.

केजरीवाल का नकाब उतर गया
कुछ लोग राजनीति बदलने आए थे, उनका नकाब अब उतर चुका है. उनका असली रंग, रूप, और मकसद, उजागर हो गया है, लेकिन आपको याद होगा जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, तब इसी दिल्ली में देश की सेना, हमारे वीर जवानों को कठघरे में खड़ा कर दिया गया था.

शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन संयोग नहीं
सीलमपुर हो, जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सिजिटनशिप अमेंडमेंट बिल को लेकर प्रदर्शन हुए हैं. क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं. इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा डिजायन है, जो राष्ट्र के सौहार्द को खंडित करने वाला है. ये सिर्फ एक कानून का विरोध होता, तो सरकार के तमाम आश्वासनों के बाद समाप्त हो जाता, लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लोगों को भड़का रहे हैं. संविधान और तिरंगे को सामने रखते हुए ज्ञान बांटा जा रहा है और असली साजिश से ध्यान हटाया जा रहा है.

जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी

टुकड़े-टुकड़े गैंग को बचाया
याद करिए, जब आतंकी हमलों के गुनहगारों को दिल्ली पुलिस ने बाटला हाउस में मार गिराया, तो उसे फर्जी एनकाउंटर कहा गया था. यही वो लोग हैं, जिन्होंने बाटला हाउस में आतंकियों को मारने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. यही वो लोग हैं जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की इच्छा रखने वालों को आज तक बचा रहे हैं.

राजनीति मानवता से बड़ी हो गई
अफसोस है कि दिल्ली के लोगों के साथ स्वास्थ्य जैसे गंभीर विषय में भी राजनीति की गई है. दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना को लागू ही नहीं होने दिया जा रहा. दिल्ली के गरीब और मध्यम वर्ग से ऐसी क्या दिक्कत है? क्या राजनीति, मानवता से भी बड़ी हो गई है?

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों ने कैसे-कैसे देश को उलझाकर रखा था. ये फैसले पहले भी लिए जा सकते थे, ये समस्याएं पहले भी सुलझाई जा सकती थीं, लेकिन जब स्वार्थ नीति ही राजनीति का आधार हो, तो फैसले टलते भी हैं और अटकते भी हैं.

बजट दशक को दिशा देने वाला
शनिवार को जो बजट आया है, वो इस साल के लिए ही नहीं बल्कि इस पूरे दशक को दिशा देने वाला है. इस बजट का लाभ दिल्ली के नौजवानों, व्यापारियों, मध्यम वर्ग, निम्म मध्यम वर्ग, गरीबों और यहां की महिलाओं, सभी को होगा.

मध्यम वर्ग के हाथ में बचेगा पैसा
इस बजट में, ये भी ध्यान रखा गया है कि मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर के हाथ में ज्यादा पैसे बचे. सरकार ने अब टैक्स की एक नई स्लैब का विकल्प दिया है. ये सरल भी है और इसमें टैक्स बचाने के लिए कुछ खास योजनाओं में ही निवेश करने का दबाव भी नहीं है.

लोकपाल का क्या हुआ?
पहली बार, देश को लोकपाल भी मिला. देश के लोगों को तो लोकपाल मिल गया, लेकिन दिल्ली के लोग आज भी इंतजार कर रहे हैं. इतना बड़ा आंदोलन और इतनी बड़ी-बड़ी बातें की गई थी, उन सबका क्या हुआ.

जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी

70 साल बाद
CAA से हिंदुओं, सिखों और ईसाईयों को नागरिकता का अधिकार कितने साल बाद मिला? -70 साल बाद. शहीद जवानों के लिए देश में नेशनल वॉर मेमोरियल कितने साल बाद बना? - 50-60 साल बाद के बाद बना. शहीद पुलिसकर्मियों के लिए नेशनल पुलिस मेमोरियल कितने साल बाद बना?- 50-60 साल के बाद बना. 84 के सिख नरसंहार में दोषियों को सज़ा कितने साल बाद मिली? 34 साल बाद. वायुसेना को नेक्स्ट जनरेशन लड़ाकू विमान कितने साल बाद मिला? 35 साल बाद. बेनामी संपत्ति कानून कितने साल बाद लागू हुआ? 28 साल बाद. शत्रु संपत्ति कानून कितने साल बाद लागू हुआ? 50 साल के बाद. बोडो आंदोलन के समाधान वाला समझौता कितने साल बाद हुआ? 50 साल के बाद. पूर्व सैनिकों को OROP का लाभ कितने साल बाद मिला? 40 साल के बाद.

पीएम के संबोधन के प्रमुख अंश :

  • 20 साल आपने बहुत कुछ देख लिया है, बहुत बर्बादी आप देख चुके हैं, अब एक ही रास्ता बचा है.
  • जब तक ये लोग बैठे रहेंगे, तब तक ये दिल्ली के लोगों की भलाई के कामों में रोड़े अटकाते ही रहेंगे, रुकावट डालते रहेंगे, क्योंकि वो सिवाय राजनीति के कुछ जानते ही नहीं हैं.
  • 5 साल में 2 करोड़ घर केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए देशभर में बनाए. इसमें से एक भी घर दिल्ली सरकार की वजह से यहां नहीं बन पाया.
  • भारतीय जनता पार्टी, जो अपने हर संकल्प को पूरा करती है, जो कहती है, वो करती है. भाजपा, जिसके लिए देश का हित, देश के लोगों का हित सबसे ऊपर है. भाजपा, जो नकारात्मकता में नहीं बल्कि सकारात्मकता में भरोसा रखती है.
  • दिल्ली सिर्फ एक शहर नहीं हैं, बल्कि ये हमारे हिंदुस्तान की धरोहर है.
  • लोकसभा चुनाव में दिल्ली के लोगों ने एक-एक वोट से भाजपा की ताकत बढ़ाई. सातों सीटें देकर दिल्ली के लोगों ने बता दिया था कि वो किस दिशा में सोच रहे हैं.
    जनसभा को संबोधित करते पीएम मोदी
  • दिल्ली के लोगों के मन में क्या है, ये बताने की जरूरत नहीं, ये आज साफ-साफ दिख रहा है.

ऐसे में जबकि दिल्ली विधान चुनाव में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं, और विधानसभा चुनाव के प्रचार में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, ऐसे में पीएम मोदी की रैली पर सबकी नजरें हैं.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 12:44 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.