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पीएम मोदी की तीन रैलियां : सावधान किया, समझाया और फिर हुए आक्रामक - जंगलराज के युवराज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में तीन रैलियां कर मतदाताओं को फिर से नई दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते नजर आए. तीनों रैलियों में उनका अलग-अलग अंदाज देखने को मिला. वे मतदाताओं को कभी सावधान करते, तो कभी समझाते नजर आए. पटना की आखिरी रैली में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला.

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Oct 28, 2020, 6:28 PM IST

Updated : Oct 28, 2020, 6:59 PM IST

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव की बाजी पलटने के लिए जाना जाता है. आज चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार पहुंचे. दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में ताबड़तोड़ रैली कर चुनाव का एजेंडा सेट किया. खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री संबोधित तो दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को कर रहे थे, मगर प्रथम चरण के 71 सीटों पर मतदान करने गया मतदाता भी इससे कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा था.

दरभंगा में चेताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह दरभंगा पहुंचे. राम मंदिर का जिक्र कर बोले, निर्माण शुरू हो चुका है और हम पर तंज करने वाले अब प्रशंसा में तालियां बजा रहे हैं. आज मां सीता अपने नैहर को तो प्रेम से निहार ही रही होंगी. सदियों की तपस्या के बाद आखिरकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होगा. रैली में आए लोग उत्साहित हुए तो मोदी ने रामायण सर्किट के जरिए मिथिलांचल में पर्यटन और तीर्थाटन की संभावनाओं के बारे में बताया. केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने लालू राज की भी याद दिलाई. इसके जरिए मोदी ने मतदान करने जा रहे मतदाताओं को संदेश दिया कि अगर भ्रम में पड़कर विपक्ष को वोट दिया तो विकास ठप हो जाएगा. मोदी ने कहा, अगर 'जंगल राज' के समर्थक सत्ता में लौटे तो बिहार महामारी के दौरान दोहरी मार झेलेगा. अगर अपहरण उद्योग पर कॉपीराइट रखने वाले लोग सत्ता में आ गए, तो सरकारी नौकरियों की बात तो भूल ही जाइए, निजी कंपनियां भी भाग जाएंगी.

मुजफ्फरपुर में समझाया

दिन चढ़ने पर मुजफ्फरपुर पहुंचे नरेंद्र मोदी लोगों को समझाते दिखे. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये समय हवा-हवाई बातें करने का नहीं है, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को एक गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है. यह चुनाव बिहार का भाविष्य तय करेगा. आपका एक वोट ये तय करेगा कि आत्मनिर्भरता का संकल्प लेकर निकले भारत में बिहार की भूमिका क्या होगी? आपका एक वोट तय करेगा कि आत्मनिर्भर बिहार का लक्ष्य कितनी तेजी से हम पूरा कर पाएंगे. महामारी के इस कठिन समय में बिहार को स्थिर सरकार बनाए रखने की जरूरत है. विकास, सुशासन को सर्वोपरि रखने वाली सरकार की जरूरत है. रैली में 'मोदी मोदी' के नारे के बीच मोदी ने कहा, 'पहले के समय जो लोग सरकार में थे, उनका मंत्र रहा है- पैसा हजम, परियोजना खत्म. उन्हें कमीशन शब्द से इतना प्रेम था कि कनेक्टिविटी (संपर्क) पर कभी ध्यान ही नहीं दिया.'

पटना में हुए आक्रामक

नरेंद्र मोदी के पटना पहुंचते दिन ढलने की ओर बढ़ने लगा था, मगर मोदी आक्रामक होते जा रहे थे. मोदी ने रैली में लोगों से सवाल किया कि बिहार के गरीब और मध्यम वर्ग की आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वो ये काम कर सकते हैं? जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे? ‘जंगलराज के युवराज’ से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है? जंगलराज की परंपरा में सब सीखने वाले लोगों को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह बिहार की जनता जानती है. वो दल जिन्होंने बिहार को अराजकता, कुशासन दिया वो फिर मौका खोज रहे हैं. कारोबारियों के साथ इनका जो बर्ताव रहा है, उसे बिहार के लोग कभी भूल नहीं सकते. रंगदारी दी तो बचेंगे, नहीं तो किडनैपिंग इंडस्ट्री का कॉपीराइट तो उन लोगों के पास ही है. इसलिए इनसे सावधान रहना है.

हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव की बाजी पलटने के लिए जाना जाता है. आज चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार पहुंचे. दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में ताबड़तोड़ रैली कर चुनाव का एजेंडा सेट किया. खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री संबोधित तो दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना के लोगों को कर रहे थे, मगर प्रथम चरण के 71 सीटों पर मतदान करने गया मतदाता भी इससे कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा था.

दरभंगा में चेताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह दरभंगा पहुंचे. राम मंदिर का जिक्र कर बोले, निर्माण शुरू हो चुका है और हम पर तंज करने वाले अब प्रशंसा में तालियां बजा रहे हैं. आज मां सीता अपने नैहर को तो प्रेम से निहार ही रही होंगी. सदियों की तपस्या के बाद आखिरकार अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू होगा. रैली में आए लोग उत्साहित हुए तो मोदी ने रामायण सर्किट के जरिए मिथिलांचल में पर्यटन और तीर्थाटन की संभावनाओं के बारे में बताया. केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने लालू राज की भी याद दिलाई. इसके जरिए मोदी ने मतदान करने जा रहे मतदाताओं को संदेश दिया कि अगर भ्रम में पड़कर विपक्ष को वोट दिया तो विकास ठप हो जाएगा. मोदी ने कहा, अगर 'जंगल राज' के समर्थक सत्ता में लौटे तो बिहार महामारी के दौरान दोहरी मार झेलेगा. अगर अपहरण उद्योग पर कॉपीराइट रखने वाले लोग सत्ता में आ गए, तो सरकारी नौकरियों की बात तो भूल ही जाइए, निजी कंपनियां भी भाग जाएंगी.

मुजफ्फरपुर में समझाया

दिन चढ़ने पर मुजफ्फरपुर पहुंचे नरेंद्र मोदी लोगों को समझाते दिखे. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये समय हवा-हवाई बातें करने का नहीं है, बल्कि जिनके पास अनुभव है, जो बिहार को एक गहरे अंधेरे से निकालकर यहां लाए हैं, उन्हें दोबारा चुनने का है. यह चुनाव बिहार का भाविष्य तय करेगा. आपका एक वोट ये तय करेगा कि आत्मनिर्भरता का संकल्प लेकर निकले भारत में बिहार की भूमिका क्या होगी? आपका एक वोट तय करेगा कि आत्मनिर्भर बिहार का लक्ष्य कितनी तेजी से हम पूरा कर पाएंगे. महामारी के इस कठिन समय में बिहार को स्थिर सरकार बनाए रखने की जरूरत है. विकास, सुशासन को सर्वोपरि रखने वाली सरकार की जरूरत है. रैली में 'मोदी मोदी' के नारे के बीच मोदी ने कहा, 'पहले के समय जो लोग सरकार में थे, उनका मंत्र रहा है- पैसा हजम, परियोजना खत्म. उन्हें कमीशन शब्द से इतना प्रेम था कि कनेक्टिविटी (संपर्क) पर कभी ध्यान ही नहीं दिया.'

पटना में हुए आक्रामक

नरेंद्र मोदी के पटना पहुंचते दिन ढलने की ओर बढ़ने लगा था, मगर मोदी आक्रामक होते जा रहे थे. मोदी ने रैली में लोगों से सवाल किया कि बिहार के गरीब और मध्यम वर्ग की आकांक्षा कौन पूरी कर सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार को बीमार बनाया, बिहार को लूटा, क्या वो ये काम कर सकते हैं? जिन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचा, बिहार के एक-एक व्यक्ति के साथ अन्याय किया, दलितों-पिछड़ों-वंचितों का हक भी हड़प लिया, क्या वो लोग बिहार की उम्मीदों को समझ भी पाएंगे? ‘जंगलराज के युवराज’ से बिहार की जनता पुराने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर और क्या अपेक्षा कर सकती है? जंगलराज की परंपरा में सब सीखने वाले लोगों को मुझसे ज्यादा अच्छी तरह बिहार की जनता जानती है. वो दल जिन्होंने बिहार को अराजकता, कुशासन दिया वो फिर मौका खोज रहे हैं. कारोबारियों के साथ इनका जो बर्ताव रहा है, उसे बिहार के लोग कभी भूल नहीं सकते. रंगदारी दी तो बचेंगे, नहीं तो किडनैपिंग इंडस्ट्री का कॉपीराइट तो उन लोगों के पास ही है. इसलिए इनसे सावधान रहना है.

Last Updated : Oct 28, 2020, 6:59 PM IST
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