नई दिल्लीः हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक है और देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझती नजर आ रही है. इस पर भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस में पहले गुटों के बीच संघर्ष चल रहा था और यह कुछ हद तक राजनीतिक पार्टियों में स्वीकार्य भी है. लेकिन अब कांग्रेस की स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि उसके रखवालों के बीच में ही संघर्ष शुरू हो गया है.
राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस के इतिहास को मैं दो रुप में देखता हूं पहला यह कि जवाहर लाल नेहरू से राजीव गांधी तक पार्टी में ब्रिटेन की विक्टोरियन संस्कृति (वंशवाद) चलती थी. दूसरी अब यह है कि सोनिया के समय में पार्टी में मुगल संस्कृति आ गई है और मां बेटा, भाई बहन, बेटी मां के बीच सत्ता का संघर्ष चल रहा है. इसी को कहा जाता है कि सत्ता का लाभ आ जाने पर लोगों की संवेदनशीलता, अपनत्व समाप्त हो जाता है. मुझे लगता है कांग्रेस की वंशवादी राजनीति समाप्त नहीं हो रही है बल्कि पतन की ओर जा रही है.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि वास्तव में राहुल और सोनिया के बीच का मतभेद अब पारिवारिक झगड़ा नहीं रह गया है. बल्कि अब दोनों के चाहने वालों में, उनकी दृष्टि में बदलाव आ गया है. कांग्रेस अब नेतृत्व विहीन हो गया है और बिना पतवार का नाव हो गया है. कांग्रेस में बचे लोग पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल होते जा रहे हैं.
पढ़ेंः असम की तरह बिहार में भी लागू हो NRC : राकेश सिन्हा
राकेश सिन्हा ने कहा कि राहुल देश में रहते है तो बड़ी बड़ी बाते करते हैं उनकी बातों से लगता है कि वे देश की समाजिक सांस्कृतिक संवेदना से बोलते हैं. लेकिन जब उनकी जरूरत देश और उनकी पार्टी को रहती है तो वह विदेश चले जाते है.