नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में 34 दिनों से जारी किसान आंदोलन पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ ताकतों ने किसानों के बीच गलतफहमियां पैदा करने की कोशिश की है. सिंह ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं, उन पर किसी भी तरह का आरोप लगाना गलत है.
किसानों को नक्सल और खलिस्तानी बताए जाने पर सिंह ने कहा कि ये आरोप किसानों पर किसी के द्वारा नहीं लगाए जाने चाहिए. हम उनके प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त करते हैं. हम किसानों के प्रति हमारे सिर झुकते हैं. वे हमारे अन्नदाता हैं. किसानों के प्रति असंवेदनशील होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. हमारे किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और केवल मैं ही पीड़ित नहीं हूं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पीड़ित हैं.
उन्होंने कहा कि हमने बहुत से किसानों से भी बात की है. किसानों से मेरा केवल यही अनुरोध है कि बिल के एक-एक खंड पर चर्चा की जानी चाहिए. किसान विशेषज्ञों को साथ लेकर आएं. हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सिख भाइयों ने हमेशा भारत की संस्कृति की रक्षा की है. देश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद किया जाएगा. उनकी ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं है.
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एमएसपी के मुद्दे पर सिंह ने कहा कि सरकार ने बार-बार कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी रहेगा. अगर नेता लोकतंत्र में वादों को पूरा नहीं करते हैं तो लोग उन्हें दंडित करेंगे. हम किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि किसान कम से कम 2 साल इस कानून को उपयोग करके देखे कि ये कानून कितना उपयोगी है फिर अगर आपको लगता है कि कानून में संशोधन करने की जरूरत है तो हमारी सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है और आज भी किसान बातचीत करे, उन्हें लगता है कि इसमें संशोधन की आवश्यकता है तो हम तैयार हैं.
सिंह ने कहा कि बातचीत हो रही है, मुझे विश्वास है इसका समाधान निकलेगा.मैं किसानों से विनती करता हूं मैंने इस कानूनों को देखा है,मैं भी कृषि मंत्री रह चुका हूं इसलिए मैं कहता हूं कि ये कानून किसानों के हित में है. राहुल गांधी मुझसे छोटे हैं और खेती के बारे में उनसे ज्यादा मैं जानता हूं. क्योंकि मेरा जन्म किसान परिवार में हुआ है. हम किसानों के खिलाफ फैसले नहीं ले सकते.