नई दिल्ली : देश ने रक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में आज बड़ी सफलता हासिल की है. डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया. भारत हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी और कहा कि ऐसी क्षमता बहुत कम देशों के पास ही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी निदर्शक यान के आज सफल उड़ान के लिए डीआरडीओ को बधाई. हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित स्क्रैमजेट इंजन ने उड़ान को ध्वनि की गति से छह गुना अधिक रफ्तार प्रदान करने में सक्षम बनाया है. बहुत कम देशों के पास आज इस प्रकार की क्षमता है.
इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन इस तकनीक से लैस हैं. यह हवा में आवाज की गति से छह गुना ज्यादा स्पीड से दूरी तय करता है.
भारत के पास अब बिना विदेशी मदद के हाइपरसोनिक मिसाइल डेवलप करने की क्षमता हो गई है.
इसके बाद डीआरडीओ अगले पांच साल में स्क्रैमजेट इंजन के साथ हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर सकता है.
इसके अलावा अंतरिक्ष में कम लागत में सैटेलाइट्स लॉन्च किए जा सकते हैं.
स्क्रैमजेट इंजन सहित लॉन्च और क्रूज वाहन के मापदंडों की निगरानी कई ट्रैकिंग राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल द्वारा की गई थी.
स्क्रैमजेट इंजन ने उच्च गतिशील दबाव और बहुत अधिक तापमान पर काम किया.
हाइपरसोनिक वाहन के क्रूज चरण के दौरान प्रदर्शन की निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी में एक जहाज भी तैनात किया गया था.
सभी प्रदर्शन मापदंडों ने मिशन की शानदार सफलता का संकेत दिया है. डीआरडीओ ने कहा कि यह परीक्षण अधिक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, सामग्रियों और हाइपरसोनिक वाहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा. यह भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में रखता है, जिन्होंने इस तकनीक का प्रदर्शन किया है.
रक्षा मंत्रा राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को मिली एक ऐतिहासिक कामयाबी के लिए बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, '@DRDO_India ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन प्रणाली का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है.'
रक्षा मंत्री ने इसे बड़ी सफलता बताते हुए कहा है कि इस सफलता के साथ, सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां अब अगले चरण की प्रगति के लिए स्थापित हो गई हैं.' उन्होंने आगे ट्वीट कर लिखा मैं डीआरडीओ को इस महान उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं, जो पीएम के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में है. मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी. भारत को उन पर गर्व है.
इससे पहले डीआरडीओ ने ट्वीट कर लिखा, 'एक ऐतिहासिक मिशन के तहत भारत ने आज स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है.'
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डीआरडीओ ने हैशटैग सशक्त भारत- #sashaktbharat और हैशटैग आत्मनिर्भर भारत- #atmanirbharbatat के साथ लिखा कि यह कामयाबी रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
एक अन्य ट्वीट में डीआरडीओ ने लिखा, 'इस मिशन के साथ डीआरडीओ ने अत्यधिक जटिल प्रौद्योगिकी के लिए क्षमताओं का प्रदर्शन किया है जो उद्योग के साथ साझेदारी में नेक्स्टजेन हाइपरसोनिक वाहनों के लिए मूलभूत अंग के रूप में काम करेगा.'
डीआरडीओ अध्यक्ष ने राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अपने दृढ़ और अटूट प्रयासों के लिए सभी वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और #HSTDV मिशन से संबंधित अन्य कर्मियों को ट्वीट करके बधाई दी.