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हाथरस मामला : संदिग्ध महिला निकलीं जबलपुर की डॉक्टर, कॉलेज ने थमाया नोटिस

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित दुष्कर्म मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया है, वह मध्य प्रदेश के जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर निकली. डॉ. राजकुमारी बंसल ने सफाई देते हुए कहा कि वह पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थीं. वह हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं. वहीं, सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर के खिलाफ प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

डॉ. राजकुमारी बंसल
डॉ. राजकुमारी बंसल
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Published : Oct 10, 2020, 4:45 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 10:56 PM IST

जबलपुर : उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित दुष्कर्म मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया, वह मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर निकली है. अपने ऊपर लगे आरोप पर डॉ. राजकुमारी बंसल ने सफाई देते हुए कहा कि वह पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थीं. उनके ऊपर लगे आरोप गलत हैं और वह हर किस्म की जांच के लिए तैयार हैं. वहीं, सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर के खिलाफ प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर राजकुमारी बंसल का कहना है कि वह हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ चार दिन रहकर आई हैं. उत्तर प्रदेश एसआईटी ने डॉक्टर राजकुमारी बंसल को अपनी संदिग्ध सूची में रखा है, जिसमें उन्हें नक्सली बताया जा रहा है. लेकिन राजकुमारी बंसल ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.

उनका कहना है कि वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर हैं और वह हाथरस केवल इसलिए गई थीं, क्योंकि उनकी पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति थी. इसके अलावा उन्होंने वहां न तो किसी को भड़काया है और न ही कोई गलत बयान दिया.

राजकुमारी बंसल का कहना है कि उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. उनकी पीड़ा सिर्फ इतनी थी कि एक पीड़ित दलित लड़की का जिस तरीके से प्रशासन ने रातो-रात अंतिम संस्कार कर मामले को खत्म करने की कोशिश की. उसमें वह परिवार अकेला पड़ गया था, इसलिए वह उस परिवार के साथ सहानुभूति देने के लिए गई थीं. उनकी मनसिकता किसी को उकसावे की नहीं थी. वह इस बात से व्यथित हैं कि पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह नहीं करना चाहिए था.

यह भी पढ़ें- आरोपियों ने लिखी एसपी को चिट्ठी, खुद को बताया निर्दोष

हाथरस मामले में फिलहाल जांच चल रही है. जांच के दौरान मामले में नक्सल कनेक्शन की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी और 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर बड़ी साजिश रच रही थी और परिवार को उकसाने का काम कर रही थी. जिसके बाद से पुलिस इस महिला की तलाश में जुटी हुई थी.

कारण बताओ नोटिस जारी
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर के खिलाफ प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. प्रबंधन का कहना कि कोई भी सरकारी कर्मचारी इस तरह के प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता है.

डॉक्टर राजकुमारी बंसल को कारण बताओ नोटिस जारी

मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार का बयान
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर पीके कसार का कहना है कि राज कुमारी बंसल ने निजी कारणों से छुट्टी ली थी, ऐसा आवेदन भी उन्होंने दिया है, लेकिन यह निजी कारण नहीं हो सकता, और यूपी के हाथरस जाकर आंदोलन में हिस्सा बनना सरकारी नियमों के खिलाफ है. कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हो सकता है. इसलिए इस पूरे मामले की जांच की जाएगी, और राजकुमारी बंसल को कारण बताओ नोटिस जारी यह पूछा गया है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया, और क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

वहीं, डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा कि यदि उनके खिलाफ कार्रवाई होती है, तो वह उसका सामना करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है, तो वह एससी-एसटी से जुड़े संगठन के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगी.

जबलपुर : उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित दुष्कर्म मामले में जिस महिला को नक्सली बताया गया, वह मध्य प्रदेश के जबलपुर मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर निकली है. अपने ऊपर लगे आरोप पर डॉ. राजकुमारी बंसल ने सफाई देते हुए कहा कि वह पीड़ित परिवार को सहानुभूति देने के लिए गई थीं. उनके ऊपर लगे आरोप गलत हैं और वह हर किस्म की जांच के लिए तैयार हैं. वहीं, सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर के खिलाफ प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर राजकुमारी बंसल का कहना है कि वह हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ चार दिन रहकर आई हैं. उत्तर प्रदेश एसआईटी ने डॉक्टर राजकुमारी बंसल को अपनी संदिग्ध सूची में रखा है, जिसमें उन्हें नक्सली बताया जा रहा है. लेकिन राजकुमारी बंसल ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.

उनका कहना है कि वह जबलपुर मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर हैं और वह हाथरस केवल इसलिए गई थीं, क्योंकि उनकी पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति थी. इसके अलावा उन्होंने वहां न तो किसी को भड़काया है और न ही कोई गलत बयान दिया.

राजकुमारी बंसल का कहना है कि उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है. उनकी पीड़ा सिर्फ इतनी थी कि एक पीड़ित दलित लड़की का जिस तरीके से प्रशासन ने रातो-रात अंतिम संस्कार कर मामले को खत्म करने की कोशिश की. उसमें वह परिवार अकेला पड़ गया था, इसलिए वह उस परिवार के साथ सहानुभूति देने के लिए गई थीं. उनकी मनसिकता किसी को उकसावे की नहीं थी. वह इस बात से व्यथित हैं कि पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह नहीं करना चाहिए था.

यह भी पढ़ें- आरोपियों ने लिखी एसपी को चिट्ठी, खुद को बताया निर्दोष

हाथरस मामले में फिलहाल जांच चल रही है. जांच के दौरान मामले में नक्सल कनेक्शन की बात सामने आई थी. बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी और 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर बड़ी साजिश रच रही थी और परिवार को उकसाने का काम कर रही थी. जिसके बाद से पुलिस इस महिला की तलाश में जुटी हुई थी.

कारण बताओ नोटिस जारी
सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर के खिलाफ प्रबंधन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. प्रबंधन का कहना कि कोई भी सरकारी कर्मचारी इस तरह के प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता है.

डॉक्टर राजकुमारी बंसल को कारण बताओ नोटिस जारी

मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार का बयान
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर पीके कसार का कहना है कि राज कुमारी बंसल ने निजी कारणों से छुट्टी ली थी, ऐसा आवेदन भी उन्होंने दिया है, लेकिन यह निजी कारण नहीं हो सकता, और यूपी के हाथरस जाकर आंदोलन में हिस्सा बनना सरकारी नियमों के खिलाफ है. कोई भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सरकार के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हो सकता है. इसलिए इस पूरे मामले की जांच की जाएगी, और राजकुमारी बंसल को कारण बताओ नोटिस जारी यह पूछा गया है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया, और क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

वहीं, डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने कहा कि यदि उनके खिलाफ कार्रवाई होती है, तो वह उसका सामना करने के लिए तैयार हैं. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है, तो वह एससी-एसटी से जुड़े संगठन के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगी.

Last Updated : Oct 10, 2020, 10:56 PM IST
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