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49 हस्तियों पर प्राथमिकी : कर्नाटक के कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

कर्नाटक के राज्यसभा सांसद ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पीएम को यह पत्र जानी मानी हस्तियों पर FIR दर्ज होने को लेकर लिखा है. जानें गौड़ा ने पीएम को लिखे पत्र में क्या कुछ कहा...

कर्नाटक के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा
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Published : Oct 9, 2019, 12:06 AM IST

बेंगलुरु : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने 49 जानी-मानी हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि उन्हें सार्वजनिक रुख अपनाकर असहमति को स्वीकार करना चाहिए और देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाये रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देना चाहिए.

उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने जिस नये भारत का वादा किया था, उसमें क्या सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

गौड़ा ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, 'आपको खत लिखने वाले उन 49 भारतीय नागरिकों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी का हम मजबूत तरीके से विरोध करते हैं.'

raajiv gauda etv bharat
कर्नाटक के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र - भाग एक

उन्होंने अपने पत्र में कहा, 'हम आपसे अपील करते हैं कि आप सार्वजनिक रुख अपनाकर देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दें.'

raajiv gauda etv bharat
कर्नाटक के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र-भाग दो

निर्देशक अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और लेखक रामचंद्र गुहा समेत अन्य द्वारा जुलाई में प्रधानमंत्री को खत लिखकर मॉब लिंचिंग (पीट-पीटकर हत्या) की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई थी.

बता दें, बिहार के मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद इन हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है. याचिका एक स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज कराई थी. खत लिखने वालों के खिलाफ राजद्रोह, धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है.

पढ़ेंः 49 हस्तियों के खिलाफ FIR, विपक्ष बोला- 'क्या मोदी का विरोध करना अपराध है ?

उन्होंने कहा कि जाति, विश्वास, धर्म, लिंग और राजनीतिक झुकाव से इतर लोगों के कल्याण के लिए जिम्मेदार नेता को अपनी चिंता के बारे में पत्र लिखना कबसे प्राथमिकी की वजह बनने लगी?

गौड़ा ने पूछा, आपने देश को जिस नए भारत का वादा किया है उसमें सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने वालों के खिलाफ क्या प्राथमिकियां दर्ज होगी.

उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री एक ऐसे नये भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जहां देश के नागरिकों की बात न सुनी जाए और उनकी चिंताओं का निबटारा न किया जाए.

गौड़ा ने कहा कि वह यह विश्वास करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री भी अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का समर्थन करेंगे ताकि मन की बात कहीं मौन की बात में न बदल जाएं.

बेंगलुरु : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने 49 जानी-मानी हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.

उन्होंने कहा कि उन्हें सार्वजनिक रुख अपनाकर असहमति को स्वीकार करना चाहिए और देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाये रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देना चाहिए.

उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने जिस नये भारत का वादा किया था, उसमें क्या सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

गौड़ा ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, 'आपको खत लिखने वाले उन 49 भारतीय नागरिकों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी का हम मजबूत तरीके से विरोध करते हैं.'

raajiv gauda etv bharat
कर्नाटक के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र - भाग एक

उन्होंने अपने पत्र में कहा, 'हम आपसे अपील करते हैं कि आप सार्वजनिक रुख अपनाकर देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दें.'

raajiv gauda etv bharat
कर्नाटक के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र-भाग दो

निर्देशक अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और लेखक रामचंद्र गुहा समेत अन्य द्वारा जुलाई में प्रधानमंत्री को खत लिखकर मॉब लिंचिंग (पीट-पीटकर हत्या) की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई थी.

बता दें, बिहार के मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद इन हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है. याचिका एक स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज कराई थी. खत लिखने वालों के खिलाफ राजद्रोह, धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है.

पढ़ेंः 49 हस्तियों के खिलाफ FIR, विपक्ष बोला- 'क्या मोदी का विरोध करना अपराध है ?

उन्होंने कहा कि जाति, विश्वास, धर्म, लिंग और राजनीतिक झुकाव से इतर लोगों के कल्याण के लिए जिम्मेदार नेता को अपनी चिंता के बारे में पत्र लिखना कबसे प्राथमिकी की वजह बनने लगी?

गौड़ा ने पूछा, आपने देश को जिस नए भारत का वादा किया है उसमें सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने वालों के खिलाफ क्या प्राथमिकियां दर्ज होगी.

उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री एक ऐसे नये भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जहां देश के नागरिकों की बात न सुनी जाए और उनकी चिंताओं का निबटारा न किया जाए.

गौड़ा ने कहा कि वह यह विश्वास करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री भी अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का समर्थन करेंगे ताकि मन की बात कहीं मौन की बात में न बदल जाएं.

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.BENGALURU MES5
KA-LETTER-RAJEEV GOWDA
FIR against celebrities: K'taka Cong MP writes to PM,
expresses protest
         Bengaluru, Oct 8 (PTI) Congress Rajya Sabha member
Rajeev Gowda on Tuesday urged Prime Minister Narendra Modi to
take a public stand welcoming dissent and assure the nation of
his commitment to upholding freedom of expression, while
expressing protest over the FIR against 49 "concerned Indian
citizens."
         He also questioned whether in 'Naya Bharat' that the
Prime Minister has promised the nation, are FIRs going to be
filed every time a citizen is critical of the government or
its policies.
         "... we would like to register our strong protest
against the FIR, against the group of 49 concerned Indian
citizens who had written to you.
         "We urge you to take a public stand welcoming dissent
and assure the nation of your commitment to upholding freedom
of expression even when it involves disagreement with you or
your government," Gowda said in his letter to Modi.
         The Congress MP was referring to an FIR lodged in
Muzaffarpur last week against 49 celebrities, including
Ramchandra Guha, Mani Ratnam and Aparna Sen, who had written
an open letter to Modi raising concern over the growing
incidents of mob lynching.
         The FIR was lodged after an order was passed by Chief
Judicial Magistrate Surya Kant Tiwari two months ago on a
petition filed by local advocate Sudhir Kumar Ojha.
         The signatories of the letter were named as accused in
his petition in which they allegedly "tarnished the image of
the country and undermined the impressive performance of the
prime minister" besides "supporting secessionist tendencies".
         The FIR was lodged under sections of the Indian Penal
Code, including those relating to sedition, public nuisance,
hurting religious feelings and insulting with an intent to
provoke breach of peace.
         "Since when has writing a letter of concern to the
elected leader of the country who is responsible for the
welfare of each of its citizens irrespective of their caste,
creed, gender, religion, or political opinion become the
trigger for an FIR?"
         "In the 'Naya Bharat' that you have promised the
nation, are FIRs going to be filed every time a citizen is
critical of the government or its policies?" Gowda asked.
         "Is the 'Naya Bharat' that you wish to create one
where citizens shall not be heard and their concerns not
addressed? Is the 'Naya Bharat' that you envision one where
all parties and individuals disagreeing with the ruling
majority will be outlawed and treated as enemies of the state?
         Is the 'Naya Bharat' that you proclaim one where
journalists are arrested for exposing failures of governance?"
he further questioned.
         A letter was written by 49 eminent personalities,
including filmmakers Mani Ratnam, Anurag Kashyap, Shyam
Benegal, actor Soumitra Chatterjee as well as vocalist Shubha
Mudgal in July this year.
         It had said the lynching of Muslims, Dalits and other
minorities must be stopped immediately, while stressing that
there was "no democracy without dissent".
         Pointing out that Article 19(1)(a) of the Indian
Constitution guarantees each and every citizen of India the
Fundamental Right to freedom of speech and expression, Gowda
said, "We are proud citizens of India and revere the values
embedded in its Constitution. As the Prime Minister of our
country, we look to you to protect these values."
         "As citizens of India we hope that every one of us can
fearlessly bring to your notice issues of national importance,
so that you can take the lead to address them.
         "We would like to believe that you too would support
the right to freedom of expression so that the 'mann ki baat'
of the well-meaning citizens of India does not turn into a
'maun ki baat'," he added. PTI KSU
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