जोधपुर : राबर्ट वाड्रा से जुड़ी कम्पनी स्काइलाइट प्राईवेट हॉस्पिटलिटी और महेश नागर के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में चल रहे मामले में ईडी की ओर से पेश किये गये दो प्रार्थना पत्रों पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो पाई. उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की अदालत में ईडी की ओर से पेश किये गये प्रार्थना पत्रों पर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं को अपना जवाब पेश करना था, लेकिन समयाभाव के चलते सुनवाई टल गई.
अब ईडी की ओर से पेश किए गए प्रार्थना पत्र पर 28 जनवरी को अगली सुनवाई होगी. ईडी ने राबर्ट वाड्रा और महेश नागर की कस्ट्रोडियल इन्ट्रोगेशन के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया है. ईडी की ओर से एडीशनल सॉलिटर जनरल आरडी रोस्तगी और जोधपुर से ईडी के अधिवक्ता भानुप्रताप बोहरा को पक्ष रखना था. वहीं राबर्ट वाड्रा और महेश नागर की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और जोधपुर से कुलदीप माथुर और विकास बालिया को पैरवी करनी थी, लेकिन सुनवाई टल गई.
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गौरतलब है कि बीकानेर के कोलायत फायरिंग रेंज में 275 बीघा जमीन खरीद फरोख्त मामले और मनी लॉन्ड्रिग को लेकर राबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काइलाइट प्राइवेट हॉस्पिटलिटी और महेश नागर के खिलाफ केस दर्ज किये गये थे. जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में राबर्ट वाड्रा की कम्पनी और महेश नागर ने उच्च न्यायालय में याचिका पेश की थी, जिस पर उनको राहत दी गई थी.
राबर्ट वाड्रा और उनकी मां मोरिन वाड्रा की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाई गई थी. मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. ऐसे में अब ईडी की ओर से दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए दो प्रार्थना पत्र पेश किये गये हैं. उन पर अब याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को जवाब पेश करना था. लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई.