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चार साल में रेलवे ने तत्काल टिकटों से 25 हजार-करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की : RTI

1997 में शुरू की गई तत्काल टिकट सेवा से रेलवे ने गत चार वर्षों में 25 हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया है. यह जानकारी रेलवे से आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 1, 2019, 2:23 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 1:44 AM IST

नई दिल्लीः तत्काल टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से रेलवे ने गत चार साल में 25,392 करोड़ रुपये की कमाई की है. यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली है.

रेलवे ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्काल कोटे से 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की. वहीं 3,862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्रीमियम तत्काल टिकटों से हुई है.

जानकारी के लिए बता दें, तत्काल टिकट बुकिंग सेवा 1997 में चुनिंदा रेलगाड़ियों में शुरू की गई थी. इसका मकसद अचानक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा देना था. वर्ष 2004 में तत्काल टिकट बुकिंग सेवा का विस्तार पूरे देश में किया गया.

पढ़ें- रेलवे का ई-टिकट खरीदना होगा अब महंगा

तत्काल टिकट के तहत द्वितीय श्रेणी में मूल किराये से 10 फीसद अतिरिक्त वसूला जाता है, जबकि बाकी अन्य श्रेणियों में यह राशि मूल किराये की 30 फीसद है. हालांकि, इस शुल्क में भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है.

प्रीमियम तत्काल सेवा 2014 में शुरू की गई थी और 50 फीसद तत्काल कोटे की सीटों की बुकिंग इसके तहत डायनेमिक किराया प्रणाली (सीट उपलब्धता के आधार पर कीमत) से होती है.

मध्यप्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी पर रेलवे ने बताया कि 2016-17 में तत्काल टिकट से रेलवे को 6,672 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. जो 2017-18 में बढ़कर 6,952 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.

रेलवे के मुताबिक तत्काल योजना अभी 2,677 रेलगाड़ियों में लागू है और कुल 11.57 सीटों में 1.71 लाख सीटों पर बुकिंग तत्काल कोटे के तहत होती है.

नई दिल्लीः तत्काल टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से रेलवे ने गत चार साल में 25,392 करोड़ रुपये की कमाई की है. यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली है.

रेलवे ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्काल कोटे से 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की. वहीं 3,862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्रीमियम तत्काल टिकटों से हुई है.

जानकारी के लिए बता दें, तत्काल टिकट बुकिंग सेवा 1997 में चुनिंदा रेलगाड़ियों में शुरू की गई थी. इसका मकसद अचानक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा देना था. वर्ष 2004 में तत्काल टिकट बुकिंग सेवा का विस्तार पूरे देश में किया गया.

पढ़ें- रेलवे का ई-टिकट खरीदना होगा अब महंगा

तत्काल टिकट के तहत द्वितीय श्रेणी में मूल किराये से 10 फीसद अतिरिक्त वसूला जाता है, जबकि बाकी अन्य श्रेणियों में यह राशि मूल किराये की 30 फीसद है. हालांकि, इस शुल्क में भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है.

प्रीमियम तत्काल सेवा 2014 में शुरू की गई थी और 50 फीसद तत्काल कोटे की सीटों की बुकिंग इसके तहत डायनेमिक किराया प्रणाली (सीट उपलब्धता के आधार पर कीमत) से होती है.

मध्यप्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी पर रेलवे ने बताया कि 2016-17 में तत्काल टिकट से रेलवे को 6,672 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ. जो 2017-18 में बढ़कर 6,952 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया.

रेलवे के मुताबिक तत्काल योजना अभी 2,677 रेलगाड़ियों में लागू है और कुल 11.57 सीटों में 1.71 लाख सीटों पर बुकिंग तत्काल कोटे के तहत होती है.

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Last Updated : Sep 29, 2019, 1:44 AM IST
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