नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ. उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा, ' वादा था 21 दिन में कोरोना खत्म करने का, लेकिन खत्म किए करोड़ों रोजगार और छोटे उद्योग.'
राहुल ने सरकार के उपायों को मोदी जी का जनविरोधी 'डिजास्टर प्लान' करार दिया है.
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अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ।
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वादा था 21 दिन में कोरोना ख़त्म करने का, लेकिन ख़त्म किए करोड़ों रोज़गार और छोटे उद्योग।
मोदी जी का जनविरोधी 'डिज़ास्टर प्लान' जानने के लिए ये वीडियो देखें। pic.twitter.com/VWJQ3xAqmG
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मोदी जी का जनविरोधी 'डिज़ास्टर प्लान' जानने के लिए ये वीडियो देखें। pic.twitter.com/VWJQ3xAqmGअचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ।
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वादा था 21 दिन में कोरोना ख़त्म करने का, लेकिन ख़त्म किए करोड़ों रोज़गार और छोटे उद्योग।
मोदी जी का जनविरोधी 'डिज़ास्टर प्लान' जानने के लिए ये वीडियो देखें। pic.twitter.com/VWJQ3xAqmG
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बेरोजगारी और नौकरियों को लेकर ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इस देश का युवा अपनी आवाज सुनाना चाहता है. अपनी रूकी हुई भर्तियों, परीक्षाओं की तिथियों, अपॉइंटमेंट एवं नई नौकरियों को लेकर युवा अपनी आवाज उठा रहा है. आज हम सबको युवाओं की रोजगार की लड़ाई में उनका साथ देने की जरूरत है.
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इसके पहले 8 सितंबर को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि मोदी जी ‘सरकारी कंपनी बेचो' मुहिम चला रहे हैं. खुद की बनायी आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की सम्पत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है. जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पे रखकर LIC को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है.