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नफरत और झूठ फैला रहा फेसबुक, सभी भारतीय करें सवाल : राहुल

कांग्रेस ने एक बार फिर बीजेपी और फेसबुक की सांठगांठ को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. इस मामले में राहुल गांधी का कहना है कि फेसबुक नफरत और झूठ फैला रहा है. वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी की फेसबुक की साझेदारी पर सलाव उठाए हैं.

फेसबुक विवाद पर राहुल गांधी
फेसबुक विवाद पर राहुल गांधी
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Published : Aug 18, 2020, 6:11 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 11:12 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि फेसबुक नफरत और झूठ फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय लोगों को इस पर सवाल करना चाहिए.

राहुल ने ट्वीट कर लिखा, 'पक्षपात, झूठी ख़बरों और नफ़रत-भरी बातों को हम कठिन संघर्ष से हासिल हुए लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे.'

उन्होंने लिखा, '@WSJ ने खुलासा किया है कि फेसबुक इस तरह के झूठ और नफ़रत फैलाने का काम करती आयी है और उस पर सभी भारतीयों को सवाल उठाना चाहिए'

इससे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य वेणुगोपाल ने मार्क जुकरबर्ग को इस मामले में पत्र लिखा.

वहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हर दिन नए खुलासे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक के बीचके संबंधों को लेकर विवाद को बढ़ा रहे हैं.

2012-14 के बीच 'बीजेपी इकोसिस्टम' में फेसबुक पर 'लॉबिंग' का आरोप लगाते हुए खेरा ने एक ज्ञापन दिया जिसमें फेसबुक की सार्वजनिक नीति की वैश्विक उपाध्यक्ष, मार्ने लेविन ने मंत्री कपिल सिब्बल और विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ एक बंद दरवाजे की बैठक की, जहां उन्होंने उल्लेख किया कि अंखी दास ने सांसदों को सलाह दी कि नियमों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा फिर से होनी चाहिए.

दास ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली को मध्यस्थ नियमों के बारे में बताते हुए एक पत्र भी लिखा था. 2012 के उस ज्ञापन में, गोपनीयता कानून का उल्लेख किया गया था, जिसे सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एपी शाह की अध्यक्षता में 'ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन पॉलिसी' द्वारा तैयार किया गया था, जहां समिति सदस्यों के साथ अंखी दास भी शमिल थीं.

खेड़ा ने आगे आरोप लगाया कि इसी अवधि में फेसबुक आईटी अधिनियम के कुछ पहलुओं को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के साथ बैठकों में सक्रिय रूप से शामिल था, जहां चार जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही थी.

उन्होंने 2018 में डेटा उल्लंघन पर चिंताओं के बावजूद फेसबुक के साथ साझेदारी जारी रखने के लिए चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए.

पढ़ें :- कांग्रेस ने फेसबुक को लिखी चिट्ठी, उच्चस्तरीय जांच की मांग की

उन्होंने आगे कहा, "अगर फेसबुक की प्रोफेशनल इंटिग्रिटी पर सवाल उठाए जाते हैं तो रविशंकर प्रसाद फेसबुक के बचाव में आगे आ जाएंगे. कोई आश्चर्य नहीं कि प्रधानमंत्री अपने सांसदों को फेसबुक पर कम से कम 3 लाख लाइक्स लाने के लिए कहते हैं फेसबुक बदले में यह सुनिश्चित करता है बीजेपी नेताओं के द्वारा फेसबुक की घोषित नीतियों के खिलाफ जा कर लिखी गई टिप्पणियां हटाई न जाएं.'

वहीं रविशंकर प्रसाद की राजीव गांधी फाउंडेशन पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी गई प्रतिक्रिया को लेकर खेड़ा ने उन्हें उस मुद्दे पर बहस करने के लिए चुनौती दी है. उन्होंने कहा, 'हम बहस के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें आरएसएस के विदेशी कनेक्शनों के बारे में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी.'

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि फेसबुक नफरत और झूठ फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय लोगों को इस पर सवाल करना चाहिए.

राहुल ने ट्वीट कर लिखा, 'पक्षपात, झूठी ख़बरों और नफ़रत-भरी बातों को हम कठिन संघर्ष से हासिल हुए लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे.'

उन्होंने लिखा, '@WSJ ने खुलासा किया है कि फेसबुक इस तरह के झूठ और नफ़रत फैलाने का काम करती आयी है और उस पर सभी भारतीयों को सवाल उठाना चाहिए'

इससे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य वेणुगोपाल ने मार्क जुकरबर्ग को इस मामले में पत्र लिखा.

वहीं एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हर दिन नए खुलासे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक के बीचके संबंधों को लेकर विवाद को बढ़ा रहे हैं.

2012-14 के बीच 'बीजेपी इकोसिस्टम' में फेसबुक पर 'लॉबिंग' का आरोप लगाते हुए खेरा ने एक ज्ञापन दिया जिसमें फेसबुक की सार्वजनिक नीति की वैश्विक उपाध्यक्ष, मार्ने लेविन ने मंत्री कपिल सिब्बल और विपक्षी पार्टी के नेताओं के साथ एक बंद दरवाजे की बैठक की, जहां उन्होंने उल्लेख किया कि अंखी दास ने सांसदों को सलाह दी कि नियमों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा फिर से होनी चाहिए.

दास ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली को मध्यस्थ नियमों के बारे में बताते हुए एक पत्र भी लिखा था. 2012 के उस ज्ञापन में, गोपनीयता कानून का उल्लेख किया गया था, जिसे सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एपी शाह की अध्यक्षता में 'ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन पॉलिसी' द्वारा तैयार किया गया था, जहां समिति सदस्यों के साथ अंखी दास भी शमिल थीं.

खेड़ा ने आगे आरोप लगाया कि इसी अवधि में फेसबुक आईटी अधिनियम के कुछ पहलुओं को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के साथ बैठकों में सक्रिय रूप से शामिल था, जहां चार जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही थी.

उन्होंने 2018 में डेटा उल्लंघन पर चिंताओं के बावजूद फेसबुक के साथ साझेदारी जारी रखने के लिए चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए.

पढ़ें :- कांग्रेस ने फेसबुक को लिखी चिट्ठी, उच्चस्तरीय जांच की मांग की

उन्होंने आगे कहा, "अगर फेसबुक की प्रोफेशनल इंटिग्रिटी पर सवाल उठाए जाते हैं तो रविशंकर प्रसाद फेसबुक के बचाव में आगे आ जाएंगे. कोई आश्चर्य नहीं कि प्रधानमंत्री अपने सांसदों को फेसबुक पर कम से कम 3 लाख लाइक्स लाने के लिए कहते हैं फेसबुक बदले में यह सुनिश्चित करता है बीजेपी नेताओं के द्वारा फेसबुक की घोषित नीतियों के खिलाफ जा कर लिखी गई टिप्पणियां हटाई न जाएं.'

वहीं रविशंकर प्रसाद की राजीव गांधी फाउंडेशन पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दी गई प्रतिक्रिया को लेकर खेड़ा ने उन्हें उस मुद्दे पर बहस करने के लिए चुनौती दी है. उन्होंने कहा, 'हम बहस के लिए तैयार हैं लेकिन उन्हें आरएसएस के विदेशी कनेक्शनों के बारे में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी.'

Last Updated : Aug 18, 2020, 11:12 PM IST
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