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राहुल गांधी को मानहानि मामले में अदालत में पेशी से छूट - 2019 लोकसभा चुनाव

राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में पेशी से छूट मिल गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के लोक सभा चुनाव की एक रैली के दौरान शाह को 'हत्या का आरोपी' बताया था. इसी बयान को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज है.

rahul gandhi defamation case
फाइल फोटो
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Published : Oct 27, 2020, 8:37 PM IST

अहमदाबाद : अहमदाबाद की एक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के एक मामले में पेशी से स्थाई छूट दे दी. मानहानि का यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ राहुल की टिप्पणी का है.

राहुल गांधी के वकील ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर.बी. इटालिया ने उनके मुवक्किल की पेशी से छूट का अनुरोध करने वाली याचिका को मंजूरी दी.

कांग्रेस नेता ने 2019 लोक सभा चुनाव के दौरान राजस्थान की एक चुनावी रैली में शाह को 'हत्या का आरोपी' बताया था, उसी सिलसिले में वह मानहानि के इस मामले का सामना कर रहे हैं.

पढ़ें-मानहानि मामला : सूरत सेशन कोर्ट में पेश हुए राहुल, 10 दिसम्बर को अगली सुनवाई

गांधी के वकील ने पिछले वर्ष सितंबर में अदालत से उनके मुवक्किल को पेशी से स्थायी छूट देने की मांग की थी, इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि वह एक राष्ट्रीय सियासी दल के नेता हैं और उनकी अनेक व्यस्तता हैं.

शिकायतकर्ता भाजपा पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट के वकील ने स्थगन की मांग की थी, जिसके चलते याचिका पर सुनवाई में देर हुआ.

जब ब्रह्मभट्ट के वकील एस वी राजू को अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल नियुक्त किया गया, तो मामले में पेश होने के लिए केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय की अनुमति की आवश्यकता हुई जिससे और देरी हुई.

गांधी जनवरी 2020 में अदालत में पेश हुए थे और खुद को बेगुनाह बताया था, उन्हें जमानत दे दी गयी थी.

अहमदाबाद : अहमदाबाद की एक अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के एक मामले में पेशी से स्थाई छूट दे दी. मानहानि का यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ राहुल की टिप्पणी का है.

राहुल गांधी के वकील ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर.बी. इटालिया ने उनके मुवक्किल की पेशी से छूट का अनुरोध करने वाली याचिका को मंजूरी दी.

कांग्रेस नेता ने 2019 लोक सभा चुनाव के दौरान राजस्थान की एक चुनावी रैली में शाह को 'हत्या का आरोपी' बताया था, उसी सिलसिले में वह मानहानि के इस मामले का सामना कर रहे हैं.

पढ़ें-मानहानि मामला : सूरत सेशन कोर्ट में पेश हुए राहुल, 10 दिसम्बर को अगली सुनवाई

गांधी के वकील ने पिछले वर्ष सितंबर में अदालत से उनके मुवक्किल को पेशी से स्थायी छूट देने की मांग की थी, इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया था कि वह एक राष्ट्रीय सियासी दल के नेता हैं और उनकी अनेक व्यस्तता हैं.

शिकायतकर्ता भाजपा पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट के वकील ने स्थगन की मांग की थी, जिसके चलते याचिका पर सुनवाई में देर हुआ.

जब ब्रह्मभट्ट के वकील एस वी राजू को अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल नियुक्त किया गया, तो मामले में पेश होने के लिए केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय की अनुमति की आवश्यकता हुई जिससे और देरी हुई.

गांधी जनवरी 2020 में अदालत में पेश हुए थे और खुद को बेगुनाह बताया था, उन्हें जमानत दे दी गयी थी.

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