वैशाली : पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए. उनके पैतृक गांव महनार के शाहपुर से उनकी अंतिम यात्रा निकली. इस दौरान हजारों की संख्या में जन सैलाब उमड़ पड़ा. हर किसी की जुबान पर 'रघुवंश बाबू अमर रहें' के नारे सुनाई दिए. वहीं, हसनपुर घाट में उनके छोटे पुत्र शशि शेखर ने मुखाग्नि दी.
शाहपुर घाट पहुंचे रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग मंत्री नीरज कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राजद के प्रदेश महासचिव आलोक कुमार मेहता, पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला, डीएम उदिता सिंह, एसपी श्री मनीष ने उन्हें पुष्प अर्पित कर भाव विभोर श्रद्धांजलि अर्पित की.
बिहार सरकार को पत्र
रघुवंश बाबू पांच बार वैशाली से सांसद रह चुके हैं. मंत्री रहते हुए वह वैशाली के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उन्होंने अपने अंतिम समय में भी बिहार सरकार पत्र लिखकर वैशाली में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सीएम के द्वारा झंडोत्तोलन की इच्छा जाहिर की है. वहीं, लॉकडाउन के दौरान उन्होंने खेती किसानी को मनरेगा के दायरे में लाने की मांग की थी. इसको लेकर रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार तक उनकी इस मांग को रखने की बात कही है.
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वैशाली में हुआ था जन्म
पूर्व केंद्रीय मंत्री की मौत से वैशाली के लोग काफी मर्माहत हैं क्योंकि रघुवंश प्रसाद सिंह का वैशाली से खास लगाव हमेशा देखने को मिलता रहा है. रघुवंश प्रसाद का जन्म वैशाली में 6 जून 1946 में हुआ था.
रघुवंश प्रसाद सिंह को सभी रघुवंश बाबू कहकर संबोधित करते थे. वो 74 साल के थे. पूर्व सांसद पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित हो गए थे. वो फेफड़े में इंफेक्शन से जूझ रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें शुक्रवार से वेंटिलेटर पर रखा गया था. उन्हें करीब एक सप्ताह पहले एम्स के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.