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लड़ाकू विमान 'राफेल' हासिल करने के बाद ताकतवर बनकर उभरेगा भारत - फ्रांस में राजनाथ सिंह

बस अब से कुछ ही देर में भारत को राफेल विमान मिल जाएगा. राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है. इससे भारतीय वायुसेना (IAF) में आमूलचूल बदलाव होगा. जानें राफेल में और क्या है खासियत...

राफेल लड़ाकू विमान
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Published : Oct 8, 2019, 4:28 PM IST

नई दिल्ली: भारत लड़ाकू विमान राफेल हासिल करने के बाद दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय भूराजनीति में ताकतवर बनकर उभरेगा. ऐसा रक्षा विशेषज्ञों का मानना है. हालांकि, हवाई क्षेत्र में चीन की ताकत का मुकाबला करने में अभी काफी वक्त लगेगा.

आपको बता दें, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज फ्रांस में 36 राफेल विमान की पहली खेप प्राप्त करेंगे, जबकि भारत के आकाश में मई 2020 में ही ये लड़ाकू विमान उड़ान भर पाएंगे.

एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि 30 सितंबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के शीघ्र बाद राफेल विमान का मिलना एक 'गेम चैंजर' है.

राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है. इससे भारतीय वायुसेना (IAF) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं.

इस बारे में सेवानिवृत्त एयर मार्शल एम. मथेश्वरण ने बताया, 'पाकिस्तान के पास मल्टी रोल विमान एफ-16 है. लेकिन वह वैसा ही है जैसा भारत का मिराज-2000 है. पाकिस्तान के पास राफेल जैसा कोई विमान नहीं है.'

ये भी पढ़ें : राफेल लाने फ्रांस पहुंचे राजनाथ, भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

मिराज का उन्नत रूप और सुखोई 30 विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान हो सकता है. देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी विज्ञान और प्रौद्योगिक के मामले में चौथी पीढ़ी की श्रेणी में रखा जा सकता है लेकिन तुलना की दृष्टि से यह काफी छोटा विमान है.

फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा, जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा. लेकिन राफेल की तुलना चीन के जे-20 से नहीं की जा सकती है. चीन द्वारा घरेलू तकनीक से विकसित यह पांचवीं पीढ़ी का विमान है.

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सफलतापूर्वक निर्माण व प्रदर्शन के बाद जे-20 विमान जल्द ही चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी एयर फोर्स ऑफ चाइना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है.

हांगकांग का अंग्रेजी अखबार साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की रिपोर्ट में चीन के सरकारी मीडिया के हवाले से बताया गया है कि बीते मार्च 2017 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वायु सेना (PLAAF) ने नवीनतम स्टील्थ फाइटर जे-20 को अपने बेड़े में शामिल किया था. इसके अलावा चीन की वायुसेना के पास चौथे और 4.5 जेनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट की संख्या 600 से ज्यादा है.

एयर मार्शल मथेश्वरण ने कहा, 'हमारे पास खुद की रक्षा करने की ताकत है, लेकिन इन क्षमताओं में वैश्विक व्यवस्था के रणनीतिक मसले भी शामिल होते हैं.' उन्होंने कहा कि वायुसेना की तुलना में चीन और भारत में काफी ज्यादा फर्क है.

ये भी पढ़ें : राफेल : विमान प्राप्त करने पेरिस से मेरिग्नैक रवाना हुए राजनाथ

रक्षा जानकारों के मुताबिक चीन अपने जे-20 से अमेरिका का मुकाबला करना चाहता है. अमेरिका के पास लॉकहीड मार्टिन के बनाए गए पांचवें जेनरेशन के एफ-22 और एफ 35 जैसे लड़ाकू विमान हैं.

गौरतलब है कि तमाम अनिश्चितताओं के बीच 2018 में भारत और रूस के बीच रक्षा सौदा हुआ था. इस डील के तहत पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट बनाए जाने की सहमति बनी है. इस बात पर अभी भी फैसला नहीं हुआ है कि भारत पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट खरीदेगा. हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों के 10 से 12 स्क्वाड्रन कम हैं.

MiG-21 के बाइसन और नॉन बाइसन वर्जन दोनों जल्द ही वायुसेना से अलग (Decommissioned) हो जाएंगे. भारतीय वायुसेना ने दावा किया है कि वह MiG-21 के बदले एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भारत में बनाने (Indigenous) के लिए प्रतिबद्ध है.

खुद वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि निकट भविष्य में आयात का कोई सवाल ही नहीं है.

नई दिल्ली: भारत लड़ाकू विमान राफेल हासिल करने के बाद दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय भूराजनीति में ताकतवर बनकर उभरेगा. ऐसा रक्षा विशेषज्ञों का मानना है. हालांकि, हवाई क्षेत्र में चीन की ताकत का मुकाबला करने में अभी काफी वक्त लगेगा.

आपको बता दें, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज फ्रांस में 36 राफेल विमान की पहली खेप प्राप्त करेंगे, जबकि भारत के आकाश में मई 2020 में ही ये लड़ाकू विमान उड़ान भर पाएंगे.

एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने कहा कि 30 सितंबर को वायु सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के शीघ्र बाद राफेल विमान का मिलना एक 'गेम चैंजर' है.

राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है. इससे भारतीय वायुसेना (IAF) में आमूलचूल बदलाव होगा क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं.

इस बारे में सेवानिवृत्त एयर मार्शल एम. मथेश्वरण ने बताया, 'पाकिस्तान के पास मल्टी रोल विमान एफ-16 है. लेकिन वह वैसा ही है जैसा भारत का मिराज-2000 है. पाकिस्तान के पास राफेल जैसा कोई विमान नहीं है.'

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मिराज का उन्नत रूप और सुखोई 30 विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान हो सकता है. देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी विज्ञान और प्रौद्योगिक के मामले में चौथी पीढ़ी की श्रेणी में रखा जा सकता है लेकिन तुलना की दृष्टि से यह काफी छोटा विमान है.

फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश होगा, जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा. लेकिन राफेल की तुलना चीन के जे-20 से नहीं की जा सकती है. चीन द्वारा घरेलू तकनीक से विकसित यह पांचवीं पीढ़ी का विमान है.

रक्षा सूत्रों ने बताया कि सफलतापूर्वक निर्माण व प्रदर्शन के बाद जे-20 विमान जल्द ही चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी एयर फोर्स ऑफ चाइना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है.

हांगकांग का अंग्रेजी अखबार साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की रिपोर्ट में चीन के सरकारी मीडिया के हवाले से बताया गया है कि बीते मार्च 2017 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वायु सेना (PLAAF) ने नवीनतम स्टील्थ फाइटर जे-20 को अपने बेड़े में शामिल किया था. इसके अलावा चीन की वायुसेना के पास चौथे और 4.5 जेनरेशन के फाइटर एयरक्राफ्ट की संख्या 600 से ज्यादा है.

एयर मार्शल मथेश्वरण ने कहा, 'हमारे पास खुद की रक्षा करने की ताकत है, लेकिन इन क्षमताओं में वैश्विक व्यवस्था के रणनीतिक मसले भी शामिल होते हैं.' उन्होंने कहा कि वायुसेना की तुलना में चीन और भारत में काफी ज्यादा फर्क है.

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रक्षा जानकारों के मुताबिक चीन अपने जे-20 से अमेरिका का मुकाबला करना चाहता है. अमेरिका के पास लॉकहीड मार्टिन के बनाए गए पांचवें जेनरेशन के एफ-22 और एफ 35 जैसे लड़ाकू विमान हैं.

गौरतलब है कि तमाम अनिश्चितताओं के बीच 2018 में भारत और रूस के बीच रक्षा सौदा हुआ था. इस डील के तहत पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट बनाए जाने की सहमति बनी है. इस बात पर अभी भी फैसला नहीं हुआ है कि भारत पांचवें जेनरेशन के एयरक्राफ्ट खरीदेगा. हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों के 10 से 12 स्क्वाड्रन कम हैं.

MiG-21 के बाइसन और नॉन बाइसन वर्जन दोनों जल्द ही वायुसेना से अलग (Decommissioned) हो जाएंगे. भारतीय वायुसेना ने दावा किया है कि वह MiG-21 के बदले एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) भारत में बनाने (Indigenous) के लिए प्रतिबद्ध है.

खुद वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि निकट भविष्य में आयात का कोई सवाल ही नहीं है.

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DEF-RAFALE-MISSILES
Rafale with Meteor and Scalp missiles will give India unrivalled combat capability: MBDA
By Manash Pratim Bhuyan
         Paris, Oct 6 (PTI) Ahead of handing over of the first Rafale jet to India, European missile maker MBDA has said that the aircraft with most advanced weapons package comprising Meteor and Scalp missiles will provide the country unrivalled deep strike capability and air dominance in the region.
         MBDA's Meteor beyond visual range air-to-air missile and Scalp cruise missile will be the mainstay of the weapons package of the 36 Rafale jets being procured by India at a cost of Rs 59,000 crore.
         "India will get new capabilities with Rafale aircraft which the country never had before. Both Scalp and Meteor missiles will be game changer for Indian Air Force," MBDA's India chief Loc Piedevache told PTI here.
         Defence Minister Rajnath Singh will receive the first Rafale jet at an air base in Paris on Tuesday, three years after India sealed the mega deal for procurement of the aircraft manufactured by French aerospace major Dassault Aviation.
         "Rafale is an amazing aircraft fitted with a very superior weapons package. It has been having great success in several important markets. We are happy to be part of the project to supply 36 Rafale to India," he said.
         He said Meteor is known to be the best beyond visual range missile in the world while Scalp is a deep strike weapon, and the Rafale with these two missiles will help India achieve unmatched air dominance in the region.
"Today, India does not have such capability," he added.
         Meteor is a next generation of BVR air-to-air missile (BVRAAM) designed to revolutionise air-to-air combat. The weapon has been developed by MBDA to combat common threats facing the UK, Germany, Italy, France, Spain and Sweden.
         Guided by an advanced active radar seeker, Meteor provides all weather capability to engage a wide variety of targets from fast jets to small unmanned aerial vehicles and cruise missiles.
         The Scalp is an air-launched long range deep strike missile, designed to deal with pre-planned attacks against high value fixed or stationary targets. Scalp has been part of the UK's Royal Air Force and the French Air Force and was used in the Gulf War.
         Newly-appointed IAF Chief Air Chief Marshal Rakesh Kumar Singh Bhadauria last week said the Rafale jets will enhance IAF's combat capabilities over its adversaries in the neighbourhood.
         Besides the missile systems, the Rafale jets will come with various India-specific modifications, including Israeli helmet-mounted displays, radar warning receivers, low band jammers, 10-hour flight data recording, infra-red search and tracking systems among others.
         Piedevache said MBDA was excited about future acquisition programme of all the three forces and was ready to offer best of technologies to India.
         "India is a strategic partner for us. We have the knowledge and technology to match India's requirement. We are also excited about the Indian Navy's submarines and frigates programmes," he said.
         MBDA has been supplying range of missiles to the Army, Navy and the Indian Air Force in the last five decades.
         Last month, it signed an agreement with defence PSU Bharat Dynamics Limited (BDL) for the final assembly, integration and test (FAIT) of Mistral and ASRAAM missiles in India.
         ASRAAM is a new generation close combat missile. The IAF's Jaguar aircraft are the first Indian platform to receive this cutting-edge air-combat missile.
         Piedevache said the MoU with BDL will help in further enhancing MBDA's engagement with India.
         "It has been MBDA's 50 year-old cooperation with India which has been very fruitful. We are fully committed to meet India's requirement," said the top executive. PTI MPB
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