मुंबईः धोखाधड़ी के पीड़ितों के एक संगठन ने आरोप लगाया कि कई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने की आरोपी मार्केटिंग फर्म क्यूनेट विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के लिए धन जुटाने का काम करती थी.
हालांकि कंपनी ने इस आरोप को खारिज किया है. जानकारी के लिए बता दें, आतंकवाद से संबंधित मामलों में भारतीय जांच एजेंसियों को नाइक की तलाश है और वह इस समय मलेशिया में रह रहे हैं.
फाइनेंशियल फ्रॉड्स विक्टिम्स वेल्फेयर एसोसिएशन ने एक बयान में आरोप लगाया कि क्यूनेट का उपयोग नाइक के लिए 'फंड-जुटाने वाले चैनल' के रूप में किया जाता था.
इस बीच क्यूनेट ने देर रात जारी एक बयान में इस संगठन के आरोपों को खारिज किया है.
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क्यूनेट के क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण एशिया) ऋषि चंडियोक ने कहा, 'क्यूनेट या इसकी किसी भी संस्था का जाकिर नाइक से कोई लेना देना नहीं है.'
उन्होंने इस आरोप को दुष्प्रचार करार दिया है.
गौरतलब है कि हाल ही में जाकिर नाईक पर मलेशिया सरकार ने भी शिकंजा कसा है. नाईक द्वारा दिए गए एक घृणित भाषण के संदर्भ में वह फिर से चर्चा में आए हैं. आपको बता दें कि अगर उनपर लगे आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो मलेशिया सरकार उनकी नागरिकता रद्द कर सकती है.
जानकारी के लिए बता दें, नाईक को मलेशिया की नागरिकता मलेशिया की पिछली सरकार ने दी थी और वह वहां पर पिछले तान साल से रह रहे हैं. नाईक पर भारत में भड़काऊ भाषण देकर उकसाने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का मुकदमा चल रहा है.
गौरतलब है कि 2016 में ढाका में हुए आतंकी हमले मामले में नाईक पर भारत और बांग्लादेश में जांच हो रही है. भारत नाईक को भारत वापस लाने की कोशिश में है. मलेशिया में नाईक पर हुई कार्रवाई से उनको भारत वापस ले आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.