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31 अगस्त या उससे पहले प्रकाशित करें अंतिम NRC लिस्ट : सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालच ने गुरुवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के प्रकाशन की अंतिम तिथि देदी. यह फैसला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश रहिंटन फली नरीमन की दो सदस्यीय पीठ ने लिया. पढ़ें पूरी खबर...

वकील सलमान खुर्शीद
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Published : Aug 9, 2019, 5:16 PM IST

नई दिल्लीःसर्वोच्च न्यायालच ने गुरुवार को आदेश दिया कि अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) 31 अगस्त को या उससे पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए.

एनआरसी के मुद्दे को उठाते हुए, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश रहिंटन फली नरीमन की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि एनआरसी प्रकाशन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है.

मामले में याचिकाकर्ता के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि 'माननीय अदालत ने अपने बयान को दोहराया है और कहा है कि 31 अगस्त एनआरसी प्रकाशन की अंतिम तिथि है.'

पढ़ें-LIVE : PM नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन

हालांकि, अदालत ने, घोषित बांग्लादेशीयों के बच्चों को एनआरसी में नामांकित किया जाना चाहिए या नहीं, के फैसले को रोक कर रखा है.

खुर्शीद ने बताया कि 'अदालत आने वाले मंगलवार को इस मुद्दे पर फैसला सुनाएगी.'

मामले की जानकारी देते सलमान खुर्शीद

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने असम नागरिक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें उन्होंने असम विधानसभा में इस बारे में जानकारी लीक होने और विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कानूनी सलाहकार सांतानु भराली के बयानों का उल्लेख किया है.

पीठ ने कहा कि उसका ऐसे बयानों से कोई सरोकार नहीं है और वह सिर्फ यह देख रही है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी बनाने की सारी कवायद 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर पूरी हो.

पीठ ने कहा, 'आपने (हजेला) विधानसभा में जानकारी का खुलासा करने के संबंध में प्रतिपक्ष के नेता के बयानों और आंकड़ों की गोपनीयता के बारे में सांतानु भराली के प्रेस बयान की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है. जहां तक प्रतिपक्ष के नेता के बयान का संबंध है, हमें इसकी गहराई में जाने की जरूरत नहीं है. जब न्यायाधीश या न्यायालय कोई आदेश पारित करता है तो कुछ लोग उसकी आलोचना करते ही हैं.'

न्यायालय ने कहा, 'हमारे आदेश और हमारी कार्रवाई हर क्षण बहस और आलोचना का विषय होती हैं. हम इससे विचलत नहीं होते. यदि हम इस पर गौर करेंगे तो हम कभी भी अपना काम पूरा नहीं कर सकेंगे.'

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे इसकी परवाह नहीं कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की कवायद के बारे में क्या कहा जा रहा है.

पीठ ने कहा, 'हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी 31 अगस्त की निर्धारित समय सीमा के भीतर ही तैयार हो. कौन इसे पसंद कर रहा है, कौन नहीं कर रहा है, हमें इसकी परवाह नहीं है.'

इससे पहले, इस मामले की सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने नागरिक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला से बातचीत की और उनसे कहा कि शायद वह इस कवायद के दौरान एकत्र किये गये आंकड़ों की गोपनीयता बनाये रखने के लिये सुझाव चाहते हैं.

सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि कामरूप जिले के एक इलाके से करीब 33,000 लोगों का सत्यापन करना होगा क्योंकि यह पता चला है कि वहां नोटिस जारी करने के मामले में शिकायतें मिली हैं.

पीठ ने नागरिकता (संशोधन) कानून, 2003 के प्रावधानों पर भी चर्चा की. ये प्रावधान राष्ट्रीय नागरिक पंजी के तहत लोगों पर विचार करने के मामले में अमल में लाये गये हैं.

पीठ ने कहा कि प्रतीक हजेला से नोट मिलने के बाद वह इस बारे में आदेश पारित करेगी कि क्या इस कानून की धारा 3 (1)(ए), 3(1)(बी) और धारा 3 (1)(सी) के आधार पर नाम शामिल किये जायेंगे.

शीर्ष अदालत ने 23 जुलाई को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अंतिम प्रकाशन की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी थी.

नई दिल्लीःसर्वोच्च न्यायालच ने गुरुवार को आदेश दिया कि अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) 31 अगस्त को या उससे पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए.

एनआरसी के मुद्दे को उठाते हुए, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश रहिंटन फली नरीमन की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि एनआरसी प्रकाशन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है.

मामले में याचिकाकर्ता के वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि 'माननीय अदालत ने अपने बयान को दोहराया है और कहा है कि 31 अगस्त एनआरसी प्रकाशन की अंतिम तिथि है.'

पढ़ें-LIVE : PM नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन

हालांकि, अदालत ने, घोषित बांग्लादेशीयों के बच्चों को एनआरसी में नामांकित किया जाना चाहिए या नहीं, के फैसले को रोक कर रखा है.

खुर्शीद ने बताया कि 'अदालत आने वाले मंगलवार को इस मुद्दे पर फैसला सुनाएगी.'

मामले की जानकारी देते सलमान खुर्शीद

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने असम नागरिक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें उन्होंने असम विधानसभा में इस बारे में जानकारी लीक होने और विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कानूनी सलाहकार सांतानु भराली के बयानों का उल्लेख किया है.

पीठ ने कहा कि उसका ऐसे बयानों से कोई सरोकार नहीं है और वह सिर्फ यह देख रही है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी बनाने की सारी कवायद 31 अगस्त की समय सीमा के भीतर पूरी हो.

पीठ ने कहा, 'आपने (हजेला) विधानसभा में जानकारी का खुलासा करने के संबंध में प्रतिपक्ष के नेता के बयानों और आंकड़ों की गोपनीयता के बारे में सांतानु भराली के प्रेस बयान की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है. जहां तक प्रतिपक्ष के नेता के बयान का संबंध है, हमें इसकी गहराई में जाने की जरूरत नहीं है. जब न्यायाधीश या न्यायालय कोई आदेश पारित करता है तो कुछ लोग उसकी आलोचना करते ही हैं.'

न्यायालय ने कहा, 'हमारे आदेश और हमारी कार्रवाई हर क्षण बहस और आलोचना का विषय होती हैं. हम इससे विचलत नहीं होते. यदि हम इस पर गौर करेंगे तो हम कभी भी अपना काम पूरा नहीं कर सकेंगे.'

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसे इसकी परवाह नहीं कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी की कवायद के बारे में क्या कहा जा रहा है.

पीठ ने कहा, 'हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी 31 अगस्त की निर्धारित समय सीमा के भीतर ही तैयार हो. कौन इसे पसंद कर रहा है, कौन नहीं कर रहा है, हमें इसकी परवाह नहीं है.'

इससे पहले, इस मामले की सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने नागरिक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला से बातचीत की और उनसे कहा कि शायद वह इस कवायद के दौरान एकत्र किये गये आंकड़ों की गोपनीयता बनाये रखने के लिये सुझाव चाहते हैं.

सुनवाई के दौरान न्यायालय को बताया गया कि कामरूप जिले के एक इलाके से करीब 33,000 लोगों का सत्यापन करना होगा क्योंकि यह पता चला है कि वहां नोटिस जारी करने के मामले में शिकायतें मिली हैं.

पीठ ने नागरिकता (संशोधन) कानून, 2003 के प्रावधानों पर भी चर्चा की. ये प्रावधान राष्ट्रीय नागरिक पंजी के तहत लोगों पर विचार करने के मामले में अमल में लाये गये हैं.

पीठ ने कहा कि प्रतीक हजेला से नोट मिलने के बाद वह इस बारे में आदेश पारित करेगी कि क्या इस कानून की धारा 3 (1)(ए), 3(1)(बी) और धारा 3 (1)(सी) के आधार पर नाम शामिल किये जायेंगे.

शीर्ष अदालत ने 23 जुलाई को असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अंतिम प्रकाशन की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी थी.

Intro:New Delhi: The Supreme Court (SC) on Thursday reiterated that final National Register of Citizen (NRC) should be published on or before August 31.


Body:Taking up the issue of NRC, a two remember bench of Justice Ranjan Gogoi and Justice Rahintan Fali Nariman said that final date for NRC publication is August 31.

"Hon'ble court has reiterated its statement and said that August 31 is the final date of NRC publication," said Salman Khurshid, advocate for the petitioner in the case.

The court, however, kept reserved it's order on whether the children of declared Bangladeshi (presently in detention camp) should get their name enrolled in NRC or not.


Conclusion:"The court will give the verdict on this particular issue on coming Tuesday," said Khurshid.

The NRC update process in Assam is being monitored by the apex court after several organisations including All Assam Students Union (AASU), Assam Public Works (APW) have approached for its interventions.

NRC process identify and detect the illegal Bangladeshi migrants who are staying in Assam.

end.

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