नई दिल्ली : कांग्रेस की युवा इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लद्दाख में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर बुधवार को यहां चीनी दूतावास के निकट प्रदर्शन किया, हालांकि कुछ देर बाद ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
भारतीय युवा कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के मुताबिक, संगठन के लोग शहीदों को श्रद्धांजलि देने के मकसद से चीनी दूतावास के बाहर मोमबत्ती जलाने आए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के जवान शहीद हुए हैं. हम उन्हें श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से चीनी दूतावास के बाहर मोमबत्ती जलाने आए थे. हमारा मकसद चीन को संदेश देना था कि वह अपनी हरकतों से बाज आ जाए. साथ ही हम प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री को सावधान करना चाहते थे कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए और हमारी एक इंच जमीन भी चीन के कब्जे में नहीं जानी चाहिए.
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने दावा किया कि हमें लगा था कि चीनी दूतावास के बाहर शांतिपूर्ण कैंडल मार्च के दौरान अपने सैनिकों की हत्या से आक्रोशित दिल्ली पुलिस हमारे साथ चलेगी, लेकिन गृह मंत्रालय के आदेश पर उन्हें अपना आक्रोश हमारे ऊपर ही निकालना पड़ा. इससे साफ हो गया कि भाजपा किसके साथ है.
संगठन के प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडे ने बताया कि युवा कांग्रेस के नेता एवं कार्यकर्ता चीनी दूतावास से कुछ दूर थे, उसी समय पुलिस ने रोक दिया और सबको थाने ले गई. बाद में इन लोगों को छोड़ दिया गया.
उधर, युवा कांग्रेस ने लद्दाख में जवानों की शहादत के बाद सेना के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए ट्विटर पर वी सपोर्ट इंडियन आर्मी हैशटैग चलाया.
संगठन के राष्ट्रीय सचिव एवं सोशल मीडिया प्रभारी वैभव वालिया ने कहा कि पूरा देश के सेना के साथ खड़ा है और हमारे इस हैशटैग को बड़े पैमाने पर लोगों का समर्थन मिला है. सरकार की कूटनीति नाकाम रही है, लेकिन हमारे सैनिकों ने देश की सरजमीं की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए.
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