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नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन - मणिपुर पीपुल फॉर सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर मणिपुर, नगालैंड और मेघालय में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हुए.

विरोध प्रदर्शन
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Published : Oct 4, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Oct 4, 2019, 12:25 PM IST

इम्फाल: नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में लाने की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के दो दिन बाद गुरुवार को मणिपुर, नगालैंड और मेघालय में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए.

इम्फाल घाटी में बड़े पैमाने पर नागरिक संस्थाओं, विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों ने कड़ी सुरक्षा के बीच विरोध प्रदर्शन किया लेकिन राज्य के किसी भी हिस्से में अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है.

नगालैंड की राजधानी कोहिमा में भीविभिन्न नगा जनजातियों के हजारों प्रतिनिधियों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में ज्वाइंट कमिटी ऑन प्रोटेक्शन ऑफ इंडिजनस पीपुल (जेसीपीआई), नगालैंड एंड नॉर्थ ईस्ट फोरम ऑफ इंडिजनस पीपुल (एनईएफआईपी) के आह्वान पर विरोध मार्च निकाला और मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में कहा गया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनजातियों के सिर पर लटक रही खतरे की तलवार है.

पढ़ें- नागरिकता संशोधन विधेयक पुनः लाया जाएगाः अमित शाह

शिलांग में आयोजित रैली में एनईएफआईपी ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन विधेयक क्षेत्र से मूल जनजातियों के खात्मे की कोशिश है.

एनईएफआईपी ने दावा किया कि अगर केंद्र सरकार नगारिकता संशोधन विधेयक को लागू करेगी तो वह संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप की मांग करेगा.

इम्फाल: नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में लाने की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के दो दिन बाद गुरुवार को मणिपुर, नगालैंड और मेघालय में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए.

इम्फाल घाटी में बड़े पैमाने पर नागरिक संस्थाओं, विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों ने कड़ी सुरक्षा के बीच विरोध प्रदर्शन किया लेकिन राज्य के किसी भी हिस्से में अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है.

नगालैंड की राजधानी कोहिमा में भीविभिन्न नगा जनजातियों के हजारों प्रतिनिधियों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में ज्वाइंट कमिटी ऑन प्रोटेक्शन ऑफ इंडिजनस पीपुल (जेसीपीआई), नगालैंड एंड नॉर्थ ईस्ट फोरम ऑफ इंडिजनस पीपुल (एनईएफआईपी) के आह्वान पर विरोध मार्च निकाला और मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में कहा गया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनजातियों के सिर पर लटक रही खतरे की तलवार है.

पढ़ें- नागरिकता संशोधन विधेयक पुनः लाया जाएगाः अमित शाह

शिलांग में आयोजित रैली में एनईएफआईपी ने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन विधेयक क्षेत्र से मूल जनजातियों के खात्मे की कोशिश है.

एनईएफआईपी ने दावा किया कि अगर केंद्र सरकार नगारिकता संशोधन विधेयक को लागू करेगी तो वह संयुक्त राष्ट्र संघ से हस्तक्षेप की मांग करेगा.

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Last Updated : Oct 4, 2019, 12:25 PM IST
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