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डॉक्टर और अस्पतालों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून लाएगा केंद्र

डॉक्टर्स और अस्पतालों पर हमले के आरोपियों के खिलाफ केंद्र सरकार कानून बनाएगा. कानून बनाने के लिए बनाई गई कमिटी ऐसा कानून लाने पर विचार कर रही है जिसके अंतर्गत हमला करने वालों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jul 10, 2019, 11:53 PM IST

IMA के महासचिव डॉ आरवी अशोकन

नई दिल्ली: केंद्र डॉक्टरों पर हमला करने और अस्पतालों में तोड़फोड़ करने वाले दोषियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जैसे कड़े कानून की लाने की पैरवी कर रहा है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में होने वाले मुद्दे पर गौर करने के लिए अंतर मंत्रालयी समिति की पहली बैठक में सभी सदस्यों ने एक सामान्य केंद्रीय कानून के लिए चयन किया है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'बैठक में मौजूद सभी दस सदस्यों ने एक केंद्रीय कानून की बात कही. कानून मंत्रालय ने यह भी कहा कि समवर्ती सूची के तहत इस उद्देश्य के लिए कानून बनाना संभव है. यह राज्य के कानूनों से ऊपर होगा.'

बता दें, बुधवार की बैठक में कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक उप समिति बनाने का निर्णय लिया गया. अशोकन ने कहा कि मसौदा समिति की पहली बैठक 17 जुलाई को होगी और पूरी समिति की बैठक 21 जुलाई को होगी.

बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने डॉक्टर और अस्पतालों पर हमले के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने के लिए अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया है. अंतर मंत्रालयी समिति के सदस्यों में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कानूनी मामलों के विभाग के सदस्य शामिल हैं.

नई दिल्ली: केंद्र डॉक्टरों पर हमला करने और अस्पतालों में तोड़फोड़ करने वाले दोषियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जैसे कड़े कानून की लाने की पैरवी कर रहा है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में होने वाले मुद्दे पर गौर करने के लिए अंतर मंत्रालयी समिति की पहली बैठक में सभी सदस्यों ने एक सामान्य केंद्रीय कानून के लिए चयन किया है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'बैठक में मौजूद सभी दस सदस्यों ने एक केंद्रीय कानून की बात कही. कानून मंत्रालय ने यह भी कहा कि समवर्ती सूची के तहत इस उद्देश्य के लिए कानून बनाना संभव है. यह राज्य के कानूनों से ऊपर होगा.'

बता दें, बुधवार की बैठक में कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक उप समिति बनाने का निर्णय लिया गया. अशोकन ने कहा कि मसौदा समिति की पहली बैठक 17 जुलाई को होगी और पूरी समिति की बैठक 21 जुलाई को होगी.

बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने डॉक्टर और अस्पतालों पर हमले के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने के लिए अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया है. अंतर मंत्रालयी समिति के सदस्यों में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कानूनी मामलों के विभाग के सदस्य शामिल हैं.

Intro:New Delhi: Centre is mulling for a stringent law upto the level of non-bailable warrant for the culprits involved attacking doctors and vandalizing hospitals.


Body:In the first meeting of the inter ministerial committee to look into the issue that took place at the Union Health Ministry all the members have opined for a common central law.

"All the ten members present in the meeting opined for a central law. The law ministry also opined that it is feasible to have a law for this purpose under the concurrent list...It will be above state laws," said Dr RV Ashokan, secretary general of the Indian Medical Association (IMA) to ETV Bharat.

In Wednesday's meeting it was decided to form a sub committee for drafting the law. "The first meeting of the draft committee will take place on July 17 and the full committee will sit on July 21," said Dr Ashokan.



Conclusion:The Union Ministry of Health and Family Welfare has constituted an inter ministerial committee to into the central legislation against assault on doctors and hospitals.

The members of the inter ministerial committee comprises of Union Ministry of Health and Family Welfare, Ministryof Home Affairs, Department of Legal Affairs among others.

end.
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