नई दिल्ली : कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार रात पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा भेजा. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वह शिवसेना में शामिल हो सकती हैं. बुधवार को उन्होंने कहा था कि पार्टी में गुंडो को तरजीह दी जा रही है.
ट्वीट कर प्रियंका ने कहा था,'पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वालों की जगह कांग्रेस में गुंडों को तरजीह दी जा रही है.' प्रियंका ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदतमीजी की थी, उन्हें पार्टी में दोबारा जगह दी जा रही है. उनका इशारा ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर था.
दरअसल मथुरा में राफेल मुद्दे को लेकर प्रियंका ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था, जहां उनके साथ पार्टी के ही कुछ सदस्यों ने दुर्व्यवहार किया. हालांकि, उनकी इस शिकायत के बाद उन सदस्यों को पार्टी से निकाल दिया गया था, लेकिन फिर से उन्हें पार्टी में शामिल करने का पत्र जारी किया गया.
प्रियंका ने 17 अप्रैल को ट्वीट कर अपना दुख व्यक्त किया था. प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'बड़े ही दुख की बात है कि पार्टी खून-पसीना देकर काम करने वालों की बजाय मारपीट करने वाले गुंडों को अधिक वरीयता देती है. पार्टी के लिए मैंने अभद्र भाषा से लेकर हाथापाई तक झेली, लेकिन फिर भी जिन लोगों ने मुझे पार्टी के अंदर धमकी दी, उनके साथ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं.'
साथ ही प्रियंका ने अपने ट्विटर अकाउंट में से कांग्रेस प्रवक्ता पद हटा दिया है. इससे पहले उन्होंने अपनी प्रोफाइल में ‘राष्ट्रीय प्रवक्ता कांग्रेस’ जोड़ा हुआ था, जो शुक्रवार को नहीं है.
बीते कुछ समय में प्रियंका कांग्रेस का बड़ा चेहरा बनकर उभरी हैं, जिन्हें हमेशा बीजेपी की कड़ी आलोचना करते हुए देखा गया है.
इससे पहले टॉम वडक्कन भी पार्टी प्रवक्ता के पद से त्याग पत्र दे दिया था. टॉम ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.