बेंगलुरु : कांग्रेस पार्टी और जद (एस) के विरोध के बीच सोमवार को कर्नाटक विधान परिषद में गोहत्या विरोधी विधेयक को ध्वनि-मत से पारित कर दिया गया. विधानसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. परिषद के उप सभापति एम के प्राणेश ने विधेयक पर मतदान कराया.
जद (एस) के कई एमएलसी ने सदन में इसको लेकर हंगामा किया. कई नेताओं ने विधेयक की प्रतियों को फाड़ दिया और उन्हें सभापति के आसन के पास फेंक दिया.
इन हंगामों के बीच, उप सभापति ने घोषणा की कि विधेयक पारित हो गया है. भाजपा सदस्यों ने मेज थपथपाकर खुशी का इजहार किया. बाद में, सदन को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया गया.
इससे पहले, पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान ने सदन में चर्चा के लिए विधेयक को प्रस्तुत किया. चर्चा के दौरान, कई कांग्रेस और जद (एस) एमएलसी ने विधेयक को किसान विरोधी करार दिया, कहा कि इसमें समाज के कुछ वर्गों को निशाना बनाया गया है.
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उन्होंने मांग की है कि इसे वापस ले लिया जाए या पुनरीक्षण के लिए संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाए. विधेयक के पारित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए चौहान ने कहा कि इस कानून से संरक्षण के प्रयासों को बल मिलेगा.