नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति शासन छह महीने के लिए लगाया गया है, लेकिन सरकार किसी भी समय फैसले की समीक्षा कर सकती है.
गौरतलब है कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में तनाव पैदा होने के बाद राज्यपाल ने पहले बीजेपी, फिर शिवसेना और इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से सरकार बनाने की इच्छा पूछी थी.
माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सरकार गठन से इनकार किए जाने के बाद दोनों दलों की ओर से सरकार गठन पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की. हालांकि, NCP के पास सरकार गठन का दावा करने के लिए मंगलवार रात 8.30 बजे तक का समय था.
इससे पहले तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच राज्यपाल की सिफारिश के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कैबिनेट की बैठक बुलाए जाने के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर अटकलें तेज हो गई. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अनुशंसा कर दी.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी विदेश यात्रा से पहले कैबिनेट की बैठक बुलाई. सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अनुशंसा कर दी है. इसके पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के हालात पर रिपोर्ट सौंपी थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संबंधित फाइल राष्ट्रपति को भेज दी है.
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने लोकतंत्र में सेंधमारी करते हुए संवैधानिक व्यवस्था का मखौल बनाया है. उन्होंने सवाल किया समय का पूरी तरह से मनमाना आवंटन क्यों? राष्ट्रपति शासन से पहले भाजपा को 48 घंटे, शिवसेना को 24 घंटे और राकांपा को 24 घंटे भी नहीं. यह राजनीतिक बईमानी है.
आपको बता दें कि राज्यपाल ने आज शाम तक एनसीपी को सरकार बनाने के लिए अपनी इच्छा बताने का विकल्प दिया था. इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को यह मौका दिया था. लेकिन शिवसेना ने साफ कर दिया था कि उसे दो दिनों का अतिरिक्त समय चाहिए. हालांकि, राज्यपाल ने उन्हें अतिरिक्त समय देने से इनकार कर दिया था.
राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की चर्चा तेज होते ही शिवसेना की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने कानूनी जानकारों से इस पर चर्चा की. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से बात की है.
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'माननीय राज्यपाल एनसीपी के चूक जाने तक राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कैसे कर सकते हैं?'
बता दें कि राज्यपाल ने शिवसेना के बाद एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया.