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प्रियंका-ज्योतिरादित्य तय करेंगे पश्चिमी यूपी की आगामी रूपरेखा - congress manthan

लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल और मंथन का दौर जारी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी हार को लेकर पार्टी के अंदर समीक्षा बैठक चल रही है. जाने क्या है पूरा मामला...

कांग्रेस के वरिष्ट नेता प्रमोद तिवारी
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Published : Jun 11, 2019, 9:58 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल और मंथन का दौर जारी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी हार को लेकर पार्टी के अंदर समीक्षा बैठक चल रही है.

प्रदेश के दोनो प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी की अगुवाई में पार्टी इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि आखिर सबसे ज्यादा सांसद, संसद में भेजने वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा कैसे साफ हो गया? साथ ही कांग्रेस इस बात को लेकर भी मंथन कर रही है कि जिन प्रदेशों में अभी हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी उन राज्यों में कांग्रेस बुरी तरह से हार कैसे गई?

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद तिवारी

समीक्षा बैठक में शामिल होने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कांग्रेस इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि आखिर पार्टी की हार हुई कैसे. अब इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को तय करना है की पार्टी को आगे कैसे ले जाना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हैं और बदले हालात में जो समीक्षा हो रही है उसमें राहुल गांधी को तय करना है कि उन्हें किनसे काम लेना है और किन से नहीं. बता दें, लोकसभा चुनाव में भारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी.

उसके बाद राहुल इस कदर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज रहे कि घर पर उन्हें मिलने आए राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से उन्होंने मुलाकात तक नहीं की. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राहुल से मिलने और उन्हें मनाने के लिए 3 बार दिल्ली आए. तीनों बार बैरंग लौटना पड़ा .इस सवाल के जवाब में प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी को तय करना है पार्टी की इतनी बड़ी हार के लिए जिम्मेदार कौन हैं? उन्हें तय करना है कि किस से काम लेना है या नहीं .

पढ़ें: हार के बाद कांग्रेस नेताओं के बीच 'सिर फुटौवल', वीडियो आया सामने

दरअसल लोकसभा चुनाव के 5 महीने पहले ही कांग्रेस ने भाजपा शासित तीन बड़े राज्य, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाई. लेकिन तीनों राज्य में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.

कांग्रेस मंथन इस बात को लेकर भी कर रही है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे दंगल में वो खुद को कहां देख रही है. एक समय बंगाल में कांग्रेस की सरकार होती थी लेकिन आज कांग्रेस का पूरी तरह से बंगाल में वजूद खत्म हो चुका है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के अंदर उथल-पुथल और मंथन का दौर जारी है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी हार को लेकर पार्टी के अंदर समीक्षा बैठक चल रही है.

प्रदेश के दोनो प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी की अगुवाई में पार्टी इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि आखिर सबसे ज्यादा सांसद, संसद में भेजने वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा कैसे साफ हो गया? साथ ही कांग्रेस इस बात को लेकर भी मंथन कर रही है कि जिन प्रदेशों में अभी हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी उन राज्यों में कांग्रेस बुरी तरह से हार कैसे गई?

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद तिवारी

समीक्षा बैठक में शामिल होने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कांग्रेस इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि आखिर पार्टी की हार हुई कैसे. अब इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को तय करना है की पार्टी को आगे कैसे ले जाना है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हैं और बदले हालात में जो समीक्षा हो रही है उसमें राहुल गांधी को तय करना है कि उन्हें किनसे काम लेना है और किन से नहीं. बता दें, लोकसभा चुनाव में भारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी.

उसके बाद राहुल इस कदर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज रहे कि घर पर उन्हें मिलने आए राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से उन्होंने मुलाकात तक नहीं की. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राहुल से मिलने और उन्हें मनाने के लिए 3 बार दिल्ली आए. तीनों बार बैरंग लौटना पड़ा .इस सवाल के जवाब में प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी को तय करना है पार्टी की इतनी बड़ी हार के लिए जिम्मेदार कौन हैं? उन्हें तय करना है कि किस से काम लेना है या नहीं .

पढ़ें: हार के बाद कांग्रेस नेताओं के बीच 'सिर फुटौवल', वीडियो आया सामने

दरअसल लोकसभा चुनाव के 5 महीने पहले ही कांग्रेस ने भाजपा शासित तीन बड़े राज्य, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाई. लेकिन तीनों राज्य में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.

कांग्रेस मंथन इस बात को लेकर भी कर रही है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे दंगल में वो खुद को कहां देख रही है. एक समय बंगाल में कांग्रेस की सरकार होती थी लेकिन आज कांग्रेस का पूरी तरह से बंगाल में वजूद खत्म हो चुका है.

Intro:उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी हार को लेकर पार्टी के अंदर समीक्षा बैठक चल रही है. प्रदेश के दोनो प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी की अगुवाई में पार्टी इस बात को लेकर मंथन कर रही है .मंगलवार को दिल्ली में इसी बात को लेकर मंथन जारी रही. इसमें प्रदेश के सभी जिला प्रभारी सांसद प्रत्याशियों व विधायकों ने भाग लिया. पार्टी इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि आखिर सबसे ज्यादा सांसद ,संसद में भेजने वाली उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा कैसे साफ हो गया ! कांग्रेस इस बात को लेकर भी मंथन कर रही है कि जिन प्रदेशों में अभी हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी उन राज्यों में कांग्रेस बुरी तरह से हार कैसे गई? समीक्षा बैठक में शामिल होने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कांग्रेस इस बात को लेकर पार्टी मंथन कर रही है कि आखिर पार्टी की हार हुई कैसे अब इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियंका गांधी को तय करना है की पार्टी को आगे कैसे ले जाना है!
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष हैं और बदले हालात में जो समीक्षा हो रही है उसमें राहुल गांधी को तय करना है कि उन्हें किनसे न काम लेना है और किन से नहीं!


Body:लोकसभा चुनाव में भारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था .उसके बाद राहुल इस कदर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से नाराज रहे कि घर पर उसे मिलने आए राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से उन्होंने मुलाकात तक नहीं की. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राहुल से मिलने और उन्हें मनाने के लिए 3 बार दिल्ली आए .तीनों बार बैरंग लौटना पड़ा .इस सवाल के जवाब में प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी को तय करना है पार्टी की इतनी बड़ी हार के लिए जिम्मेदार कौन हैं ! उन्हें तय करना है कि किस से काम लेना है या नहीं .

दरअसल लोकसभा चुनाव के 5 महीने पहले ही कांग्रेस ने भाजपा की शासित तीन बड़े राज्य, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बनाई . लेकिन तीनों राज्य में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. राहुल गांधी की नाराजगी इस बात को लेकर के भी है. इसलिए बैठकों का दौर चल रहा है.
कांग्रेस मंथन इस बात को लेकर भी कर रही है कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे दंगल में 💐वो खुद को कहां देख रही है। एक समय बंगाल में कांग्रेस की सरकार होती थी लेकिन आज कांग्रेसका पूरी तरह से बंगाल में वजूद खत्म हो चुका है. कांग्रेस का मानना है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस की राज्य में कानून-व्यवस्था कायम रह सके. इस लिहाज से यह दोनों पार्टी की जिम्मेदारी है. प्रमोद तिवारी ने कहा कि तृणमूल के साथ हमारा कोई गठबंधन नहीं .इसलिए कांग्रेस पर यह आरोप करना कि वह ममता बनर्जी के साथ सॉफ्ट है निराधार है.


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