नई दिल्ली: लोकसभा में आज ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को पेश किया.17वीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है. लेकिन इस बिल का लोकसभा में विरोध भी किया गया है. कांग्रेस और AIMIM के अलावा अब जदयू भी इसके विरोध में है.
ईटीवी भारत से बिल को लेकर बातचीत करते हुए जदयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने कहा, 'भले ही जदयू NDA में है लेकिन वह इस बिल के खिलाफ है. कुछ मुद्दों पर जनता दल यूनाइटेड का भारतीय जनता पार्टी से अलग स्टैंड है. ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ जदयू पहले भी थी और अब भी है.'
उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल ठीक है या नहीं इसके लिये इसे मुस्लिम समुदाय पर विचार के लिए छोड़ देना चाहिए.
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बिल का विरोध करते हुए यादव ने आगे कहा, 'पहले से ही जो जदयू का इस बिल को लेकर रुख रहा है अभी तक उसी रुख पर हम लोग कायम हैं. लेकिन अगर इसे लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की तरफ से कोई निर्देश आता है तो हम उसका पालन करेंगे.'
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला ने बिल को लेकर कहा कि कांग्रेस इतनी बड़ी हार के बाद भी अगर हलाला जैसी कुप्रथा का विरोध नहीं कर रही तो यह एक बत्तर व्यवस्था है.'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को अपनी हार से यह सीख जाना चाहिए था कि मुस्लिम महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाजपा को वोट दिया है और ट्रिपल तलाक और हलाला जैसी कुप्रथा मुस्लिम महिलाओं को नर्क में भेजती हैं और उनकी दयनीय स्थिति को सुधारने के लिए ही यह संशोधन बिल लाया गया है. बावजूद इसके अभी तक कांग्रेस इसका विरोध कर रही है.'
वहीं अपने ही सहयोगी पार्टी जेडीयू के विरोध पर राज्यसभा सांसद का कहना है कि जेडीयू को इसके लिये मना लिया जाएगा.